19-06-2022, 01:23 PM
वो बोला : "नही...इतना भी ज़रूरी नही है....अगर तुम्हारा मन नही है तो मत करो...''
अजय की तरफ से इतने आराम से अपनी बात को मानता देखकर पूजा भी हैरान रह गयी...उसे तो जैसे बहुत बड़ी राहत मिली...पर उस राहत को अगले ही पल अजय ने डर में बदल दिया
अजय : "वैसे भी कल मुझे सोनी ने मिलने बुलाया है... और देखा जाए तो तुमसे काफ़ी सेक्सी है वो...कोई बात नही, तुम नही तो वो सही...''
इतना कहकर अजय ने गाड़ी स्टार्ट की और वो आगे चल दिए.
अजय अपनी तिरछी नज़रों से पूजा के एक्शप्रेशन देखने की कोशिश कर रहा था...उसके तो चेहरे की रंगत ही उढ़ चुकी थी...उसकी समझ में नही आ रहा था की क्या बोले अब..
अगर अजय सोनी के पास चला गया तो, वो तो अपनी चूत भी मरवा लेगी उससे, और उपर से पूरे कॉलेज में जो धाक पूजा ने जमा रखी थी की उसका बाय्फ्रेंड काफ़ी हेंडसम होने के साथ-2 शरीफ भी है और दोनो ने आज तक कभी किस्स तक नही किया, वो भंडा भी उसका फुट जाएगा जब सोनी अपने और अजय के साथ की हुई चुदाई की बातें सभी को चटखारे लेकर सुनाएगी...और उपर से उसे अपनी दीदी के घर टूटने की भी चिंता सताने लगी...अभी तक तो सिर्फ़ एक किस्स से काम चल सकता था...अगर अजय सोनी के पास चला गया तो बात काफ़ी आगे बड़ जाएगी और प्राची तो ये सुनकर मर ही जाएगी की उसके पति का रिश्ता उसी की बहन के कॉलेज की एक लड़की से है...और प्राची दीदी को प्रेगनेंसी की हालत में वो कोई भी दुख नही देना चाहती थी..
वो एकदम से बोली : "अरे नही जीजू...आप उस सोनी की बातों में ना आओ, वो तो एक नंबर की बिच है...पूरे कॉलेज में बदनाम है वो...आज तक पता है कितने बाय्फरेंड्स रह चुके है उसके...और कोई भी 10-15 दिन से ज़्यादा नही टिकता...बड़ी ही चीप टाइप की लड़की है वो...आप उससे दूर ही रहो...''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "मुझे उन सबसे क्या लेना...मैं तो बस कल शाम उससे मिलकर आ जाऊंगा ..एक कॉफ़ी पियुंगा बस...''
पूजा (थोड़े गुस्से में ) : हाँ ..हाँ ...पता है मुझे...किस तरह की कॉफ़ी के लिए बुलाया है उसने आपको...साली बिच...जिस दिन से उसने आपको देखा है, उसी दिन से उसकी आँखों में मैने पड़ लिया था...और आज उसने अपनी असलियत दिखा ही दी...लेकिन आपको मेरी कसम है जीजू...आप उसके पास मत जाना प्लीज़....''
इतना कहकर पूजा अजय के बिल्कुल करीब खिसक आई और अपने हाथों से उसकी बाजुओं को पकड़कर अजय से लिपट गयी...और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया..ये पहली बार था जब पूजा ने खुद अपनी तरफ से कोई फीलिंग दिखाई थी.
और ऐसा करते ही उसके नाज़ुक स्तन भी अजय की बाजुओं से घिसने लगे...अजय जब भी गियर चेंज करता तो उसकी कोहनी पूजा के स्तनों को अंदर तक झंझोड़ देती..पर पूजा वहां से हटी ही नही...अजय से चिपक कर बैठी रही.
अजय : "एक तरफ तुम अपना वादा तोड़ रही हो..और उपर से अपनी कसम देकर मुझे सोनी से मिलने भी नही दे रही...''
अब तक शायद पूजा सब कुछ सोच चुकी थी और अपने मन में कुछ निश्चय भी कर चुकी थी....उसने अपना चेहरा उपर उठाया और अजय की आँखो में देखते हुए बोली : "आप उसके पास मत जाओ प्लीज़...मैं अपना वादा निभाने के लिए तैयार हूँ ...''
