18-06-2022, 04:09 PM
गिल साहब की मेहमानबाजी ने कामना की दिल को एकबार फिर जीत लिया। माना कि उनकी उत्तेजना जैसे बढ़ जाती है, वह कभी कभी आपे से बहार हो जाते है। मगर एकबार शांत होते ही, वह शराफ़त की मिशाल बन जाते है। उन्हें थोड़े समय के भीतर दो अलग-अलग किरदार बनते हुये देखना वाकई हैरान कर देनेवाला है। उनकी यह परस्पर-विरोधी भूमिकाएं सफलतापूर्वक निभाना उसे ऐसी प्रेरणा दी कि वह भी उनके जैसे अपने जीवन में अलग-अलग किरदार निभाना चाहती है। उनकी हर इच्छा या अनुरोध अब उसके लिये वैद्य वाक्य बन चूका है। उसने ठीक वही कि जो उन्होंने उसे कहां। वह बिस्तर में बैठे बैठे ही बगल से बीयर की खुली बोतल उठाई और दो घूंट पी ली। अंदर शराब जाते ही उसकी भारी बदन की थकान थोड़ी सी दूर हो गया। पहले से ही उसने थोड़ी ज्यादा नशा कर रखी थी। उसपर थोड़ा शराब और जोड़कर उसे फिरसे बेकाबू बना दिया। उसे लगा कि उसे कुछ ताजी हवा मिल जाये तो वह और भी तरोताजा हो जाएगी। ताज़ी हवा खाने वह बीयर की बोतल हाथों में लिए खुली बालकनी पर जाकर बेशरमी से नंगी ही खड़ी हो गयी।
बालकनी के ऊपर से कामना ने देखि कि पार्टी अभी भी चल रही है। उसे लगी नहीं की कोई भी मेहमान पार्टी छोड़ के गये है। उसे शायद गिल साहब के लिये लंबा इंतजार करना होगा। इससे उसे कोई एतराज नहीं। लंबा इंतजार का मतलब उसे भी तरोताजा होने के लिये ज्यादा वक़्त मिलेगा। कुछ देर पहले एक दैत्यकाय बलवान पुरुष ने उसकी सुडौल शरीर के साथ जमकर संभोग की है। एक लंबी विश्राम उसके लिये वाकई में लाभदायक होगा। कुछ घंटे पहले उन्होंने जो तूफानी तरीके से उसके साथ संभोग किये, उससे उसकी पूरी बदन में दर्द हो चूका है। सोने के बाद भी उसकी सुडौल बदन थोड़ा थोड़ा दुख रहा है। एक वर्धित विश्राम का सही में हार्दिक स्वागत होगा। बालकनी में नंगी खड़े हुए वह आराम से बीयर की बोतल से छोटे छोटे घूँट ली और नीचे लॉन में चल रही पार्टी को देखती रही। बालकनी में रोशनी नहीं थी। इसलिए कोई उसे देख नहीं पाया।
बीयर काफी तगड़ा निकला। बोतल खत्म होते होते कामना को चढ़ गयी। पहले वोडका, फिर जिन और अब यह बीयर, इतना दारू पी कर टल्ली तो उसे होना ही था। वह सीधे खड़ी भी रह ना पाई और अपने विशाल नितंब को हवा में लटकता हुआ छोड़ कर अपने भारी वजन को सहारा देने सामने रेलिंग पर झुक पड़ी। अचानक उसे लगा कि कोई उसके ठीक पीछे आ कर खड़ा हो गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती दो मजबूत हाथ दोनों ओर से आ कर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और साथ ही उसकी सिक्त योनी के अंदर एक तगड़ा लिंग धकेल दिया गया। गिल साहब के बलशाली लंड से भारी भरकम चुदाई खाने के बाद भी उसकी लंपट चूत ने अपनी गर्मी कभी नहीं खोई। इसलिए यह नया लंड, जो पहले वाले जितना ही काफी बड़ा है, को भी धकेलने के साथ साथ ही उसकी लालची चूत ने आसानी से अपने अन्तराल में गटक ली। पहले तो वह चीखना चाहती थी। परन्तु, जैसे ही उस बड़े से लंड उसकी गीली चूत के अंदर सरकते हुए घुसा, उसे एक सस्ती सी रोमांच मिली। उसने अपना मुँह बंद रखने का फैसला किया और अपने बलात्कारी को जी खोल कर उसकी भरी जवानी के मजे लूटने का मौका दिया। वह सिर्फ धीरे से सिसकियां लेती रही, जबकि वो अज्ञात बलात्कारी उसकी बेवफ़ा चूत में अपना बिशाल लंड डाल कर बिलकुल मौज लेते हुए चुपचाप उसे पीछे से चोदता गया।
