17-06-2022, 06:09 PM
फिर कुछ सोच कर अपने चारों तरफ देखा कि कोई मुझे देख तो नहीं रहा है ना और मैं चुपके से स्टोर की तरफ जाने लगा.
पहले स्टोर को ताला लगा था, दूसरे को भी ताला लगा था. तीसरे स्टोर का दरवाजा दूसरी तरफ से था. मैंने सोचा कि मुझे वहम हुआ है. किस बात का वहम हुआ था मुझे आप सब भी समझ ही गए होंगे!
जैसे ही मैं मुड़ कर जाने को हुआ तो मुझे एक चीख जैसी आवाज सुनाई दी. मैं वापस मुड़ कर तीसरे स्टोर की तरफ गया तो देखा कि वो अंदर से बंद था.
मेरा शक यकीन में बदल गया. स्टोर में कोई खिड़की नहीं थी. दरवाजे पर कान लगा कर ध्यान से सुना तो यकीन और पक्का हो गया कि ये लोग पक्का चुदाई ही कर रहे थे. शायद इसीलिये उन लोगों ने इसी स्टोर को चुना था. मैं हताश हो गया और सोचा कि ये तो हाथ में आया मौका निकल गया लाईव चुदाई देखने का.
फिर कुछ सोचने लगा, आज मेरी किस्मत मुझ पर मेहरबान थी. गौर से देखा तो लगा कि शायद दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ था. एक लम्बी लकड़ी से दूर से दरवाजे को हिलाया तो वो हल्का सा खुल गया और जितना खुला उतना मेरे लिये काफी था.
मैंने दरवाजे के पास जाकर उस जगह में से देखा तो दोनों की पीठ दरवाजे की तरफ थी. शारदा चाची घोड़ी बनी हुई थी और उनका भाई कपिल उन्हें पीछे से चोद रहा था!
मैं ये मौका गंवाना नहीं चाहता था. फटाफट अपना मोबाइल निकाला और उसे साइलेंट मोड पर किया और चुदाई की रिकार्डिंग करने लगा. ऐसे मौके भला छोड़ने के होते हैं क्या … वाह रे मेरी किस्मत! क्या मस्त चुदाई का सीन चल रहा है अंदर और मुझे लाइव देखने का मौका मिल रहा है.
शारदा चाची- और जोर से कपिल, और जोर से … शादी में बहुत थक गयी हूं, तू पूरी थकान उतार दे मेरी आज. कल भी रमा के आने की वजह से चुदाई पूरी नहीं हो पाई, आज चोद मुझे … चोद बहनचोद … चोद!
कपिल- शारदा, मुझे भी रमा को चोदने में उतना मजा नहीं आता जितना मजा तुझे और ममता को चोदने में आता है. ले मेरी रंडी बहन … मैं झड़ने वाला हूं.
शारदा चाची- चोद साले … ‘अपनी बेटी’ को चोद कर बड़ा खुश हो रहा है, साले … झड़ जा मेरी चूत में ही …
उनकी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया- कपिल ने कहा ममता को चोदा, चाची ने कहा ‘अपनी बेटी’ को चोदा? ममता कहीं कपिल और शारदा चाची की औलाद तो नहीं?
मैं दिमाग के घोड़े दौड़ाने ही लगा था और अगले ही पल सब कुछ साफ हो गया.
कपिल- ले मैं आ गया!
और ऐसा बोल कर वो चाची की चूत में ही झड़ गया.
“शारदा, क्या तूने कभी किसी को बताया है कि ममता मेरा बीज है?”
चाची- इसमें बताना क्या है? इन्हें तो पक्का पता है कि ये तीनों औलादें उनकी नहीं हैं. वो चोदते तो जबरदस्त हैं पर बाप नहीं बन सकते. इसीलिये ममता तुम्हारा बीज है. प्राची देवर जी का और विकास का पता नहीं किसकी औलाद है! इतने लंड खाये हैं इस चूत ने कि पता नहीं किसका है … बडे़ जेठ जी का है या छोटे जेठ जी का? या पापा का! क्योंकि विकास जब पैदा हुआ तो उस समय इन दोनों से बहुत चुदवाया करती थी मैं!
