20-06-2022, 02:47 PM
तने में मैंने आशी के पापा को नंगा कर दिया और उनका लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी. वो आशी की चूची दबा रहे रहे थे.
आशी को शर्म सी महसूस हो रही थी तो मैंने कहा- आशी, तू उधर सोफे पर बैठ कर हम दोनों की चुदाई देख.
वो मान गयी.
मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी साड़ी उतार कर मुझे नंगी कर दिया और मेरी बड़ी बड़ी सेक्सी चूची दबाने लगा. मैं तो पहले से ही गर्म थी. मैंने अपने बॉयफ्रेंड का लंड मुंह में लिया और चूसने लग गयी.
उधर आशी ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी.
अब आशी के पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और एक ही धक्के में अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
मैं चिल्ला उठी.
अब वो धीरे धीरे चूत में धक्का मारने लगे और मुझे मजा आने लगा. आशी के पापा अपनी माशूका यानि मुझको मजे ले ले कर चोदने लगे.
मेरी आवाजें निकलने लग गयी, मैं कहने लगी- आह्ह्ह मेरे राजा … चोदो ना अपनी सोनिया को … और जोर से चोदो.
मैंने उधर देखा तो आशी अपनी बुर में उंगली डाल रही थी. शायद अब उसकी शर्म खत्म हो रही थी.
और इधर मैं जम कर चुद रही थी … आशी के पापा मेरी चूत में धक्के पर धक्के मार रहे थे.
“आह्ह्ह … क्या दमदार चोद रहे हो आशी के पापा! मजा आ गया … और अंदर तक घुसाओ ना … जोर से … उम्म्ह… अहह… हय… याह…”
इतने में मैं झड़ गयी और आशी के पापा ने भी अपने लंड का माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया.
अब मैंने आशी से जाकर पूछा- हमारी चुदाई देखने में मजा आया?
तो उसने कहा- हाँ आंटी!
मैंने सीधे पूछा- तो अब तू चुदेगी अपने पापा के लंड से?
तो उसने हाँ सर हिला दिया.
वो पहले से ही नंगी थी तो मैंने उसे बिस्तर पर लाकर लिटा दिया.
मैंने उसके पापा से कहा- तुम अपनी बेटी की बुर चाटो और मैं उसकी चूची चूस कर इसे और गर्म करती हूँ.
आशी को शर्म सी महसूस हो रही थी तो मैंने कहा- आशी, तू उधर सोफे पर बैठ कर हम दोनों की चुदाई देख.
वो मान गयी.
मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी साड़ी उतार कर मुझे नंगी कर दिया और मेरी बड़ी बड़ी सेक्सी चूची दबाने लगा. मैं तो पहले से ही गर्म थी. मैंने अपने बॉयफ्रेंड का लंड मुंह में लिया और चूसने लग गयी.
उधर आशी ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी.
अब आशी के पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और एक ही धक्के में अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
मैं चिल्ला उठी.
अब वो धीरे धीरे चूत में धक्का मारने लगे और मुझे मजा आने लगा. आशी के पापा अपनी माशूका यानि मुझको मजे ले ले कर चोदने लगे.
मेरी आवाजें निकलने लग गयी, मैं कहने लगी- आह्ह्ह मेरे राजा … चोदो ना अपनी सोनिया को … और जोर से चोदो.
मैंने उधर देखा तो आशी अपनी बुर में उंगली डाल रही थी. शायद अब उसकी शर्म खत्म हो रही थी.
और इधर मैं जम कर चुद रही थी … आशी के पापा मेरी चूत में धक्के पर धक्के मार रहे थे.
“आह्ह्ह … क्या दमदार चोद रहे हो आशी के पापा! मजा आ गया … और अंदर तक घुसाओ ना … जोर से … उम्म्ह… अहह… हय… याह…”
इतने में मैं झड़ गयी और आशी के पापा ने भी अपने लंड का माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया.
अब मैंने आशी से जाकर पूछा- हमारी चुदाई देखने में मजा आया?
तो उसने कहा- हाँ आंटी!
मैंने सीधे पूछा- तो अब तू चुदेगी अपने पापा के लंड से?
तो उसने हाँ सर हिला दिया.
वो पहले से ही नंगी थी तो मैंने उसे बिस्तर पर लाकर लिटा दिया.
मैंने उसके पापा से कहा- तुम अपनी बेटी की बुर चाटो और मैं उसकी चूची चूस कर इसे और गर्म करती हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.