21-06-2022, 11:06 PM
अब मेरे सामने मंजू ब्रा और पेटीकोट में थी और मै उसके पेट से नाभि के आस पास अपने जीभ से चाट रहा था। उसके नाभि के छेद में ऊँगली डाल कर मै गोल गोल घुमा रहा था और साथ ही मैंने पेटीकोट के नारे की डोर को खींच दिया और पेटीकोट ने मंजू का साथ छोड़ दिया। पेटीकोट जमीन पर और मंजू मेरे सामने बिकनी में। मंजू ने काफी स्टाइलिश पैंटी पहन रखा था जो आम तौर पर घरेलू औरते नहीं पहनती। उसमे उसकी पीछे से गांड बिल्कुल नंगी थी। मैंने उसके चूतड पर जोर जोर से दो -तीन थप्पड़ मारे और मंजू को बेड पर गिरा दिया। फिर मैंने मंजू की पैंटी के किनारे किनारे लकीर खींचता हुआ उसकी चुत को जोर से खींचा। उसकी आँह की गूंज पूरे घर को सुनाई दें सकती थी लेकिन घर पर कोई नहीं था। फिर मैंने मंजू के बालो को पीछे से पकड़ कर खुद से दूर किया और अपना लंड उसके गालों पर घूमने लगा। मंजू मेरी इच्छा को समझ गई और मेरे लंड को अपने मुँह के अंदर ले लिया। मंजू अपने मुँह में लंड को अच्छे से चूस रही थी जिससे मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था। उसके मस्त तरीके से चूसने से मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था और मंजू मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकालना चाह रही थी लेकिन मैंने उसकी एक ना चलने दी। वों मजबूरन मेरे लंड का वीर्य अपने मुँह में लेती रही जिससे वों काफी सड़क भी गई। फिर वों ब्रा पैंटी में बाथरूम में मुँह धोने चली गई।
मै भी उसके पीछे पीछे बाथरूम में चला गया और उसको पीछे से दबोच लिया। मै पूरा नंगा था और उसकी पैंटी जिसके पिछले हिस्से में नाम मात्र का ही कपड़ा था। इस वजह से मेरे लंड को उसकी गांड की दरारे साफ साफ महसूस हो रही थी। मैंने अपने लंड को उसके गांड से रगड़ना शुरू कर दिया। गांड रगड़ते रगड़ते मै उसके बूब्स को दोनों हाथों से मसले जा रहा था। तभी मै मंजू को शॉवर के नीचे ले गया और शॉवर चला दिया। उसके गोरे गोरे बूब्स पर पानी की बुँदे चमक रही थी और बूब्स काफी ज्यादा कहर बरपा रहे थे। मैंने ब्रा को भी खोल दिया और उसके बूब्स के निप्पल्स को पहले अपनी ऊँगली और फिर जीभ से चाटने लगा। जीभ से चाटने की वजह से निप्पल्स पूरे खड़े हो गए। अब मंजू के शरीर पर पैंटी का क्या काम था, मैंने पैंटी भी नीचे सरका दी और अब हम दोनों बाथरूम में पूरे नंगे थे। बाथरूम में दोनों गले मिल रहे थे और ऊपर से शॉवर से पानी की बुँदे माहौल को रोमांचित कर रही थी।
इसीबीच मैंने मंजू को गोद में उठा लिया और गोद में उठा कर बेडरूम में ले आया। बेड पर मंजू को गिराकर मैंने अपने लंड का सुपारा मंजू के चुत पर लगाया और पूरे जोर के साथ अपना लंड मंजू की चुत में घुसा दिया। मै पूरे जोर से अपने लंड का धक्का लगाएं जा रहा था और मंजू की चीखे मुझे और उकसा रही थी जोर से धक्के मारु। लगभग 10 मिनट के धक्के के बाद मेरे लंड ने मंजू की चुत में पानी छोड़ दिया। इसके बाद हम दोनों बेड पर गिर गए। सुबह से हम दोनों ने कुछ नहीं खाया था तो मैंने