21-06-2022, 11:32 PM
पूर्ण संतुष्टि का एहसास प्राची के चेहरे पर सॉफ देखा जा सकता था...शायद अजय के लॅंड ने अंदर पहुँचकर वो खुजली मिटा दी थी,जो उसकी जीभ नही मिटा पा रही थी.
कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहकर,अजय ने धीरे-2 लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया...पहले से ही गीली हो चुकी चूत में लंड की आवाज़ गूंजने लगी..
फ़च - फ़च की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था...और साथ ही साथ दोनो की सिसकारियाँ भी...प्राची तो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी...और हर बार फिर से नये ऑर्गॅज़म के लिए तैयार भी हो जाती थी वो.
और करीब दस मिनट तक प्राची की चूत मारने के बाद अजय के लंड ने जवाब दे दिया....वो बुदबुडाया..
''आआआआआआआअहह .................ओह प्राची .....................मैं आया ....आआआआआआआआआअह्ह .............''
और उसने अपना सारा माल अंदर ही निकाल दिया...
और फिर अपना लंड बाहर खींचकर उसने उसे प्राची के मुँह में दे दिया, जिसपर लगी मलाई को उसने बड़े चाव से चाट लिया और उसे सॉफ सुथरा करके अजय के हवाले कर दिया.
अंदर का शो ख़त्म हो चुका था.इसलिए पूजा भी दबे पाँव वहाँ से निकलकर गेस्ट रूम की तरफ चल दी...और अपने बेड पर लेटकर वो उन सभी बातों को सोचने लगी जो अभी-2 उसकी आँखो के सामने घटी थी.
अजय और प्राची भी फ्रेश होकर एक दूसरे की बाहों में नंगे सो गये.
पर आज की रात कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी इस वक़्त अजय और पूजा ने कल्पना भी नही की थी,.
पूजा तो अपने कमरे में पहुंची और अपना पयज़ामा उतारकर उसने बड़ी ही बेदर्दी से दरवाजे की तरफ उछाल दिया...चूत वाले हिस्से से पूरा पायजामा भीगा हुआ था,ऐसा लग रहा था जैसे उसका पेशाब निकल गया है..पर वो था उसकी चूत का मीठा रस.
अंदर उसकी कच्छी भी जूस में डूबकर चूत के अंदर घुसी पड़ी थी...उसने बड़ी मुश्किल से कच्छी के कपड़े को अपनी चूत के होंठों से छुड़वाया ...थोड़ा दर्द भी हुआ..पर कपड़े की रगड़ जब दाने पर हुई तो मज़ा भी बहुत आया.
और फिर कच्छी को भी हवा में उड़ाकर उसने अपनी चूत को आज़ाद करवाया...टी शर्ट भी उसने उतार दी, नीचे ब्रा नहीं पहनी थी.।
और अब वो पूरी नंगी होकर अपने बेड पर लेटी हुई थी
और फिर उसने अपने काँपते हुए नर्म हाथ अपनी भभक रही चूत के उपर रखकर ज़ोर से दबा दिए .
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... उम्म्म्ममममममममममममम ....''
अंधेरे में डूबे हुए घर में उसकी सिसकारी गूँज उठी.
और ये सिसकारी उसने इतनी ज़ोर से ली थी की दूसरे कमरे में आधी नींद में सो रहे अजय के कानों तक भी जा पहुँची.
एक पल के लिए तो उसे लगा की उसकी बाहों में नंगी सो रही प्राची अभी तक अपनी चुदी हुई चूत की तरंगे महसूस करके सिसकारियाँ ले रही है...पर उसके चेहरे को देखकर साफ़ पता चल रहा था की वो तो गहरी नींद में है.
उसका दिमाग़ ठनका ..और वो बिस्तर से चुपचाप निकल कर दबे पाँव बाहर आ गया.
एक नज़र उसने मुड़कर फिर से प्राची की तरफ देखा, जो नंग धड़ंग सी होकर गहरी नींद में सो रही थी.
और फिर दरवाजा खोलकर बाहर आ गया.
और बाहर निकलते ही वो फिसलते-2 बचा...क्योंकि उसका पैर किसी चिकनी चीज़ पर जा पड़ा था..उसने झुककर नीचे देखा तो ढेर सारा तरल प्रदार्थ एक जगह पर गिरा हुआ था...उसने उंगली से छूकर उसे सूँघा और उसकी सुगंध महसूस करते ही उसकी आँखे चमक उठी.