खूबसूरत व्यभिचारिणी और उसकी अज्ञात हमलावर के बीच बालकनी पर हो रहे अश्लील संभोगक्रिया हर गुजरते मिनट के साथ तीखा होने लगा। एक सिसक रही है और दूसरा घुरघुरा रहा है। लेकिन दोनों ही अपने आवाज को कभी भी ऊँची ना होने दिया। दोनों के बीच में कमाल की समझबूझ है। उनके तालमेल इतने अच्छे हैं की देख के लग नहीं रहा एक बलात्कारी और दूसरा उसके शिकार है। उनकी तीखी हरकतों में और भी मसाला लग गये जब अज्ञात लुटेरे ने कामना की कोमल कमार छोड़ के उसकी बड़े बड़े मम्मे को दोनों बाहें फैलाकर दबौच लिया और उसके खरबूजों को दबा दबा कर उसे चोदने लगा। फिर एक बार कोई तूफानी रफ़्तार पकड़ कर उसकी गर्म चूत को अपने प्रकांड लंड से ठंडा करने की कोशिश की और निसंदेह सफल हुये। एक और नाजायज संबंध की हवस ने उसे आसानी से अपने लपेट में ले लिया और उसने खुद को पूरी तरह से खो दिया। उसकी गीली चूत से फिर से रस टपकने लगी। उसकी खामोश सिसकियां कराह में बदल गईं। वह चिल्ला कर दुनिया को अपनी अपार सुख के बारे में बताना चहातीति। लेकिन उसी वक़्त उसके अवैध साथी उसकी मुँह पर अपना एक हाथ रख कर उसे चुप करा दिये। मजबूरी में उसके कठोर हाथ पर ही वह दोबारा सिसकने लगी।
इस आदमी का स्टैमिना एकदम चौका देने वाला है। उनकी पापमय संभोगक्रिया लंबा खिंचा। कामना की चूत से रस की नदी बह गई। मगर इस हरामखोर ने कभी वीर्यपात नहीं कि। वह बस पुरे शिद्दत के साथ अपने बिकट लंड को उसकी गीली चूत के अंदर धकेल धकेलकर उसे जीजान से चोदता गया। चोदते वक्त उसके भरे हुए बदन पर जहां मर्जी हाथ डाला और दोनों हाथों से दबोज दबोजकर उसके पुरे बदन में दर्द कर दिये। जैसे-जैसे समय बीता दुःसाहसी दुराचारि ने कामना की खौफनाक बलात्कार को और भी ज्यादा घिनौना बना दिया। उसके लिये लगभग असहनीय हो गया। उसकी चूत से काम रस नदी की तरह बहती गयी। इतना ज्यादा रस छोड़ने की वजह से उसकी भारी बदन से तमाम ताकत खत्म हो गई। उसकी पूरी तरह दम निकाल गया। उसकी सिसकना कब का बंद हो चुकी थी। अब तो वह सांस के लिये भी हांफ रहा।
बालकनी के ऊपर से कामना ने देखि कि पार्टी अभी भी चल रही है। उसे लगी नहीं की कोई भी मेहमान पार्टी छोड़ के गये है। उसे शायद गिल साहब के लिये लंबा इंतजार करना होगा। इससे उसे कोई एतराज नहीं। लंबा इंतजार का मतलब उसे भी तरोताजा होने के लिये ज्यादा वक़्त मिलेगा। कुछ देर पहले एक दैत्यकाय बलवान पुरुष ने उसकी सुडौल शरीर के साथ जमकर संभोग की है। एक लंबी विश्राम उसके लिये वाकई में लाभदायक होगा। कुछ घंटे पहले उन्होंने जो तूफानी तरीके से उसके साथ संभोग किये, उससे उसकी पूरी बदन में दर्द हो चूका है। सोने के बाद भी उसकी सुडौल बदन थोड़ा थोड़ा दुख रहा है। एक वर्धित विश्राम का सही में हार्दिक स्वागत होगा। बालकनी में नंगी खड़े हुए वह आराम से बीयर की बोतल से छोटे छोटे घूँट ली और नीचे लॉन में चल रही पार्टी को देखती रही। बालकनी में रोशनी नहीं थी। इसलिए कोई उसे देख नहीं पाया।
