20-06-2022, 05:52 PM
मैं अपनी फटी चूत देख कर शरमा गयी, पर आज मेरा मन बहुत शांत हो गया था. मैंने कुण्डी खोली और परदे खींच कर लाइट बंद करके बिस्तर पर चली गयी. फिर पता नहीं कब मेरी आंख लग गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.