20-06-2022, 12:04 PM
पापा दीदी का पेट सहलाने लगे.
ददी अभी सोई तो नहीं थीं लेकिन उन्होंने नाटक भी नहीं किया और पापा का साथ देने लगीं.
वो भी सेक्स का मजा लेने लगीं. वो पहले भी पापा से अपना जिस्म सहलवा चुकी थीं मगर उनकी पापा से चुदाई हुई थी या नहीं, मुझे ये नहीं मालूम था.
थोड़ी देर सहलाने के बाद दीदी गर्म हो गईं और मज़े लेने लगीं.
पापा ने दीदी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार नीचे सरका दी.
उसके बाद कमीज भी निकाल दिया.
अब दीदी केवल ब्रा और पैंटी में थीं जो मैं अपनी थोड़ी सी आंख खोल कर देख रहा था.
पापा ने दीदी की ब्रा पैंटी को भी निकाल दिया.
खुद तो केवल चड्डी बंडी में थे लेकिन दीदी को पूरी नंगी कर दिया जिससे उनकी चुचियां और बुर दिखाई देने लगी थीं.
पापा उनकी चुचियां पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगे.
दीदी को मीठा दर्द हो रहा था पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं.
दीदी की चूचियां अभी बहुत बड़ी नहीं थीं … बस 28 इंच की रही होंगी.
उनकी बुर भी छोटी सी ही थी, उस पर काले काले छोटे छोटे बाल थे, जो उनकी गुलाबी चूत की शोभा बढ़ाते थे.
पापा ने थोड़ी देर चूचियों से खेला और उनको दबा दबा कर एकदम लाल कर दिया.
दीदी को मीठा दर्द हो रहा था जिसकी वजह से वो मादक सिसकारियां ले रही थीं- आह आह … उह पापा … बहुत दर्द हो रहा … प्लीज मत दबाओ.
पापा बोले- दबाएंगे नहीं, तो बढ़ेंगे कैसे मेरी रानी.
दीदी बहुत गोरी हैं, इसलिए उनकी चुचियों से ऐसा लग रहा था कि खून आ जाएगा.
दर्द के कारण उनकी आंखों में पानी आ गया और वो मादकता से सिसकने लगी थीं.
फिर पापा दीदी की चुचियों को छोड़ कर चूत के ऊपर आ गए और एक उंगली डाल कर आगे पीछे करने लगे.
चुत में मुँह लगा कर जीभ भी अन्दर डाल कर चाटने लगे जिससे दीदी को मज़ा आने लगा.
वो पापा के सर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगीं और गर्म सिसकारियां भरने लगीं- आह पापा उई … करते रहिए आह उई.
पापा की उंगली का मज़ा दीदी अपनी गांड उठा कर ले रही थीं और चूत चुसवा रही थीं.
फिर पापा ने दीदी की गांड के नीचे दो तकिया लगा कर दीदी को सैट कर दिया, जिससे दीदी की चूत ऊपर आ गयी और चूत के फांकें खुल गईं.
अब चुसाई और जोर से होने लगी.
दीदी तो ऐसे तड़प रही थीं, जैसे बिना पानी के मछली तड़फ रही हो.
उसके बाद पापा ने चूत से मुँह हटाया और लंड पर थोड़ी क्रीम और थूक लगाया और चूत पर सैट कर कर धीरे धीरे दबाने लगे.
पापा का लंड दीदी की चुत में नहीं जा रहा था.
तब पापा ने तकिया सही किया और उनके पैरों को और फैला दिया.
पापा फिर से अपने लंड को चूत पर दबाने लगे.
जैसे ही थोड़ा लंड अन्दर गया दीदी की जोर से चीख निकली- आंह पापा … बहुत दर्द हो रहा है.
पापा दीदी के दोनों हाथों को जोर से पकड़ कर मुँह में मुँह डाल कर फ्रेंच किस करने लगे जिससे आवाज़ बाहर न जाए पाए.
अब पापा अपने लंड को धीरे धीरे दबाने लगे.
दीदी छटपटाती हुई चिल्लाने की कोशिश कर रही थीं, दर्द से छटपटा रही थीं.
पर पापा को कोई फर्क नहीं पड़ा, वो धीरे धीरे लंड पेलते गए.
उनका लंबा और मोटा पूरा लंड चुत में चला गया.