वो चूत का रस था.और वो भी कुँवारी चूत का.
और इस वक़्त उसके घर पर सिर्फ़ एक ही कुँवारी चूत थी.
पूजा.
और पलक समझते ही वो समझ गया की पूजा उनके कमरे के बाहर खड़ी होकर उनकी चुदाई देखकर गयी है...और उनकी जबरदस्त चुदाई देखकर ही उसने अपनी चूत को इतना रगड़ा की उसका रस वहीं दरवाजे के बाहर किलो के भाव बरस गया.
और जो सिसकारी उसने एक मिनट पहले सुनी थी, वो उसी के कमरे से आई होगी.शायद ज्यादा गर्म होने की वजह से फ़िन्गरिंग कर रही है वो वक़्त
वो ये सब किसी जासूस की तरह सोचकर मुस्कुरा ही रहा था की वैसी ही एक और गर्म सिसकारी की आवाज फिर से आई.
''उूुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममम.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआआआहह''
भले ही ये सिसकारीयां ज़्यादा तेज नही थी, पर रात के सन्नाटे की वजह से वो दूर तक सुनाई दे रही थी.
और अपनी ही मदहोशी में डूबी पूजा को शायद इस बात का एहसास नही था की जिस जीजू के लंबे लंड के बारे में सोचकर वो अपनी चूत के होंठों को मसल रही है वो जीजू उसके कमरे की तरफ दबे पाँव बढ़ते आ रहे है..
उसके कमरे में जाते हुए उसके दिमाग़ में नेहा कक्कड़ का गाना बजने लगा..
कुण्डी ना खड़काओ राजा
सीधा अंदर आओ राजा
और अजय ने पूजा के कमरे का दरवाजा बिना खड़काए धीरे से धकेला तो वो खुलता चला गया..
और कमरे में ज़ीरो वॉट के बल्ब की दूधिया रोशनी में नहाई हुई उसकी नग्न साली अपनी चूत को दरवाजे की तरफ मुँह करके बंद आँखो से उसे बड़े ही आराम-2 से रगड़ रही थी..
और बंद आँखो के पीछे चल रहा था एक हसीन ख्वाब...जिसमे वो अपने जिस्म की आग को ठंडा करने का सपना देख रही थी, अब वो आधी नींद की अवस्था में जा पहुंची थी , जिसमे वो किसी और ही दुनिया में थी, पर असल में उसके हाथ भी हरकत कर रहे थे
वो सपने में देख रही थी की भारी बरसात में वो उसी पार्क में खड़ी है...और सामने वही झील है...और झील के किनारे का पानी कीचड़ जैसा हो चुका है...पूजा अपनी चूत को मसलते हुए झील के किनारे चलने लगी..वो आगे बड़ी तो उस कीचड़ में फिसल गयी...पूरा शरीर कीचड़ में लिपट कर गंदा हो गया...पर वो तो मस्ती में थी, इसलिए उस कीचड़ में गिरकर भी वो अपनी चूत को मसलती रही...बारिश और कीचड़ में भीगकर उसके कपड़े पारदर्शी हो गये..उसने सिर्फ़ एक लोंग फ्रोक पहनी हुई थी...अंदर कुछ भी नही...अपनी चूत पर गीली मिट्टी रगड़कर उसे बड़ा आनंद मिल रहा था...
तभी झाड़ियो से निकल कर अजय वहां आ गया..और किसी जानवर की तरह रेंगता हुआ वो उसके करीब जा पहुँचा..और इस वक़्त वो पूरा नंगा था..उसका लंबा लंड उसकी टाँगो के बीच झूल रहा था..पानी की बूंदे उसके कसरती शरीर पर गिरकर बूंदे बनकर फिसल रही थी..
अजय को अपने सामने देखकर उसके हाथ और तेज़ी से अपनी चूत पर चलने लगे...ख्वाब में भी और असलियत में भी..
और असलियत में तो वो अजय के सामने अपनी नंगी चूत को मसल कर उसका भरता बनाने में लगी हुई थी..
अजय ने आज पहली बार अपनी साली की वो चिकनी चूत देखी जिसे देखने के लिए वो कब से तरस रहा था..
पूजा की चूत भी उसकी बहन प्राची की तरह ही थी...बिल्कुल सफाचत और उसका चीरा भी काफ़ी लंबा था...और दाना उभरा हुआ सा..
