18-06-2022, 03:01 PM
ये देखते ही अजय की हालत पतली हो गयी...अपनी ही साली के कॉलेज में वो उसकी सहेली के साथ था..और वो साली जो अभी कुछ देर पहले ही उसे किस्स करने का वादा करके गयी थी...वैसे तो ऐसे मौके अजय छोड़ता नही था, पर अपनी साली की तरफ से उसे बड़ा डर लग रहा था, एक तो वो पहले से ही उसे ठरकी के ताज से नवाज चुकी थी ,ऐसे में अगर उसने अजय को सोनी के साथ देख लिया तो किस्स तो क्या वो उसे देखेगी भी नही...इसलिए अजय की गांड फट रही थी..
वो धीरे से बोला : "उम्म्म....तुम चेंज कर लो...मैं बाहर ही खड़ा हूँ ...''
सोनी : "ओह नही....ऐसा मत करो अजय....मुझे बड़ा डर लगता है...तुम बस पाँच मिनट के लिए यहीं खड़े रहो...मैं जल्दी से चेंज कर लेती हूँ ...अंदर आ जाओ प्लीज़...''
अब उसके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था की अजय के कदम वापिस अंदर की तरफ बड़ गये...और वो रोबोट की तरह चलता हुआ बिल्कुल उसके करीब जा पहुँचा...इतने करीब की वो उसके जिस्म से निकल रही भीनी खुश्बू भी महसूस कर पा रहा था..
सोनी मुस्कुराइ और बोली : "ओफफो....इतने पास भी नही..थोड़ा तो दूर रहो ना...''
और वो हंसते हुए अपनी साड़ी फिर से खोलने लगी...
साड़ी खोलकर उसने टेबल पर रख दी...अब वो सिर्फ़ पेटीकोत और ब्लाउस में ही खड़ी थी...
पर अजय की आँखे अभी उसको चोद ही रही थी की उसने बिना किसी झिझक के अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे उतार कर नीचे गिरा दिया..
एकदम छोटी सी और टाइट फिटिंग वाली कच्छी में उसके मांसल कूल्हे और भरी हुई जांघे देखकर अजय के सिर से धुआँ निकलने लगा..
पर सोनी ने वो इतनी आसानी से कर दिया था जैसे उसे कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...और फिर उतनी ही आसानी से वो उसकी तरफ पलटी और बोली : ''अजय, प्लीज़ मेरे ब्लाउस के हुक खोल दो पीछे से...''
अजय ने तो इस बात की कल्पना भी नही की थी....वो धीरे से आगे बड़ा और अपने काँपते हुए हाथों से उसकी कमर पर लगे हुक खोलने लगा..सोनी भी उसके हाथों के कंपन को महसूस करके हँसने लगी और बोली : "लगता है तुम नर्वस हो रहे हो...''
और इतना कहकर उसने अपनी भरी हुई मटकी जैसी गांड पीछे करते हुए अजय के लंड पर हल्के से मार दी...अजय को तो ऐसा लगा की उसके लंड वाले हिस्से पर किसी ने नरम पिल्लो चिपका दिया है..क्योंकि अपनी गांड पीछे करने के बाद उसने उसे वापिस आगे नही किया, बल्कि गोल-2 करके उसे घुमाने लगी..यानी वो ये काम जान बूझकर कर रही थी...अजय को सामने की तरफ से फुल लाइन देने वाली ये पहली लड़की मिली थी..
पर उसकी किस्मत तो देखो, वो पूजा के डर से खुलकर कुछ कर ही नही पा रहा था..
और ये बात शायद सोनी ने भाँप ली थी..वो उसकी तरफ पलटी और सीधा अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी और बड़े ही प्यार से बोली : "ओहो....लगता है पूजा के डर से तुम कुछ भी करने से कतरा रहे हो...
अजय बेचारा कुछ भी ना बोल पाया...सोनी बड़े ही गोर से उसके चेहरे के एक्शप्रेशन पड़ने की कोशिश कर रही थी..और साथ ही साथ अपने हाथों से उसके सीने को भी सहला रही थी..
अजय : "ना....नही हो....ऐसा कुछ नही है...पर वो...वो पूजा...नीचे...''
सोनी ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रखते हुए कहा : "श्ह्ह्ह्ह्ह ......भूल जाओ उसको...थोड़ी देर के लिए...जब इतनी सेक्सी लड़की तुम्हारे सामने खड़ी है तो उस बहनजी का नाम क्यों ले रहे हो...आई नो उसने तुम्हे अभी तक कुछ भी करने नही दिया होगा...''
अजय ये सुनकर हैरान रह गया...वो बोला : "तुम्हे कैसे पता ??''
