17-06-2022, 08:30 PM
सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक चल रहा था। मैं खुद पर खुश होता हुआ ऊपर फ्लैट में आके सो गया।
अगले दिन सुबह शिल्पी और मनीष ट्यूशन के लिए आए। आज शिल्पी के चेहरे को देखकर यह लग रहा था मानो वों मनीष के आने से खुश नहीं थी और वों मुझसे कुछ और उम्मीद ले कर आई थी। मैं यह समझ गया और मैंने उसको इशारे से शांत रहने को कहाँ। आज वों मेरे करीब बैठी थी। मैंने दोनों का ट्यूशन खत्म किया और दोनों को नीचे भेजना। दोनों उसके बाद कॉलेज /कॉलेज निकल जाते।
अभी मैं ऑफिस के लिए तैयार हो कर निकलने की सोच रहा था कि मंजू की कॉल आ गई। मंजू ने कहाँ की नाशता रेडी है नीचे आ जाओ। मैंने कहाँ की ऊपर ही आओ ना तुम साथ नाश्ता करते है। मंजू ऊपर नाश्ता लेकर आ गई। मैंने उसको कुर्सी पर बैठने को कहाँ और बोला आँखे बंद कर लो। उसने बोला क्यूँ तो मैंने कहाँ कि जैसा कहाँ है वैसा करो। ठीक है बोल के मंजू ने आँखे बंद कर ली और मैंने अपने बैग से एक लेडी वॉच निकली जो मैंने मंजू के लिए कल ख़रीदा था। मैंने मंजू के माथे पर किस किया और मंजू के हाथों में वों घड़ी बाँध दी। मंजू ने गिफ्ट देखकर मुझे थैंक यूँ कहाँ। मैंने कहाँ कि सिर्फ थैंक यूँ?
इस पर मंजू खिलखिलाते हुए हंस पड़ी और मेरे गले लग गई और अपने होंठो को मेरे होंठो से मिला दिया। हम दोनों लंबे समय तक एक दूसरे के साथ लिप लॉक करते रहे। फिर अलग होते हुए मंजू ने कहाँ कि नाश्ता कर लो। मैंने बोला चलो साथ नास्ता करते है और मंजू ने अपने हाथों से मुझे खिलाया।
नाश्ता खत्म करने के बाद मंजू नीचे चली आई और मैं ऑफिस। मैं अब ये सोच रहा था कि मंजू के तरफ से ग्रीन सिग्नल है लेकिन सुरक्षित टाइम कैसे निकालू।
इसी कश्मकश में दो तीन दिन बीते की। डेली रूटीन जैसा मैं ट्यूशन में शिल्पी और ब्रेकफास्ट /डिनर के समय मंजू के साथ कुछ टाइम बिता पा रहा था।
अगले दिन सुबह शिल्पी और मनीष ट्यूशन के लिए आए। आज शिल्पी के चेहरे को देखकर यह लग रहा था मानो वों मनीष के आने से खुश नहीं थी और वों मुझसे कुछ और उम्मीद ले कर आई थी। मैं यह समझ गया और मैंने उसको इशारे से शांत रहने को कहाँ। आज वों मेरे करीब बैठी थी। मैंने दोनों का ट्यूशन खत्म किया और दोनों को नीचे भेजना। दोनों उसके बाद कॉलेज /कॉलेज निकल जाते।
अभी मैं ऑफिस के लिए तैयार हो कर निकलने की सोच रहा था कि मंजू की कॉल आ गई। मंजू ने कहाँ की नाशता रेडी है नीचे आ जाओ। मैंने कहाँ की ऊपर ही आओ ना तुम साथ नाश्ता करते है। मंजू ऊपर नाश्ता लेकर आ गई। मैंने उसको कुर्सी पर बैठने को कहाँ और बोला आँखे बंद कर लो। उसने बोला क्यूँ तो मैंने कहाँ कि जैसा कहाँ है वैसा करो। ठीक है बोल के मंजू ने आँखे बंद कर ली और मैंने अपने बैग से एक लेडी वॉच निकली जो मैंने मंजू के लिए कल ख़रीदा था। मैंने मंजू के माथे पर किस किया और मंजू के हाथों में वों घड़ी बाँध दी। मंजू ने गिफ्ट देखकर मुझे थैंक यूँ कहाँ। मैंने कहाँ कि सिर्फ थैंक यूँ?
इस पर मंजू खिलखिलाते हुए हंस पड़ी और मेरे गले लग गई और अपने होंठो को मेरे होंठो से मिला दिया। हम दोनों लंबे समय तक एक दूसरे के साथ लिप लॉक करते रहे। फिर अलग होते हुए मंजू ने कहाँ कि नाश्ता कर लो। मैंने बोला चलो साथ नास्ता करते है और मंजू ने अपने हाथों से मुझे खिलाया।
नाश्ता खत्म करने के बाद मंजू नीचे चली आई और मैं ऑफिस। मैं अब ये सोच रहा था कि मंजू के तरफ से ग्रीन सिग्नल है लेकिन सुरक्षित टाइम कैसे निकालू।
इसी कश्मकश में दो तीन दिन बीते की। डेली रूटीन जैसा मैं ट्यूशन में शिल्पी और ब्रेकफास्ट /डिनर के समय मंजू के साथ कुछ टाइम बिता पा रहा था।