यहा अजय उसकी चूत को निहार रहा था और उधर अपने सपने में पूजा अपनी चूत को और उभार कर अजय को दिखा रही थी..
कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहकर,अजय ने धीरे-2 लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया...पहले से ही गीली हो चुकी चूत में लंड की आवाज़ गूंजने लगी..
फ़च - फ़च की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था...और साथ ही साथ दोनो की सिसकारियाँ भी...प्राची तो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी...और हर बार फिर से नये ऑर्गॅज़म के लिए तैयार भी हो जाती थी वो.
और करीब दस मिनट तक प्राची की चूत मारने के बाद अजय के लंड ने जवाब दे दिया....वो बुदबुडाया..
''आआआआआआआअहह .................ओह प्राची .....................मैं आया ....आआआआआआआआआअह्ह .............''
और उसने अपना सारा माल अंदर ही निकाल दिया...
और फिर अपना लंड बाहर खींचकर उसने उसे प्राची के मुँह में दे दिया, जिसपर लगी मलाई को उसने बड़े चाव से चाट लिया और उसे सॉफ सुथरा करके अजय के हवाले कर दिया.
अंदर का शो ख़त्म हो चुका था.इसलिए पूजा भी दबे पाँव वहाँ से निकलकर गेस्ट रूम की तरफ चल दी...और अपने बेड पर लेटकर वो उन सभी बातों को सोचने लगी जो अभी-2 उसकी आँखो के सामने घटी थी.
अजय और प्राची भी फ्रेश होकर एक दूसरे की बाहों में नंगे सो गये.
पर आज की रात कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी इस वक़्त अजय और पूजा ने कल्पना भी नही की थी,.
पूजा तो अपने कमरे में पहुंची और अपना पयज़ामा उतारकर उसने बड़ी ही बेदर्दी से दरवाजे की तरफ उछाल दिया...चूत वाले हिस्से से पूरा पायजामा भीगा हुआ था,ऐसा लग रहा था जैसे उसका पेशाब निकल गया है..पर वो था उसकी चूत का मीठा रस.
अंदर उसकी कच्छी भी जूस में डूबकर चूत के अंदर घुसी पड़ी थी...उसने बड़ी मुश्किल से कच्छी के कपड़े को अपनी चूत के होंठों से छुड़वाया ...थोड़ा दर्द भी हुआ..पर कपड़े की रगड़ जब दाने पर हुई तो मज़ा भी बहुत आया.
और फिर कच्छी को भी हवा में उड़ाकर उसने अपनी चूत को आज़ाद करवाया...टी शर्ट भी उसने उतार दी, नीचे ब्रा नहीं पहनी थी.।
और अब वो पूरी नंगी होकर अपने बेड पर लेटी हुई थी
और फिर उसने अपने काँपते हुए नर्म हाथ अपनी भभक रही चूत के उपर रखकर ज़ोर से दबा दिए .
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... उम्म्म्ममममममममममममम ....''
अंधेरे में डूबे हुए घर में उसकी सिसकारी गूँज उठी.
और ये सिसकारी उसने इतनी ज़ोर से ली थी की दूसरे कमरे में आधी नींद में सो रहे अजय के कानों तक भी जा पहुँची.
एक पल के लिए तो उसे लगा की उसकी बाहों में नंगी सो रही प्राची अभी तक अपनी चुदी हुई चूत की तरंगे महसूस करके सिसकारियाँ ले रही है...पर उसके चेहरे को देखकर साफ़ पता चल रहा था की वो तो गहरी नींद में है.
उसका दिमाग़ ठनका ..और वो बिस्तर से चुपचाप निकल कर दबे पाँव बाहर आ गया.
एक नज़र उसने मुड़कर फिर से प्राची की तरफ देखा, जो नंग धड़ंग सी होकर गहरी नींद में सो रही थी.
और फिर दरवाजा खोलकर बाहर आ गया.
और बाहर निकलते ही वो फिसलते-2 बचा...क्योंकि उसका पैर किसी चिकनी चीज़ पर जा पड़ा था..उसने झुककर नीचे देखा तो ढेर सारा तरल प्रदार्थ एक जगह पर गिरा हुआ था...उसने उंगली से छूकर उसे सूँघा और उसकी सुगंध महसूस करते ही उसकी आँखे चमक उठी.
वो चूत का रस था.और वो भी कुँवारी चूत का.
