18-06-2022, 02:44 PM
अच्छी तरह से निहारना ही अजय का काम ही नही था...वो तो ऐसे बदन को आँखो से चोद कर ही मानता था...और वो अब यही कर रहा था...कार की स्पीड तो उसने धीरे कर दी पर अपनी आँखो से चोदन की प्रक्रिया तेज कर दी...अब मंद-2 मुस्कुराने की बारी रिया की थी...भले ही रिया का चेहरा सामने की तरफ था, पर बगल में बैठे जीजू की नज़रों को वो अपने जिस्म पर साफ़ महसूस कर रही थी...और उन आँखो की चुभन को महसूस करते हुए उसके निप्पल कब खड़े हो गये उसे भी पता नही चला...पर अजय को पता चल गया जब देखते ही देखते उसकी आँखो के सामने रिया की नन्ही सी ब्रेस्ट पर छोटे-2 दो बेर उग आए..
अजय : "उम्म्म....सेक्सी.....लग रही हो रिया...''
रिया की मुस्कुराहट हँसी मे बदल गयी.
''थॅंक्स जीजू...मुझे पता था की आपको ऐसी ड्रेस पसंद आएगी...''
अजय (अनजान बनते हुए) : "क्यो ?? ऐसा क्या ख़ास है इस ड्रेस में ..''
रिया बेचारी इतनी भोली थी की ये भी ना समझ पाई की उसके जीजू अब उससे मज़े ले रहे है
वो बोली : "क्या जीजू...आपने तो नोट ही नही किया...आज मैने चुन्नी नही पहनी हुई...देखो...''
और उसने अपना नन्हा सा सीना तान कर अपने जीजू के सामने परोस दिया..
अजय की गाड़ी ठूकते-2 बची...
अजय का मन तो कर रहा था की आगे हाथ करके वो उन्हे दबोच ले...मसल दे...निचोड़ दे उन नींबुओं को...पर वो जल्दबाज़ी नही करना चाहता था.
अजय : "ओहो....ये तो मैने देखा ही नही....वाव् ...सच में ...कमाल के लग रहे है ये दोनो...''
''ये दोनो'' सुनकर पल भर के लिए तो रिया के चेहरे की रंगत ही बदल गयी....उसकी आँखो मे शर्म के लाल डोरे तेर गये...एक पल के लिए तो वो समझ ही नही पाई की उसके जीजू किन दोनों की बात कर रहे है....क्या उन्होने उसके दोनो बूब्स के बारे में ऐसा बोला है....पर ऐसा तो वो बोल ही नही सकते....
फिर भी अपनी शंका का समाधान करने के लिए उसने सकुचाते हुए पूछ ही लिया : "किन दोनो की बात कर रहे हो आप जीजू...''
अजय : "इन दोनों की...और किसकी...''
अजय ने बिना उसकी तरफ देखे हुए कहा...वो अंदर ही अंदर अपनी हँसी को दबाने की कोशिश कर रहा था, इसलिए रिया की आँखों में देखे बिना उसने ये बोल दिया...वो जानता था की जो वो बोल रहा है वो उसकी सीमा से आगे है...पर अब खेल को अगले चरण में ले जाने का वक़्त आ चुका था.
रिया : "क्या जीजू....सॉफ-2 बोलो ना...कौन दोनो...''
शायद वो अब खुद ही सुनना चाहती थी की उसके जीजू उसके बूब्स के बारे में बोल रहे है
अजय : "अरे भाई...ये दोनो....तुम्हारे बूब्स...चुननु मुननू...''
रिया : "चुननु मुननू ??"
अजय : "हाँ , चुननु मुननू...मैं तो प्राची के बूब्स को भी इसी नाम से बुलाता हूँ ...दे आर माय सॉफ्ट टाय्स...चुननु मुननू...''
रिया तो शर्म से गड़ी जा रही थी....उसके जीजू कितनी आसानी से उसके बूब्स के बारे में बात कर रहे थे...और तो और उन्हे उसी नाम से बुला रहे थे जिस नाम से वो उसकी प्राची दीदी के बूब्स को बुलाते हैं....ये लास्ट वाली बात सोच-सोचकर उसके दिल की धड़कने और ज़ोर से बड़ गयी...
![[Image: 87375165_004_801c.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/85/87375165/87375165_004_801c.jpg)
वो कुछ और बोल नही पाई क्योंकि तब तक उसका इन्स्टिट्यूट आ गया...और वो उतर गयी..
उसके बाद अजय अपने ऑफीस चला गया.
दोनो के मन में ये सुबह वाली बात पूरे दिन घूमती रही.
शाम को अजय जब घर के लिए वापिस जाने . तो उसका फोन बज उठा..उसने देखा तो उसकी सास का नंबर था...उसने मुस्कुराते हुए फोन उठा लिया और बोला : "बोलो जानेमन...क्या हाल है आपका...''
और दूसरी तरफ से जो आवाज़ आई उसे सुनकर उसके होश उड़ गये...वो फोन प्राची ने किया था..
''जानेमन ???? ये क्या है अजय....ये तो मैने मम्मी के फोन से कॉल की है...और तुमने सीधा जानेमन बोल दिया...''
अजय की तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी...उसने डरते-2 कहा : "वो बस अंदाज़ा लगाया था मैने...''
वो जानता था की ये बहाना प्र्याप्त नही है...वो कुछ और सोचने लगा पर तब तक प्राची के हँसने की आवाज़ आने लगी...
अजय ने डरते-2 पूछा : "क्या हुआ...तुम हंस क्यो रही हो...??''