उसके होंठों से निकल रही भीनी खुश्बू अजय के बिल्कुल करीब थी....इतने रसीले होंठ अजय ने आज तक नही देखते थे....उसका मन तो कर रहा था की थोड़ा आगे हो जाए और उसके होंठों पर किस्स कर दे,पर वो ये इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था.
अजय : "फिर ठीक है....सोनी वाला प्रोग्राम केंसल ...''
तब तक वो सेंट्रल पार्क भी आ चुका था...अजय ने बाहर ही गाड़ी रोक दी..
पूजा : "गाड़ी क्यो रोक दी आपने...''
अजय : "मुझे गाड़ी में घुटन होती है...वैसे भी बाहर देखो, कितनी बढ़िया हवा चल रही है....चलो पार्क में चलकर बैठते है थोड़ी देर...''
पूजा : "जीजू !!!!! इस वक़्त......11 बजने वाले है....प्लीज़ एक किस्स ही तो करनी है आपको...यहीं कर लो ना.....पार्क में जाते हुए मुझे डर लगेगा...और शर्म भी आएगी मुझे..''
अजय : "इस वक़्त कौन होगा जिसे देखकर तुम्हे शर्म आएगी...और मेरे होते हुए तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है...मुझपर भरोसा करो और चलो मेरे साथ...और याद रखो, ये तुम्हारी लाइफ की पहली किस है, इसे ऐसी घुटन भरी जगह पर मत करो...बाहर निकलो और खुले आसमान के नीचे चलकर अपनी पहली किस्स का मज़ा लो..''
अजय की बात सुनकर पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो उठा..क्योंकि हर लड़की की तरह उसने भी अपने जीवन की पहली किस्स के लिए कई सपने संजोए थे...और आज जब वो घड़ी आई तो वो उन सपनो के बारे में भूल ही चुकी थी..अजय के कहने से वो सपने एक बार फिर से उसकी आँखो के सामने नाचने लगे..
उसने सोचा हुआ था की उसके दिल का राजकुमार , किसी नदी या समुंदर के किनारे उसे अपनी गोद में लिटाकर..उसके फूल से चेहरे को सहलाएगा...अपनी उंगलियों को उसकी आँखो, गालों और रसीले होंठों पर फिराएगा...और फिर धीरे से नीचे झुक कर अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख देगा...और दोनो एक कभी ना टूटने वाले चुंबन के बंधन में बंध जाएँगे...
"अब चलो भी अंदर....क्या सोचने लगी...''
अजय की आवाज़ सुनकर वो अपने ख़यालो से बाहर आई और झट से गाड़ी से निकलकर उसके साथ पार्क की तरफ चल दी.
रात का समय था,और पार्क बिल्कुल सुनसान सा था...अजय वहां पहले भी कई बार आ चुका था, इसलिए वो पूजा को लेकर थोड़ा अंदर की तरफ चलने लगा..
पूजा : "जीजू...कहाँ जा रहे हो...यहीं कर लो ना ...मुझे डर लग रहा है..''
पूजा उसकी बाजू पकड़ कर और चिपक कर चल रही थी...और अजय को उसके जिस्म से मिल रहे इस एहसास को फील करके काफ़ी मज़ा आ रहा था.
अजय : "बस थोड़ा और अंदर...एक ऐसी जगह है, जो तुम्हे भी पसंद आएगी...''
कहते-2 अजय उसे लेकर और अंदर की तरफ चल दिया.
पूजा को तो इस बात का पता भी नही था, पर अजय को ये एहसास हो चुका था की उनका कोई पीछा कर रहा है...एक सांया था, जो उनके पार्क में आते ही पेड़ों के पीछे से छिप -छिपकर उनके पीछे ही आता चला जा रहा था..
ये सोनी थी..जो एंट्री गेट के पास ही छुपकर अजय और पूजा को अंदर आते हुए देख चुकी थी..
उसे तो लगा था की अजय अंदर आते ही सामने पड़े एक बेंच पर बैठकर या पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा को किस्स करेगा, पर वो अंदर आकर चलता ही चला गया, इसलिए उसे भी छिप -छिपकर उनका पीछा करते हुए उसी तरफ जाना पड़ा, जहाँ वो दोनो जा रहे थे.
थोड़ा अंदर पहुँचकर जब अजय एक स्थान पर रुका तो वहां का नज़ारा देखकर पूजा की आँखे आश्चर्य से फैल गयी.