बड़े जेठ जी का नाम सुनते ही मेरा माथा ठनका, मैंने सोचा- बड़े जेठ जी यानि कि मेरे पापा ने भी बहती गंगा मे हाथ धोये हैं!
तभी चाची बोली- मेरा बस चले तो मैं सब से चुदवा लूं और सबसे पहले उस सन्नी से ही चुदवा लूँ, साले की नजरें हमेशा मेरे मम्मों और गांड पर ही टिकी रहती हैं. साला घर की सब औरतों को आँखों ही आखों में चोद चुका है वो. मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि वो कैसे चोदता होगा, उसका अंदाजा उसके बाप की चुदाई से लगा सकती हूं. उसका बाप भी जब चोदता था तो खटिया भी रहम की भीख मांगने लगती थी. मैं तो फिर भी इंसान थी. एक बार चुदवाने के बाद दो दिन तक बराबर नहीं चल पाती थी मैं.
अपने बाप की तारीफ सुन कर मैं खुश हो गया कि पापा भी चुदाई के माहिर खिलाड़ी हैं.
चाची- चल, दूसरा राउंड करते हैं!
कपिल- ठीक है, लेकिन पहले इसे मुंह में ले कर खड़ा तो करो?
चाची ने कपिल का लंड मुंह में लिया और लपालप लॉलीपोप की तरह कपिल के लंड को चूसने लगी.
कपिल- आह … शारदा ऐसे ही … चूसो ऐसे ही … और उस रमा को भी सिखाओ कि लंड कैसे चूसते हैं … आह!
चाची भी एक मंझी हुई खिलाड़ी की तरह लंड को पूरा मुंह में लेकर चूसे जा रही थी.
पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद चाची बोली- चल अब चोद जल्दी से … बहुत देर हो जायेगी तो कोई ढूंढता हुआ आ जायेगा.
कपिल ने फटाफट अपने लंड को हाथ में लेकर थोड़ा सा हिलाया और झट से चाची की चूत में घुसा दिया.
चाची चिल्लाई- मां … मर गई! बहनचोद … एक ही झटके में पूरा डाल दिया. अगर फट गई तो लेने के देने पड़ जायेंगे.
कुछ ही पल के विराम के बाद फिर से वही चुदाई का घमासान चालू हो गया. चाची सिसकारती हुई, चीखती हुई चुदवा रही थी. तभी चाची पलटी और उसने धीरे से लंड बाहर निकाल कर पकड़ लिया और खड़ी हो गई और फिर हाथ से सहलाने लगी.
कपिल भी उसकी जीभ को, होंठों को चूमते हुए उसके निचले भाग की तरफ़ बढ़ने लगा. पहले गले पर, फिर और भी नीचे और फिर उसकी उभरी हुई छाती पर चूमने लगा. उसकी सांसें तेज हो उठीं. उसकी छाती तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी थी. फिर उसकी पूरी चूचियों पर हाथ फ़िरा-फ़िरा कर उसे दबाने लगा. उसके मुख से आनन्द भरी सिसकारियाँ निकलने लगीं. उसे बहुत अच्छा लग रहा था.
शारदा चाची अपनी पिछाड़ी (गांड) को मटकाते हुए सिसकारियाँ ले रही थी- ओह भाई, तुम बहुत सता रहे हो. ह्हाई … आऐ … ईईइ … स्स्स … इसी प्रकार से अपनी बहन की गरमाई हुई बुर को चाटते रहो चूसते रहो. मुझे बहुत मजा आ रहा है … ओह भाई … तुम कितना मजा दे रहे हो. ओहहह … चाटो … मेरी जान, मेरे कुत्ते, मेरे हरामी बालम!
चाची का ऐसा रूप देखकर मैं तो हैरान रह गया. सच है कि चुदाई अंदर के असली इसांन को बाहर ले आती है. मैंने भी चाची का एक अलग ही रूप देखा था आज.