प्राची : "ओह अजय....मैं तो ये सोचकर हंस रही थी की अगर सच में माँ ने फोन किया होता और उन्हे तुम्हारा ये जानेमन सुनने को मिल जाता तो उन्हे तो हार्ट अटैक ही पड़ जाता....हा हा हा...''
और वो फिर से बिना ब्रेक के हँसने लगी..
अजय ने उपर वाले का शुक्र मनाया की उसे कुछ शक नही हुआ.
अजय : "उम्म्म....सेक्सी.....लग रही हो रिया...''
रिया की मुस्कुराहट हँसी मे बदल गयी.
''थॅंक्स जीजू...मुझे पता था की आपको ऐसी ड्रेस पसंद आएगी...''
अजय (अनजान बनते हुए) : "क्यो ?? ऐसा क्या ख़ास है इस ड्रेस में ..''
रिया बेचारी इतनी भोली थी की ये भी ना समझ पाई की उसके जीजू अब उससे मज़े ले रहे है
वो बोली : "क्या जीजू...आपने तो नोट ही नही किया...आज मैने चुन्नी नही पहनी हुई...देखो...''
और उसने अपना नन्हा सा सीना तान कर अपने जीजू के सामने परोस दिया..
अजय की गाड़ी ठूकते-2 बची...
अजय का मन तो कर रहा था की आगे हाथ करके वो उन्हे दबोच ले...मसल दे...निचोड़ दे उन नींबुओं को...पर वो जल्दबाज़ी नही करना चाहता था.
अजय : "ओहो....ये तो मैने देखा ही नही....वाव् ...सच में ...कमाल के लग रहे है ये दोनो...''
''ये दोनो'' सुनकर पल भर के लिए तो रिया के चेहरे की रंगत ही बदल गयी....उसकी आँखो मे शर्म के लाल डोरे तेर गये...एक पल के लिए तो वो समझ ही नही पाई की उसके जीजू किन दोनों की बात कर रहे है....क्या उन्होने उसके दोनो बूब्स के बारे में ऐसा बोला है....पर ऐसा तो वो बोल ही नही सकते....
फिर भी अपनी शंका का समाधान करने के लिए उसने सकुचाते हुए पूछ ही लिया : "किन दोनो की बात कर रहे हो आप जीजू...''
अजय : "इन दोनों की...और किसकी...''
अजय ने बिना उसकी तरफ देखे हुए कहा...वो अंदर ही अंदर अपनी हँसी को दबाने की कोशिश कर रहा था, इसलिए रिया की आँखों में देखे बिना उसने ये बोल दिया...वो जानता था की जो वो बोल रहा है वो उसकी सीमा से आगे है...पर अब खेल को अगले चरण में ले जाने का वक़्त आ चुका था.
रिया : "क्या जीजू....सॉफ-2 बोलो ना...कौन दोनो...''
शायद वो अब खुद ही सुनना चाहती थी की उसके जीजू उसके बूब्स के बारे में बोल रहे है
अजय : "अरे भाई...ये दोनो....तुम्हारे बूब्स...चुननु मुननू...''
रिया : "चुननु मुननू ??"
अजय : "हाँ , चुननु मुननू...मैं तो प्राची के बूब्स को भी इसी नाम से बुलाता हूँ ...दे आर माय सॉफ्ट टाय्स...चुननु मुननू...''
रिया तो शर्म से गड़ी जा रही थी....उसके जीजू कितनी आसानी से उसके बूब्स के बारे में बात कर रहे थे...और तो और उन्हे उसी नाम से बुला रहे थे जिस नाम से वो उसकी प्राची दीदी के बूब्स को बुलाते हैं....ये लास्ट वाली बात सोच-सोचकर उसके दिल की धड़कने और ज़ोर से बड़ गयी...
![[Image: 87375165_004_801c.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/85/87375165/87375165_004_801c.jpg)
वो कुछ और बोल नही पाई क्योंकि तब तक उसका इन्स्टिट्यूट आ गया...और वो उतर गयी..
उसके बाद अजय अपने ऑफीस चला गया.
दोनो के मन में ये सुबह वाली बात पूरे दिन घूमती रही.
शाम को अजय जब घर के लिए वापिस जाने . तो उसका फोन बज उठा..उसने देखा तो उसकी सास का नंबर था...उसने मुस्कुराते हुए फोन उठा लिया और बोला : "बोलो जानेमन...क्या हाल है आपका...''
और दूसरी तरफ से जो आवाज़ आई उसे सुनकर उसके होश उड़ गये...वो फोन प्राची ने किया था..
''जानेमन ???? ये क्या है अजय....ये तो मैने मम्मी के फोन से कॉल की है...और तुमने सीधा जानेमन बोल दिया...''
अजय की तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी...उसने डरते-2 कहा : "वो बस अंदाज़ा लगाया था मैने...''
वो जानता था की ये बहाना प्र्याप्त नही है...वो कुछ और सोचने लगा पर तब तक प्राची के हँसने की आवाज़ आने लगी...
अजय ने डरते-2 पूछा : "क्या हुआ...तुम हंस क्यो रही हो...??''
प्राची : "ओह अजय....मैं तो ये सोचकर हंस रही थी की अगर सच में माँ ने फोन किया होता और उन्हे तुम्हारा ये जानेमन सुनने को मिल जाता तो उन्हे तो हार्ट अटैक ही पड़ जाता....हा हा हा...''
और वो फिर से बिना ब्रेक के हँसने लगी..
अजय ने उपर वाले का शुक्र मनाया की उसे कुछ शक नही हुआ.