वहाँ एक छोटी सी झील थी...जिसके किनारे लकड़ी के बेंच और बड़े-2 पत्थर पड़े हुए थे...और उपर से पूर्णमाशी के चाँद की रोशनी से पूरा पार्क जगमगा रहा था...और झील में दो हँसो आ जोड़ा भी तैर रहा था...यानी कुल मिलाकर कुछ-2 वैसा ही रोमॅंटिक माहौल था जैसा पूजा ने सपनों में संजोया हुआ था.
और अजय भी बड़ा हरामी टाइप का था, वो जानता था की ऐसी जगह पर आकर पूजा थोड़ी रोमांटिक हो जाएगी, और फिर उससे कुछ भी करवाना ज़्यादा मुश्किल नही होगा.
अजय सीधा जाकर बेंच पर बैठ गया...और अपना एक हाथ आगे करके उसने पूजा को भी अपनी तरफ बुलाया..
पूजा मंत्रमुग्ध सी होकर अजय की तरफ चल दी.
दूर पेड़ के नीचे बैठी सोनी उन्हे देखकर जल भुन रही थी..
पूजा धीरे-2 चलती हुई बेंच तक आई और धीरे से वो अजय के करीब बैठ गयी...अजय ने उसकी कमर मे हाथ रखकर उसे अपने और करीब खिसका लिया..पूजा ने अपना सिर होले से अजय के कंधे पर रख दिया...
अजय ने अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाया और उसके माथे को चूम लिया..अजय के होंठों के स्पर्श से ही पूजा के शरीर में कंपन दौड़ गया...दिल की धड़कने और बढ़ गयी...उसके होंठ भी काँपने लगे..और फिर पूजा ने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया...और वो धीरे-2 फिसलकर नीचे की तरफ जाने लगी...और फिर उसने अपना सिर अजय की गोद में पहुँचा दिया और खुद सीधी होकर बेंच पर लेट गयी...
ये वही पोज़िशन थी जिसमें वो अपने सपनो के राजकुमार से पहली बार अपने होंठों को चुसवाना चाहती थी...
अजय भी अपनी गोद में लेटी पूजा के सेक्सी चेहरे को देखकर रोमांचित हो उठा...चाँद की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज़्यादा दमक रहा था.
पूजा ने नशीली आँखो से अजय को देखा और उसके सिर के पीछे अपना हाथ रखा और अपनी तरफ करते हुए बोली : "आओ अजय...किस्स मीsssssssssssssssss ...''
अजय की तरफ से इतने आराम से अपनी बात को मानता देखकर पूजा भी हैरान रह गयी...उसे तो जैसे बहुत बड़ी राहत मिली...पर उस राहत को अगले ही पल अजय ने डर में बदल दिया
अजय : "वैसे भी कल मुझे सोनी ने मिलने बुलाया है... और देखा जाए तो तुमसे काफ़ी सेक्सी है वो...कोई बात नही, तुम नही तो वो सही...''
इतना कहकर अजय ने गाड़ी स्टार्ट की और वो आगे चल दिए.
अजय अपनी तिरछी नज़रों से पूजा के एक्शप्रेशन देखने की कोशिश कर रहा था...उसके तो चेहरे की रंगत ही उढ़ चुकी थी...उसकी समझ में नही आ रहा था की क्या बोले अब..
अगर अजय सोनी के पास चला गया तो, वो तो अपनी चूत भी मरवा लेगी उससे, और उपर से पूरे कॉलेज में जो धाक पूजा ने जमा रखी थी की उसका बाय्फ्रेंड काफ़ी हेंडसम होने के साथ-2 शरीफ भी है और दोनो ने आज तक कभी किस्स तक नही किया, वो भंडा भी उसका फुट जाएगा जब सोनी अपने और अजय के साथ की हुई चुदाई की बातें सभी को चटखारे लेकर सुनाएगी...और उपर से उसे अपनी दीदी के घर टूटने की भी चिंता सताने लगी...अभी तक तो सिर्फ़ एक किस्स से काम चल सकता था...अगर अजय सोनी के पास चला गया तो बात काफ़ी आगे बड़ जाएगी और प्राची तो ये सुनकर मर ही जाएगी की उसके पति का रिश्ता उसी की बहन के कॉलेज की एक लड़की से है...और प्राची दीदी को प्रेगनेंसी की हालत में वो कोई भी दुख नही देना चाहती थी..