अब पापा धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगे.
ददी अभी सोई तो नहीं थीं लेकिन उन्होंने नाटक भी नहीं किया और पापा का साथ देने लगीं.
वो भी सेक्स का मजा लेने लगीं. वो पहले भी पापा से अपना जिस्म सहलवा चुकी थीं मगर उनकी पापा से चुदाई हुई थी या नहीं, मुझे ये नहीं मालूम था.
थोड़ी देर सहलाने के बाद दीदी गर्म हो गईं और मज़े लेने लगीं.
पापा ने दीदी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार नीचे सरका दी.
उसके बाद कमीज भी निकाल दिया.
अब दीदी केवल ब्रा और पैंटी में थीं जो मैं अपनी थोड़ी सी आंख खोल कर देख रहा था.
पापा ने दीदी की ब्रा पैंटी को भी निकाल दिया.
खुद तो केवल चड्डी बंडी में थे लेकिन दीदी को पूरी नंगी कर दिया जिससे उनकी चुचियां और बुर दिखाई देने लगी थीं.
पापा उनकी चुचियां पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगे.
दीदी को मीठा दर्द हो रहा था पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं.
दीदी की चूचियां अभी बहुत बड़ी नहीं थीं … बस 28 इंच की रही होंगी.
उनकी बुर भी छोटी सी ही थी, उस पर काले काले छोटे छोटे बाल थे, जो उनकी गुलाबी चूत की शोभा बढ़ाते थे.
पापा ने थोड़ी देर चूचियों से खेला और उनको दबा दबा कर एकदम लाल कर दिया.
दीदी को मीठा दर्द हो रहा था जिसकी वजह से वो मादक सिसकारियां ले रही थीं- आह आह … उह पापा … बहुत दर्द हो रहा … प्लीज मत दबाओ.
पापा बोले- दबाएंगे नहीं, तो बढ़ेंगे कैसे मेरी रानी.
दीदी बहुत गोरी हैं, इसलिए उनकी चुचियों से ऐसा लग रहा था कि खून आ जाएगा.
दर्द के कारण उनकी आंखों में पानी आ गया और वो मादकता से सिसकने लगी थीं.
फिर पापा दीदी की चुचियों को छोड़ कर चूत के ऊपर आ गए और एक उंगली डाल कर आगे पीछे करने लगे.
चुत में मुँह लगा कर जीभ भी अन्दर डाल कर चाटने लगे जिससे दीदी को मज़ा आने लगा.
वो पापा के सर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगीं और गर्म सिसकारियां भरने लगीं- आह पापा उई … करते रहिए आह उई.
पापा की उंगली का मज़ा दीदी अपनी गांड उठा कर ले रही थीं और चूत चुसवा रही थीं.
फिर पापा ने दीदी की गांड के नीचे दो तकिया लगा कर दीदी को सैट कर दिया, जिससे दीदी की चूत ऊपर आ गयी और चूत के फांकें खुल गईं.
अब चुसाई और जोर से होने लगी.
दीदी तो ऐसे तड़प रही थीं, जैसे बिना पानी के मछली तड़फ रही हो.
उसके बाद पापा ने चूत से मुँह हटाया और लंड पर थोड़ी क्रीम और थूक लगाया और चूत पर सैट कर कर धीरे धीरे दबाने लगे.
पापा का लंड दीदी की चुत में नहीं जा रहा था.
तब पापा ने तकिया सही किया और उनके पैरों को और फैला दिया.
पापा फिर से अपने लंड को चूत पर दबाने लगे.
जैसे ही थोड़ा लंड अन्दर गया दीदी की जोर से चीख निकली- आंह पापा … बहुत दर्द हो रहा है.
पापा दीदी के दोनों हाथों को जोर से पकड़ कर मुँह में मुँह डाल कर फ्रेंच किस करने लगे जिससे आवाज़ बाहर न जाए पाए.
अब पापा अपने लंड को धीरे धीरे दबाने लगे.
दीदी छटपटाती हुई चिल्लाने की कोशिश कर रही थीं, दर्द से छटपटा रही थीं.
पर पापा को कोई फर्क नहीं पड़ा, वो धीरे धीरे लंड पेलते गए.
उनका लंबा और मोटा पूरा लंड चुत में चला गया.
अब पापा धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.