सोनी : "मैं जानती हू उसको अच्छी तरह से...जिस तरहा के कपड़े वो पहनती है...जिस तरह की बातें वो करती है...उसे देखकर सब पता चल जाता है...सिर्फ़ सुन्दर दिखने से कुछ नही होता..उस सुंदरता का इस्तेमाल भी किया जाए तभी जवानी का असली मज़ा मिलता है...जैसे मैं करती हू...और खासकर तब जब लड़का तुम्हारे जैसा हेंडसम हो ''
वो धीरे से बोला : "उम्म्म....तुम चेंज कर लो...मैं बाहर ही खड़ा हूँ ...''
सोनी : "ओह नही....ऐसा मत करो अजय....मुझे बड़ा डर लगता है...तुम बस पाँच मिनट के लिए यहीं खड़े रहो...मैं जल्दी से चेंज कर लेती हूँ ...अंदर आ जाओ प्लीज़...''
अब उसके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था की अजय के कदम वापिस अंदर की तरफ बड़ गये...और वो रोबोट की तरह चलता हुआ बिल्कुल उसके करीब जा पहुँचा...इतने करीब की वो उसके जिस्म से निकल रही भीनी खुश्बू भी महसूस कर पा रहा था..
सोनी मुस्कुराइ और बोली : "ओफफो....इतने पास भी नही..थोड़ा तो दूर रहो ना...''
और वो हंसते हुए अपनी साड़ी फिर से खोलने लगी...
साड़ी खोलकर उसने टेबल पर रख दी...अब वो सिर्फ़ पेटीकोत और ब्लाउस में ही खड़ी थी...
पर अजय की आँखे अभी उसको चोद ही रही थी की उसने बिना किसी झिझक के अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे उतार कर नीचे गिरा दिया..
एकदम छोटी सी और टाइट फिटिंग वाली कच्छी में उसके मांसल कूल्हे और भरी हुई जांघे देखकर अजय के सिर से धुआँ निकलने लगा..
पर सोनी ने वो इतनी आसानी से कर दिया था जैसे उसे कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...और फिर उतनी ही आसानी से वो उसकी तरफ पलटी और बोली : ''अजय, प्लीज़ मेरे ब्लाउस के हुक खोल दो पीछे से...''
अजय ने तो इस बात की कल्पना भी नही की थी....वो धीरे से आगे बड़ा और अपने काँपते हुए हाथों से उसकी कमर पर लगे हुक खोलने लगा..सोनी भी उसके हाथों के कंपन को महसूस करके हँसने लगी और बोली : "लगता है तुम नर्वस हो रहे हो...''
और इतना कहकर उसने अपनी भरी हुई मटकी जैसी गांड पीछे करते हुए अजय के लंड पर हल्के से मार दी...अजय को तो ऐसा लगा की उसके लंड वाले हिस्से पर किसी ने नरम पिल्लो चिपका दिया है..क्योंकि अपनी गांड पीछे करने के बाद उसने उसे वापिस आगे नही किया, बल्कि गोल-2 करके उसे घुमाने लगी..यानी वो ये काम जान बूझकर कर रही थी...अजय को सामने की तरफ से फुल लाइन देने वाली ये पहली लड़की मिली थी..
पर उसकी किस्मत तो देखो, वो पूजा के डर से खुलकर कुछ कर ही नही पा रहा था..
और ये बात शायद सोनी ने भाँप ली थी..वो उसकी तरफ पलटी और सीधा अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी और बड़े ही प्यार से बोली : "ओहो....लगता है पूजा के डर से तुम कुछ भी करने से कतरा रहे हो...
अजय बेचारा कुछ भी ना बोल पाया...सोनी बड़े ही गोर से उसके चेहरे के एक्शप्रेशन पड़ने की कोशिश कर रही थी..और साथ ही साथ अपने हाथों से उसके सीने को भी सहला रही थी..
अजय : "ना....नही हो....ऐसा कुछ नही है...पर वो...वो पूजा...नीचे...''
सोनी ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रखते हुए कहा : "श्ह्ह्ह्ह्ह ......भूल जाओ उसको...थोड़ी देर के लिए...जब इतनी सेक्सी लड़की तुम्हारे सामने खड़ी है तो उस बहनजी का नाम क्यों ले रहे हो...आई नो उसने तुम्हे अभी तक कुछ भी करने नही दिया होगा...''
अजय ये सुनकर हैरान रह गया...वो बोला : "तुम्हे कैसे पता ??''
सोनी : "मैं जानती हू उसको अच्छी तरह से...जिस तरहा के कपड़े वो पहनती है...जिस तरह की बातें वो करती है...उसे देखकर सब पता चल जाता है...सिर्फ़ सुन्दर दिखने से कुछ नही होता..उस सुंदरता का इस्तेमाल भी किया जाए तभी जवानी का असली मज़ा मिलता है...जैसे मैं करती हू...और खासकर तब जब लड़का तुम्हारे जैसा हेंडसम हो ''