बीयर काफी तगड़ा निकला। बोतल खत्म होते होते कामना को चढ़ गयी। पहले वोडका, फिर जिन और अब यह बीयर, इतना दारू पी कर टल्ली तो उसे होना ही था। वह सीधे खड़ी भी रह ना पाई और अपने विशाल नितंब को हवा में लटकता हुआ छोड़ कर अपने भारी वजन को सहारा देने सामने रेलिंग पर झुक पड़ी। अचानक उसे लगा कि कोई उसके ठीक पीछे आ कर खड़ा हो गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती दो मजबूत हाथ दोनों ओर से आ कर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और साथ ही उसकी सिक्त योनी के अंदर एक तगड़ा लिंग धकेल दिया गया। गिल साहब के बलशाली लंड से भारी भरकम चुदाई खाने के बाद भी उसकी लंपट चूत ने अपनी गर्मी कभी नहीं खोई। इसलिए यह नया लंड, जो पहले वाले जितना ही काफी बड़ा है, को भी धकेलने के साथ साथ ही उसकी लालची चूत ने आसानी से अपने अन्तराल में गटक ली। पहले तो वह चीखना चाहती थी। परन्तु, जैसे ही उस बड़े से लंड उसकी गीली चूत के अंदर सरकते हुए घुसा, उसे एक सस्ती सी रोमांच मिली। उसने अपना मुँह बंद रखने का फैसला किया और अपने बलात्कारी को जी खोल कर उसकी भरी जवानी के मजे लूटने का मौका दिया। वह सिर्फ धीरे से सिसकियां लेती रही, जबकि वो अज्ञात बलात्कारी उसकी बेवफ़ा चूत में अपना बिशाल लंड डाल कर बिलकुल मौज लेते हुए चुपचाप उसे पीछे से चोदता गया।
खूबसूरत व्यभिचारिणी और उसकी अज्ञात हमलावर के बीच बालकनी पर हो रहे अश्लील संभोगक्रिया हर गुजरते मिनट के साथ तीखा होने लगा। एक सिसक रही है और दूसरा घुरघुरा रहा है। लेकिन दोनों ही अपने आवाज को कभी भी ऊँची ना होने दिया। दोनों के बीच में कमाल की समझबूझ है। उनके तालमेल इतने अच्छे हैं की देख के लग नहीं रहा एक बलात्कारी और दूसरा उसके शिकार है। उनकी तीखी हरकतों में और भी मसाला लग गये जब अज्ञात लुटेरे ने कामना की कोमल कमार छोड़ के उसकी बड़े बड़े मम्मे को दोनों बाहें फैलाकर दबौच लिया और उसके खरबूजों को दबा दबा कर उसे चोदने लगा। फिर एक बार कोई तूफानी रफ़्तार पकड़ कर उसकी गर्म चूत को अपने प्रकांड लंड से ठंडा करने की कोशिश की और निसंदेह सफल हुये। एक और नाजायज संबंध की हवस ने उसे आसानी से अपने लपेट में ले लिया और उसने खुद को पूरी तरह से खो दिया। उसकी गीली चूत से फिर से रस टपकने लगी। उसकी खामोश सिसकियां कराह में बदल गईं। वह चिल्ला कर दुनिया को अपनी अपार सुख के बारे में बताना चहातीति। लेकिन उसी वक़्त उसके अवैध साथी उसकी मुँह पर अपना एक हाथ रख कर उसे चुप करा दिये। मजबूरी में उसके कठोर हाथ पर ही वह दोबारा सिसकने लगी।
इस आदमी का स्टैमिना एकदम चौका देने वाला है। उनकी पापमय संभोगक्रिया लंबा खिंचा। कामना की चूत से रस की नदी बह गई। मगर इस हरामखोर ने कभी वीर्यपात नहीं कि। वह बस पुरे शिद्दत के साथ अपने बिकट लंड को उसकी गीली चूत के अंदर धकेल धकेलकर उसे जीजान से चोदता गया। चोदते वक्त उसके भरे हुए बदन पर जहां मर्जी हाथ डाला और दोनों हाथों से दबोज दबोजकर उसके पुरे बदन में दर्द कर दिये। जैसे-जैसे समय बीता दुःसाहसी दुराचारि ने कामना की खौफनाक बलात्कार को और भी ज्यादा घिनौना बना दिया। उसके लिये लगभग असहनीय हो गया। उसकी चूत से काम रस नदी की तरह बहती गयी। इतना ज्यादा रस छोड़ने की वजह से उसकी भारी बदन से तमाम ताकत खत्म हो गई। उसकी पूरी तरह दम निकाल गया। उसकी सिसकना कब का बंद हो चुकी थी। अब तो वह सांस के लिये भी हांफ रहा।