वो एकदम से बोली : "अरे नही जीजू...आप उस सोनी की बातों में ना आओ, वो तो एक नंबर की बिच है...पूरे कॉलेज में बदनाम है वो...आज तक पता है कितने बाय्फरेंड्स रह चुके है उसके...और कोई भी 10-15 दिन से ज़्यादा नही टिकता...बड़ी ही चीप टाइप की लड़की है वो...आप उससे दूर ही रहो...''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "मुझे उन सबसे क्या लेना...मैं तो बस कल शाम उससे मिलकर आ जाऊंगा ..एक कॉफ़ी पियुंगा बस...''
पूजा (थोड़े गुस्से में ) : हाँ ..हाँ ...पता है मुझे...किस तरह की कॉफ़ी के लिए बुलाया है उसने आपको...साली बिच...जिस दिन से उसने आपको देखा है, उसी दिन से उसकी आँखों में मैने पड़ लिया था...और आज उसने अपनी असलियत दिखा ही दी...लेकिन आपको मेरी कसम है जीजू...आप उसके पास मत जाना प्लीज़....''
इतना कहकर पूजा अजय के बिल्कुल करीब खिसक आई और अपने हाथों से उसकी बाजुओं को पकड़कर अजय से लिपट गयी...और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया..ये पहली बार था जब पूजा ने खुद अपनी तरफ से कोई फीलिंग दिखाई थी.
और ऐसा करते ही उसके नाज़ुक स्तन भी अजय की बाजुओं से घिसने लगे...अजय जब भी गियर चेंज करता तो उसकी कोहनी पूजा के स्तनों को अंदर तक झंझोड़ देती..पर पूजा वहां से हटी ही नही...अजय से चिपक कर बैठी रही.
अजय : "एक तरफ तुम अपना वादा तोड़ रही हो..और उपर से अपनी कसम देकर मुझे सोनी से मिलने भी नही दे रही...''
अब तक शायद पूजा सब कुछ सोच चुकी थी और अपने मन में कुछ निश्चय भी कर चुकी थी....उसने अपना चेहरा उपर उठाया और अजय की आँखो में देखते हुए बोली : "आप उसके पास मत जाओ प्लीज़...मैं अपना वादा निभाने के लिए तैयार हूँ ...''
उसके होंठों से निकल रही भीनी खुश्बू अजय के बिल्कुल करीब थी....इतने रसीले होंठ अजय ने आज तक नही देखते थे....उसका मन तो कर रहा था की थोड़ा आगे हो जाए और उसके होंठों पर किस्स कर दे,पर वो ये इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था.
अजय : "फिर ठीक है....सोनी वाला प्रोग्राम केंसल ...''
तब तक वो सेंट्रल पार्क भी आ चुका था...अजय ने बाहर ही गाड़ी रोक दी..
पूजा : "गाड़ी क्यो रोक दी आपने...''
अजय : "मुझे गाड़ी में घुटन होती है...वैसे भी बाहर देखो, कितनी बढ़िया हवा चल रही है....चलो पार्क में चलकर बैठते है थोड़ी देर...''
पूजा : "जीजू !!!!! इस वक़्त......11 बजने वाले है....प्लीज़ एक किस्स ही तो करनी है आपको...यहीं कर लो ना.....पार्क में जाते हुए मुझे डर लगेगा...और शर्म भी आएगी मुझे..''
अजय : "इस वक़्त कौन होगा जिसे देखकर तुम्हे शर्म आएगी...और मेरे होते हुए तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है...मुझपर भरोसा करो और चलो मेरे साथ...और याद रखो, ये तुम्हारी लाइफ की पहली किस है, इसे ऐसी घुटन भरी जगह पर मत करो...बाहर निकलो और खुले आसमान के नीचे चलकर अपनी पहली किस्स का मज़ा लो..''
अजय की बात सुनकर पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो उठा..क्योंकि हर लड़की की तरह उसने भी अपने जीवन की पहली किस्स के लिए कई सपने संजोए थे...और आज जब वो घड़ी आई तो वो उन सपनो के बारे में भूल ही चुकी थी..अजय के कहने से वो सपने एक बार फिर से उसकी आँखो के सामने नाचने लगे..
उसने सोचा हुआ था की उसके दिल का राजकुमार , किसी नदी या समुंदर के किनारे उसे अपनी गोद में लिटाकर..उसके फूल से चेहरे को सहलाएगा...अपनी उंगलियों को उसकी आँखो, गालों और रसीले होंठों पर फिराएगा...और फिर धीरे से नीचे झुक कर अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख देगा...और दोनो एक कभी ना टूटने वाले चुंबन के बंधन में बंध जाएँगे...