और इस वक़्त उसके घर पर सिर्फ़ एक ही कुँवारी चूत थी.
पूजा.
और पलक समझते ही वो समझ गया की पूजा उनके कमरे के बाहर खड़ी होकर उनकी चुदाई देखकर गयी है...और उनकी जबरदस्त चुदाई देखकर ही उसने अपनी चूत को इतना रगड़ा की उसका रस वहीं दरवाजे के बाहर किलो के भाव बरस गया.
और जो सिसकारी उसने एक मिनट पहले सुनी थी, वो उसी के कमरे से आई होगी.शायद ज्यादा गर्म होने की वजह से फ़िन्गरिंग कर रही है वो वक़्त
वो ये सब किसी जासूस की तरह सोचकर मुस्कुरा ही रहा था की वैसी ही एक और गर्म सिसकारी की आवाज फिर से आई.
''उूुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममम.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआआआहह''
भले ही ये सिसकारीयां ज़्यादा तेज नही थी, पर रात के सन्नाटे की वजह से वो दूर तक सुनाई दे रही थी.
और अपनी ही मदहोशी में डूबी पूजा को शायद इस बात का एहसास नही था की जिस जीजू के लंबे लंड के बारे में सोचकर वो अपनी चूत के होंठों को मसल रही है वो जीजू उसके कमरे की तरफ दबे पाँव बढ़ते आ रहे है..
उसके कमरे में जाते हुए उसके दिमाग़ में नेहा कक्कड़ का गाना बजने लगा..
कुण्डी ना खड़काओ राजा
सीधा अंदर आओ राजा
और अजय ने पूजा के कमरे का दरवाजा बिना खड़काए धीरे से धकेला तो वो खुलता चला गया..
और कमरे में ज़ीरो वॉट के बल्ब की दूधिया रोशनी में नहाई हुई उसकी नग्न साली अपनी चूत को दरवाजे की तरफ मुँह करके बंद आँखो से उसे बड़े ही आराम-2 से रगड़ रही थी..
और बंद आँखो के पीछे चल रहा था एक हसीन ख्वाब...जिसमे वो अपने जिस्म की आग को ठंडा करने का सपना देख रही थी, अब वो आधी नींद की अवस्था में जा पहुंची थी , जिसमे वो किसी और ही दुनिया में थी, पर असल में उसके हाथ भी हरकत कर रहे थे
वो सपने में देख रही थी की भारी बरसात में वो उसी पार्क में खड़ी है...और सामने वही झील है...और झील के किनारे का पानी कीचड़ जैसा हो चुका है...पूजा अपनी चूत को मसलते हुए झील के किनारे चलने लगी..वो आगे बड़ी तो उस कीचड़ में फिसल गयी...पूरा शरीर कीचड़ में लिपट कर गंदा हो गया...पर वो तो मस्ती में थी, इसलिए उस कीचड़ में गिरकर भी वो अपनी चूत को मसलती रही...बारिश और कीचड़ में भीगकर उसके कपड़े पारदर्शी हो गये..उसने सिर्फ़ एक लोंग फ्रोक पहनी हुई थी...अंदर कुछ भी नही...अपनी चूत पर गीली मिट्टी रगड़कर उसे बड़ा आनंद मिल रहा था...
तभी झाड़ियो से निकल कर अजय वहां आ गया..और किसी जानवर की तरह रेंगता हुआ वो उसके करीब जा पहुँचा..और इस वक़्त वो पूरा नंगा था..उसका लंबा लंड उसकी टाँगो के बीच झूल रहा था..पानी की बूंदे उसके कसरती शरीर पर गिरकर बूंदे बनकर फिसल रही थी..
अजय को अपने सामने देखकर उसके हाथ और तेज़ी से अपनी चूत पर चलने लगे...ख्वाब में भी और असलियत में भी..
और असलियत में तो वो अजय के सामने अपनी नंगी चूत को मसल कर उसका भरता बनाने में लगी हुई थी..
अजय ने आज पहली बार अपनी साली की वो चिकनी चूत देखी जिसे देखने के लिए वो कब से तरस रहा था..
पूजा की चूत भी उसकी बहन प्राची की तरह ही थी...बिल्कुल सफाचत और उसका चीरा भी काफ़ी लंबा था...और दाना उभरा हुआ सा..
यहा अजय उसकी चूत को निहार रहा था और उधर अपने सपने में पूजा अपनी चूत को और उभार कर अजय को दिखा रही थी..