पहले स्टोर को ताला लगा था, दूसरे को भी ताला लगा था. तीसरे स्टोर का दरवाजा दूसरी तरफ से था. मैंने सोचा कि मुझे वहम हुआ है. किस बात का वहम हुआ था मुझे आप सब भी समझ ही गए होंगे!
जैसे ही मैं मुड़ कर जाने को हुआ तो मुझे एक चीख जैसी आवाज सुनाई दी. मैं वापस मुड़ कर तीसरे स्टोर की तरफ गया तो देखा कि वो अंदर से बंद था.
मेरा शक यकीन में बदल गया. स्टोर में कोई खिड़की नहीं थी. दरवाजे पर कान लगा कर ध्यान से सुना तो यकीन और पक्का हो गया कि ये लोग पक्का चुदाई ही कर रहे थे. शायद इसीलिये उन लोगों ने इसी स्टोर को चुना था. मैं हताश हो गया और सोचा कि ये तो हाथ में आया मौका निकल गया लाईव चुदाई देखने का.
फिर कुछ सोचने लगा, आज मेरी किस्मत मुझ पर मेहरबान थी. गौर से देखा तो लगा कि शायद दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ था. एक लम्बी लकड़ी से दूर से दरवाजे को हिलाया तो वो हल्का सा खुल गया और जितना खुला उतना मेरे लिये काफी था.
मैंने दरवाजे के पास जाकर उस जगह में से देखा तो दोनों की पीठ दरवाजे की तरफ थी. शारदा चाची घोड़ी बनी हुई थी और उनका भाई कपिल उन्हें पीछे से चोद रहा था!
मैं ये मौका गंवाना नहीं चाहता था. फटाफट अपना मोबाइल निकाला और उसे साइलेंट मोड पर किया और चुदाई की रिकार्डिंग करने लगा. ऐसे मौके भला छोड़ने के होते हैं क्या … वाह रे मेरी किस्मत! क्या मस्त चुदाई का सीन चल रहा है अंदर और मुझे लाइव देखने का मौका मिल रहा है.
शारदा चाची- और जोर से कपिल, और जोर से … शादी में बहुत थक गयी हूं, तू पूरी थकान उतार दे मेरी आज. कल भी रमा के आने की वजह से चुदाई पूरी नहीं हो पाई, आज चोद मुझे … चोद बहनचोद … चोद!
कपिल- शारदा, मुझे भी रमा को चोदने में उतना मजा नहीं आता जितना मजा तुझे और ममता को चोदने में आता है. ले मेरी रंडी बहन … मैं झड़ने वाला हूं.
शारदा चाची- चोद साले … ‘अपनी बेटी’ को चोद कर बड़ा खुश हो रहा है, साले … झड़ जा मेरी चूत में ही …
उनकी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया- कपिल ने कहा ममता को चोदा, चाची ने कहा ‘अपनी बेटी’ को चोदा? ममता कहीं कपिल और शारदा चाची की औलाद तो नहीं?
मैं दिमाग के घोड़े दौड़ाने ही लगा था और अगले ही पल सब कुछ साफ हो गया.
कपिल- ले मैं आ गया!
और ऐसा बोल कर वो चाची की चूत में ही झड़ गया.
“शारदा, क्या तूने कभी किसी को बताया है कि ममता मेरा बीज है?”
चाची- इसमें बताना क्या है? इन्हें तो पक्का पता है कि ये तीनों औलादें उनकी नहीं हैं. वो चोदते तो जबरदस्त हैं पर बाप नहीं बन सकते. इसीलिये ममता तुम्हारा बीज है. प्राची देवर जी का और विकास का पता नहीं किसकी औलाद है! इतने लंड खाये हैं इस चूत ने कि पता नहीं किसका है … बडे़ जेठ जी का है या छोटे जेठ जी का? या पापा का! क्योंकि विकास जब पैदा हुआ तो उस समय इन दोनों से बहुत चुदवाया करती थी मैं!