"अब चलो भी अंदर....क्या सोचने लगी...''
अजय की आवाज़ सुनकर वो अपने ख़यालो से बाहर आई और झट से गाड़ी से निकलकर उसके साथ पार्क की तरफ चल दी.
रात का समय था,और पार्क बिल्कुल सुनसान सा था...अजय वहां पहले भी कई बार आ चुका था, इसलिए वो पूजा को लेकर थोड़ा अंदर की तरफ चलने लगा..
पूजा : "जीजू...कहाँ जा रहे हो...यहीं कर लो ना ...मुझे डर लग रहा है..''
पूजा उसकी बाजू पकड़ कर और चिपक कर चल रही थी...और अजय को उसके जिस्म से मिल रहे इस एहसास को फील करके काफ़ी मज़ा आ रहा था.
अजय : "बस थोड़ा और अंदर...एक ऐसी जगह है, जो तुम्हे भी पसंद आएगी...''
कहते-2 अजय उसे लेकर और अंदर की तरफ चल दिया.
पूजा को तो इस बात का पता भी नही था, पर अजय को ये एहसास हो चुका था की उनका कोई पीछा कर रहा है...एक सांया था, जो उनके पार्क में आते ही पेड़ों के पीछे से छिप -छिपकर उनके पीछे ही आता चला जा रहा था..
ये सोनी थी..जो एंट्री गेट के पास ही छुपकर अजय और पूजा को अंदर आते हुए देख चुकी थी..
उसे तो लगा था की अजय अंदर आते ही सामने पड़े एक बेंच पर बैठकर या पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा को किस्स करेगा, पर वो अंदर आकर चलता ही चला गया, इसलिए उसे भी छिप -छिपकर उनका पीछा करते हुए उसी तरफ जाना पड़ा, जहाँ वो दोनो जा रहे थे.
थोड़ा अंदर पहुँचकर जब अजय एक स्थान पर रुका तो वहां का नज़ारा देखकर पूजा की आँखे आश्चर्य से फैल गयी.
वहाँ एक छोटी सी झील थी...जिसके किनारे लकड़ी के बेंच और बड़े-2 पत्थर पड़े हुए थे...और उपर से पूर्णमाशी के चाँद की रोशनी से पूरा पार्क जगमगा रहा था...और झील में दो हँसो आ जोड़ा भी तैर रहा था...यानी कुल मिलाकर कुछ-2 वैसा ही रोमॅंटिक माहौल था जैसा पूजा ने सपनों में संजोया हुआ था.
और अजय भी बड़ा हरामी टाइप का था, वो जानता था की ऐसी जगह पर आकर पूजा थोड़ी रोमांटिक हो जाएगी, और फिर उससे कुछ भी करवाना ज़्यादा मुश्किल नही होगा.
अजय सीधा जाकर बेंच पर बैठ गया...और अपना एक हाथ आगे करके उसने पूजा को भी अपनी तरफ बुलाया..
पूजा मंत्रमुग्ध सी होकर अजय की तरफ चल दी.
दूर पेड़ के नीचे बैठी सोनी उन्हे देखकर जल भुन रही थी..
पूजा धीरे-2 चलती हुई बेंच तक आई और धीरे से वो अजय के करीब बैठ गयी...अजय ने उसकी कमर मे हाथ रखकर उसे अपने और करीब खिसका लिया..पूजा ने अपना सिर होले से अजय के कंधे पर रख दिया...
अजय ने अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाया और उसके माथे को चूम लिया..अजय के होंठों के स्पर्श से ही पूजा के शरीर में कंपन दौड़ गया...दिल की धड़कने और बढ़ गयी...उसके होंठ भी काँपने लगे..और फिर पूजा ने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया...और वो धीरे-2 फिसलकर नीचे की तरफ जाने लगी...और फिर उसने अपना सिर अजय की गोद में पहुँचा दिया और खुद सीधी होकर बेंच पर लेट गयी...
ये वही पोज़िशन थी जिसमें वो अपने सपनो के राजकुमार से पहली बार अपने होंठों को चुसवाना चाहती थी...
अजय भी अपनी गोद में लेटी पूजा के सेक्सी चेहरे को देखकर रोमांचित हो उठा...चाँद की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज़्यादा दमक रहा था.
पूजा ने नशीली आँखो से अजय को देखा और उसके सिर के पीछे अपना हाथ रखा और अपनी तरफ करते हुए बोली : "आओ अजय...किस्स मीsssssssssssssssss ...''