20-06-2022, 05:50 PM
मैंने उनकी ये बात सुनकर आंखें खोल दीं.
उन्होंने कहा- बहू तू रुक, मुझे पेशाब लग रही है. मैं अभी आता हूँ.
ये कह कर वो बिस्तर से उठे. उन्होंने एक चादर अपने सिर पर डाल ली और कुण्डी खोल कर बाहर निकल गए.
वाह क्या चौड़ी छाती, चौड़े कंधे, छाती पर घने काले घुंघराले बाल … और मस्त साढ़े सात इंच लम्बा और सवा दो इंच मोटा कड़क लंड. उनकी मजबूत गांड देख कर मुझे उनसे प्यार होने लगा था. मैं अपने जेठ जी से चुद कर मस्ता गयी थी.
मेरे पति अभिषेक की तो छोटी सी 3 इंच की कमजोर सी लुल्ली थी, उसने बड़ी मुश्किल से सुहागरात को मेरी सील तोड़ सकी थी. पर मुझे वो न तो वो मजा दे पाया, जो मैंने उम्मीद की थी … और न ही मैं पिछले डेढ़ सालों में मां नहीं बन सकी थी.
अब जेठ जी के वापस आने का मुझे बेसब्री से इन्तजार था. मैं उनके लंड से दुबारा चुदने के लिए एकदम से मन बना चुकी थी.
उन्होंने कहा- बहू तू रुक, मुझे पेशाब लग रही है. मैं अभी आता हूँ.
ये कह कर वो बिस्तर से उठे. उन्होंने एक चादर अपने सिर पर डाल ली और कुण्डी खोल कर बाहर निकल गए.
वाह क्या चौड़ी छाती, चौड़े कंधे, छाती पर घने काले घुंघराले बाल … और मस्त साढ़े सात इंच लम्बा और सवा दो इंच मोटा कड़क लंड. उनकी मजबूत गांड देख कर मुझे उनसे प्यार होने लगा था. मैं अपने जेठ जी से चुद कर मस्ता गयी थी.
मेरे पति अभिषेक की तो छोटी सी 3 इंच की कमजोर सी लुल्ली थी, उसने बड़ी मुश्किल से सुहागरात को मेरी सील तोड़ सकी थी. पर मुझे वो न तो वो मजा दे पाया, जो मैंने उम्मीद की थी … और न ही मैं पिछले डेढ़ सालों में मां नहीं बन सकी थी.
अब जेठ जी के वापस आने का मुझे बेसब्री से इन्तजार था. मैं उनके लंड से दुबारा चुदने के लिए एकदम से मन बना चुकी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.