बड़े जेठ जी का नाम सुनते ही मेरा माथा ठनका, मैंने सोचा- बड़े जेठ जी यानि कि मेरे पापा ने भी बहती गंगा मे हाथ धोये हैं!
तभी चाची बोली- मेरा बस चले तो मैं सब से चुदवा लूं और सबसे पहले उस सन्नी से ही चुदवा लूँ, साले की नजरें हमेशा मेरे मम्मों और गांड पर ही टिकी रहती हैं. साला घर की सब औरतों को आँखों ही आखों में चोद चुका है वो. मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि वो कैसे चोदता होगा, उसका अंदाजा उसके बाप की चुदाई से लगा सकती हूं. उसका बाप भी जब चोदता था तो खटिया भी रहम की भीख मांगने लगती थी. मैं तो फिर भी इंसान थी. एक बार चुदवाने के बाद दो दिन तक बराबर नहीं चल पाती थी मैं.
अपने बाप की तारीफ सुन कर मैं खुश हो गया कि पापा भी चुदाई के माहिर खिलाड़ी हैं.
चाची- चल, दूसरा राउंड करते हैं!
कपिल- ठीक है, लेकिन पहले इसे मुंह में ले कर खड़ा तो करो?
चाची ने कपिल का लंड मुंह में लिया और लपालप लॉलीपोप की तरह कपिल के लंड को चूसने लगी.
कपिल- आह … शारदा ऐसे ही … चूसो ऐसे ही … और उस रमा को भी सिखाओ कि लंड कैसे चूसते हैं … आह!
चाची भी एक मंझी हुई खिलाड़ी की तरह लंड को पूरा मुंह में लेकर चूसे जा रही थी.
पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद चाची बोली- चल अब चोद जल्दी से … बहुत देर हो जायेगी तो कोई ढूंढता हुआ आ जायेगा.
कपिल ने फटाफट अपने लंड को हाथ में लेकर थोड़ा सा हिलाया और झट से चाची की चूत में घुसा दिया.
चाची चिल्लाई- मां … मर गई! बहनचोद … एक ही झटके में पूरा डाल दिया. अगर फट गई तो लेने के देने पड़ जायेंगे.
कुछ ही पल के विराम के बाद फिर से वही चुदाई का घमासान चालू हो गया. चाची सिसकारती हुई, चीखती हुई चुदवा रही थी. तभी चाची पलटी और उसने धीरे से लंड बाहर निकाल कर पकड़ लिया और खड़ी हो गई और फिर हाथ से सहलाने लगी.
कपिल भी उसकी जीभ को, होंठों को चूमते हुए उसके निचले भाग की तरफ़ बढ़ने लगा. पहले गले पर, फिर और भी नीचे और फिर उसकी उभरी हुई छाती पर चूमने लगा. उसकी सांसें तेज हो उठीं. उसकी छाती तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी थी. फिर उसकी पूरी चूचियों पर हाथ फ़िरा-फ़िरा कर उसे दबाने लगा. उसके मुख से आनन्द भरी सिसकारियाँ निकलने लगीं. उसे बहुत अच्छा लग रहा था.
शारदा चाची अपनी पिछाड़ी (गांड) को मटकाते हुए सिसकारियाँ ले रही थी- ओह भाई, तुम बहुत सता रहे हो. ह्हाई … आऐ … ईईइ … स्स्स … इसी प्रकार से अपनी बहन की गरमाई हुई बुर को चाटते रहो चूसते रहो. मुझे बहुत मजा आ रहा है … ओह भाई … तुम कितना मजा दे रहे हो. ओहहह … चाटो … मेरी जान, मेरे कुत्ते, मेरे हरामी बालम!
चाची का ऐसा रूप देखकर मैं तो हैरान रह गया. सच है कि चुदाई अंदर के असली इसांन को बाहर ले आती है. मैंने भी चाची का एक अलग ही रूप देखा था आज.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
