17-06-2022, 06:09 PM
कपिल- आज तू मुझको जब तक गन्दी-गन्दी गालियाँ न बकने लगेगी तब तक तेरी बुर को चचोरता रहूँगा साली. मेरी रंडी बहनिया, मेरी कुतिया!
और ऐसा कहते हुए कपिल ने अपनी जीभ उसकी बुर में ठेल दी. वो अब बहुत तेज सिसकारियाँ ले रही थी- मेरी जान तुम मुझे पागल बना रहे हो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह मेरे चोदू भाई! हाँ ऐसे ही, ऐसे ही … ओह्ह, ओह्ह, चूसो मेरी बुर को … ईई … इह्ह … मेरी बुर की धज्जियाँ उड़ा दो. साली इसकी पत्तियों को अपने मुँह में भर कर ऐसे ही चाटो मेरे राजा!! ओह डियर … बहुत अच्छा कर रहे हो तुम …! मेरी बुर के छेद में अपनी जीभ को पेलो और अपने मुँह से चोद दो मुझे!
शारदा चाची लगातार गालियाँ बकती जा रही थी- हाय मेरे चोदू भाई! मेरी बुर के होंठों को काट लो और अपनी जीभ को मेरी बुर में पेलो … ओह मेरे चोदू भाई. ऐसे ही प्यार से … हां, ऐसे ही! ओह … खा जाओ मेरी बुर को, चूस लो इसका सारा रस!
उसके मुख से लगातार सीत्कारें निकल रही थीं, मुझे भी उसकी सीत्कारों को सुन कर बहुत ही मजा आ रहा था और साथ ही डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ न जाये, पर ये दोनों लगे हुये थे अपनी कामवासना की सैर करने में. मैं भी सीन का मजा लेने में लगा हुआ था.
शारदा चाची – मैं गई … गई … गईई राजा … ओह बुर चोदू … देख मेरी बुर … पी मेरे पानी को, हाय पी जा इसे! ओह पी जा मेरी बुर से निकले रस को … सीईईई … भाई मेरे .. बुर से निकले स्वादिष्ट माल को पी जा प्यारे भाई!
उसकी बुर फड़फड़ा रही थी और उसकी गांड में भी कम्पन हो रहा था.
फिर शारदा चाची ने मुँह घुमा कर लंड को देखा और बोली- सच में तुमने मुझे बहुत सुख दिया. ओह डियर तुम्हारा लंड तो एकदम लोहे की रॉड जैसा खड़ा है. ओह डार्लिंग आओ … जल्दी आओ, तुम्हारे लंड में खुजली हो रही होगी … मैं भी तैयार हूँ. आओ भाई चढ़ जाओ अपनी बहन की बुर पर और जल्दी से मेरी बुर चोद दो. चलो जल्दी से चुदाई का खेल शुरू करें.
कपिल- अब मैं तुम्हें चोदूँगा मेरी प्यारी बहनिया. मेरे लंड को लेने के लिए तैयार हो जा मेरी रंडी.
यह कह कर कपिल ने अपने मोटे लंड को अपनी दीदी की बुर के ऊपर रगड़ना शुरू किया.
शारदा चाची को लंड बुर में लेने की बेचैनी भी हो रही थी. वह बुर उछाल रही थी और सिसयाते हुए बोलने लगी- ओह मेरे बहनचोद भाई. अब देर मत करो, मैं अब गर्म हो गई हूँ, अब जल्दी से अपनी इस छिनाल बहन को चोद दो और प्यास बुझा लो. ओह भाई, जल्दी करो और अपने लंड को मेरी बुर में पेल दो. कपिल ने अपने खड़े लंड को उसकी गीली बुर के छेद के सामने लगा दिया और एक जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा लंड उसकी बुर में एक ही धक्के में पेल दिया.
उसके मुख से एक आह निकली- आई ईईई … मादरचोद, बिल्कुल रांड समझ कर ठोक दिया अपना हथियार. माँ म्म्म … मर गई ईईई … मेरी फट जाएगी कुत्ते, जरा धीरे नहीं पेल सकता था हरामी!
कपिल- अभी तो शुरुआत है शारदा. अभी तो तेरी बुर में 3 इंच तक ही घुसा है. अरे अभी तो कह रही थी चोद दो!
धीरे-धीरे शारदा चाची ने दर्द कम होने का नाटक करते हुए अपनी गांड को उछालते हुए अपने भाई के लंड को अपनी बुर में लेना शुरू कर दिया.
कपिल अपना लंड एक आध इंच बाहर निकालता और फिर से अंदर डाल देता. फिर अचानक एक धक्के में पूरा 8 इंच का मोटा लंड शारदा चाची की छोटी सी बुर में घुसेड़ दिया.
आख़िर शारदा चाची का दर्द थोड़ा कम होने लगा, उनको अब थोड़ा थोड़ा मज़ा आ रहा था. अब लंड बुर में अंदर बाहर हो रहा था. हर एक धक्के पर शारदा चाची का मज़ा ज़्यादा हो रहा था.