पिज़्जा का आर्डर किया और मंजू मेरे हाथ पर अपना सर रखकर अपने एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी। इसी बीच मुझे कुछ बदमाशी सूझी और मैंने मंजू को ऐसे ही पिज़्जा रिसीव करने को कहाँ तो मंजू के होश उड़ गए। मंजू पूरी नंगी थी और ऐसे में वों कैसे रिसीव करती। मै उसकी मजबूरी को समझ रहा था इसलिए उससे काफी मिन्नतें कराने के बाद मैंने उसको तौलिया लपेटे हुए पिज़्जा रिसीव करने को कहाँ लेकिन बूब्स आधे से अधिक दिखने चाहिए थे। तभी पिज़्जा डिलीवरी बॉय ने डोर बेल बजाया और मैंने मंजू को तौलिया लपेट कर पिज़्जा लेने का इशारा किया। मंजू ने तौलिया लपेटा और दरवाजे की ओर बढ़ी। मै जल्दी से खिड़की के पास जा कर पर्दे के पीछे छुप गया।
मै भी उसके पीछे पीछे बाथरूम में चला गया और उसको पीछे से दबोच लिया। मै पूरा नंगा था और उसकी पैंटी जिसके पिछले हिस्से में नाम मात्र का ही कपड़ा था। इस वजह से मेरे लंड को उसकी गांड की दरारे साफ साफ महसूस हो रही थी। मैंने अपने लंड को उसके गांड से रगड़ना शुरू कर दिया। गांड रगड़ते रगड़ते मै उसके बूब्स को दोनों हाथों से मसले जा रहा था। तभी मै मंजू को शॉवर के नीचे ले गया और शॉवर चला दिया। उसके गोरे गोरे बूब्स पर पानी की बुँदे चमक रही थी और बूब्स काफी ज्यादा कहर बरपा रहे थे। मैंने ब्रा को भी खोल दिया और उसके बूब्स के निप्पल्स को पहले अपनी ऊँगली और फिर जीभ से चाटने लगा। जीभ से चाटने की वजह से निप्पल्स पूरे खड़े हो गए। अब मंजू के शरीर पर पैंटी का क्या काम था, मैंने पैंटी भी नीचे सरका दी और अब हम दोनों बाथरूम में पूरे नंगे थे। बाथरूम में दोनों गले मिल रहे थे और ऊपर से शॉवर से पानी की बुँदे माहौल को रोमांचित कर रही थी।
इसीबीच मैंने मंजू को गोद में उठा लिया और गोद में उठा कर बेडरूम में ले आया। बेड पर मंजू को गिराकर मैंने अपने लंड का सुपारा मंजू के चुत पर लगाया और पूरे जोर के साथ अपना लंड मंजू की चुत में घुसा दिया। मै पूरे जोर से अपने लंड का धक्का लगाएं जा रहा था और मंजू की चीखे मुझे और उकसा रही थी जोर से धक्के मारु। लगभग 10 मिनट के धक्के के बाद मेरे लंड ने मंजू की चुत में पानी छोड़ दिया। इसके बाद हम दोनों बेड पर गिर गए। सुबह से हम दोनों ने कुछ नहीं खाया था तो मैंने पिज़्जा का आर्डर किया और मंजू मेरे हाथ पर अपना सर रखकर अपने एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी। इसी बीच मुझे कुछ बदमाशी सूझी और मैंने मंजू को ऐसे ही पिज़्जा रिसीव करने को कहाँ तो मंजू के होश उड़ गए। मंजू पूरी नंगी थी और ऐसे में वों कैसे रिसीव करती। मै उसकी मजबूरी को समझ रहा था इसलिए उससे काफी मिन्नतें कराने के बाद मैंने उसको तौलिया लपेटे हुए पिज़्जा रिसीव करने को कहाँ लेकिन बूब्स आधे से अधिक दिखने चाहिए थे। तभी पिज़्जा डिलीवरी बॉय ने डोर बेल बजाया और मैंने मंजू को तौलिया लपेट कर पिज़्जा लेने का इशारा किया। मंजू ने तौलिया लपेटा और दरवाजे की ओर बढ़ी। मै जल्दी से खिड़की के पास जा कर पर्दे के पीछे छुप गया।