और ऐसा कहते हुए कपिल ने अपनी जीभ उसकी बुर में ठेल दी. वो अब बहुत तेज सिसकारियाँ ले रही थी- मेरी जान तुम मुझे पागल बना रहे हो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह मेरे चोदू भाई! हाँ ऐसे ही, ऐसे ही … ओह्ह, ओह्ह, चूसो मेरी बुर को … ईई … इह्ह … मेरी बुर की धज्जियाँ उड़ा दो. साली इसकी पत्तियों को अपने मुँह में भर कर ऐसे ही चाटो मेरे राजा!! ओह डियर … बहुत अच्छा कर रहे हो तुम …! मेरी बुर के छेद में अपनी जीभ को पेलो और अपने मुँह से चोद दो मुझे!
शारदा चाची लगातार गालियाँ बकती जा रही थी- हाय मेरे चोदू भाई! मेरी बुर के होंठों को काट लो और अपनी जीभ को मेरी बुर में पेलो … ओह मेरे चोदू भाई. ऐसे ही प्यार से … हां, ऐसे ही! ओह … खा जाओ मेरी बुर को, चूस लो इसका सारा रस!
उसके मुख से लगातार सीत्कारें निकल रही थीं, मुझे भी उसकी सीत्कारों को सुन कर बहुत ही मजा आ रहा था और साथ ही डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ न जाये, पर ये दोनों लगे हुये थे अपनी कामवासना की सैर करने में. मैं भी सीन का मजा लेने में लगा हुआ था.
शारदा चाची – मैं गई … गई … गईई राजा … ओह बुर चोदू … देख मेरी बुर … पी मेरे पानी को, हाय पी जा इसे! ओह पी जा मेरी बुर से निकले रस को … सीईईई … भाई मेरे .. बुर से निकले स्वादिष्ट माल को पी जा प्यारे भाई!
उसकी बुर फड़फड़ा रही थी और उसकी गांड में भी कम्पन हो रहा था.
फिर शारदा चाची ने मुँह घुमा कर लंड को देखा और बोली- सच में तुमने मुझे बहुत सुख दिया. ओह डियर तुम्हारा लंड तो एकदम लोहे की रॉड जैसा खड़ा है. ओह डार्लिंग आओ … जल्दी आओ, तुम्हारे लंड में खुजली हो रही होगी … मैं भी तैयार हूँ. आओ भाई चढ़ जाओ अपनी बहन की बुर पर और जल्दी से मेरी बुर चोद दो. चलो जल्दी से चुदाई का खेल शुरू करें.
कपिल- अब मैं तुम्हें चोदूँगा मेरी प्यारी बहनिया. मेरे लंड को लेने के लिए तैयार हो जा मेरी रंडी.
यह कह कर कपिल ने अपने मोटे लंड को अपनी दीदी की बुर के ऊपर रगड़ना शुरू किया.
शारदा चाची को लंड बुर में लेने की बेचैनी भी हो रही थी. वह बुर उछाल रही थी और सिसयाते हुए बोलने लगी- ओह मेरे बहनचोद भाई. अब देर मत करो, मैं अब गर्म हो गई हूँ, अब जल्दी से अपनी इस छिनाल बहन को चोद दो और प्यास बुझा लो. ओह भाई, जल्दी करो और अपने लंड को मेरी बुर में पेल दो. कपिल ने अपने खड़े लंड को उसकी गीली बुर के छेद के सामने लगा दिया और एक जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा लंड उसकी बुर में एक ही धक्के में पेल दिया.
उसके मुख से एक आह निकली- आई ईईई … मादरचोद, बिल्कुल रांड समझ कर ठोक दिया अपना हथियार. माँ म्म्म … मर गई ईईई … मेरी फट जाएगी कुत्ते, जरा धीरे नहीं पेल सकता था हरामी!
कपिल- अभी तो शुरुआत है शारदा. अभी तो तेरी बुर में 3 इंच तक ही घुसा है. अरे अभी तो कह रही थी चोद दो!
धीरे-धीरे शारदा चाची ने दर्द कम होने का नाटक करते हुए अपनी गांड को उछालते हुए अपने भाई के लंड को अपनी बुर में लेना शुरू कर दिया.
कपिल अपना लंड एक आध इंच बाहर निकालता और फिर से अंदर डाल देता. फिर अचानक एक धक्के में पूरा 8 इंच का मोटा लंड शारदा चाची की छोटी सी बुर में घुसेड़ दिया.
आख़िर शारदा चाची का दर्द थोड़ा कम होने लगा, उनको अब थोड़ा थोड़ा मज़ा आ रहा था. अब लंड बुर में अंदर बाहर हो रहा था. हर एक धक्के पर शारदा चाची का मज़ा ज़्यादा हो रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.