Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 1.75 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest चाची को उनके भाई से चुदते देखा
#2
शारदा मेरी सगी चाची नहीं है, बल्कि मेरे पापा के चाचा के बेटे की बहू है, उसकी आयु 40 साल है लेकिन शरीर की बनावट ऐसी कि बुड्ढों का भी हाल-बेहाल कर दे. कहानी में और भी पात्र हैं, उनका परिचय उनके आगमन के साथ ही मिल जायेगा।

शारदा चाची का घर मेरे ही नगर में कुछ ही दूरी पर है. उनके घर में चाचा-चाची के अलावा उनकी दो बेटियां और एक बेटा है. बड़ी बेटी ममता की शादी हाल ही में हुई है. दोनों बेटियां भी चाची पर गई हैं. कैसै गई हैं आप समझ ही गये होंगे. छोटी बेटी प्राची तो और भी सुंदर और जबरदस्त माल लगती है. चाची का लड़का एकदम रंडीबाज है और मैं जानता था कि अगर उसे मौका मिलेगा तो वो खड़े-खड़े तीनों ही मां- बेटियों को चोद डालेगा. चाचा भी कुछ कम नहीं थे, परिवार में शायद ही कोई बचा हो जिसे उन्होंने नहीं चोदा हो.

मेरे परिवार में मैं, मेरे पापा और मेरी मां, मेरे बड़े भैया, भाभी और एक बहन भी है जिसकी शादी हो गई है. पूरा खान-दान बहुत ही बड़ा है.

बात उस दिन से आरम्भ होती है जब दो दिन बाद ममता की शादी थी. हर कोई भागा-दौड़ी में लगा था. मैं और मेरे कुछ दोस्त भी काम में लगे थे. काम में क्या लगे थे, शादी में आयी चाची की तरफ से आयी हुई लड़कियों और औरतों को ताड़ रहे थे.

साला चाची के खानदान की क्या लड़कियां, क्या औरतें … सब एक से बढ़कर एक!
मुझे लगा कि चाची ने हमें देख लिया था. उनकी पारखी नजरों को समय नहीं लगा यह जांचने में कि हमारी नजरें क्या कर रही हैं.
शारदा चाची- सन्नी, दोस्तों से ही बातें करता रहेगा या कुछ काम भी करेगा?
मैंने मन ही मन सोचकर कहा- चाची आपका तो सारा काम कर दूं आप करने तो दो?
मैंने मन की हवस के आवेग से अपने मन की बात चाची के मन तक पहुंचाने की कोशिश की. मगर ऐसा तो संभव नहीं हो सकता था. मैंने भोला सा चेहरा बनाकर चाची की बात का जवाब अगले ही पल दिया.

“हां चाची बोलिये, मेरे साथ ये मेरे दोस्त भी शादी में हाथ बंटाने आये हैं.”
शारदा चाची- हां-हां मुझे सब पता है कि तुम लोग क्या कर रहे हो!
और एक शरारती मुस्कान आ गयी उनके चेहरे पर यह बात कहते-कहते।
मैं- नहीं नहीं चाची, हम लोग तो बारात के स्वागत की बात कर रहे थे क्योंकि जो दूल्हा है वो भी हमारे ही दोस्तों में से है.
शारदा चाची- सब जानती हूं मैं, चलो जाकर धर्मशाला में व्यवस्था देखो और अपने चाचा का हाथ बटाओ. चाची ने बनावटी गुस्से में कहा।
मैं- जाते हैं चाची।

सभी दोस्त धर्मशाला की ओर प्रस्थान कर गये. रास्ते में मुझे इन्दु (मेरी मंगेतर) का फोन आया.
मैंने दोस्तों से कहा- तुम लोग चलो, मैं आता हूं.
राम (मेरा दोस्त)- हां भई हां, चलो भाभी का फोन आ गया. अब दोस्तों की जरुरत नहीं.
ऐसा बोल कर वो लोग धर्मशाला की ओर चले गये.

मैं फोन पर- हां जी बोलिये, कैसे याद आई हमारी?
इन्दु- जब से सगाई हुई है दिन में आप ही आप याद आते हो.
मैं- अच्छा जी, सिर्फ दिन में ही या रात में भी? कभी रात में भी याद कर लिया करो हमें. हम तो आपको हर रात ही याद करके सोते हैं. मगर आप केवल हमें दिन में ही याद करते हो.
इन्दु – नहीं आप तो मुझे हमेशा ही याद आते रहते हो. हर समय, हर घड़ी …

तभी मैंने देखा कि चाची घर के पीछे बने स्टोर की तरफ जा रही थी (उनके घर के पीछे तीन स्टोर बनाये थे जिन्हें उन्होंने साफ सफाई करके चाची के परिवार वालों को रहने के लिये दिया था शादी में) लेकिन अभी थोड़ी ही देर पहले मैंने चाची के भाई कपिल को उधर जाते देखा था. फिर मैंने मन में सोचा कि भाई बहन हैं. बाकी परिवार वाले भी होंगे वहां पर, कुछ लेन-देन या रीति-रिवाज की बातें हो रही होंगी शायद!

मैंने वापस फोन पर बात करते हुए इन्दु से कहा- ओहो … तो ये बात है, लेकिन यार, जब तुम मिलती हो तो कुछ करने नहीं देती.
इन्दु- सब्र रखिये साहब, शादी के बाद सब कुछ कर लेना. उससे पहले कुछ भी नहीं.
मैं- क्या यार … शादी तो एक साल बाद होनी है. तब तक क्या मुझे अपने दिल को अपने हाथ से ही बहलाना पड़ेगा?
इन्दु- मतलब?
मैं- कुछ नहीं. मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था. मगर यार तुम सच में शादी के बाद ही अपने बदन को छूने दोगी क्या?
इन्दु – जी, बिल्कुल सही समझा आपने. तब तक फोन पर काम चलाइये.

तभी एक आवाज आई- सन्नी, तुमने कपिल अंकल को देखा क्या? और शारदा जीजी भी नहीं दिख रही हैं?
मैंने सोचा- अब ये कौन है साला? आराम से बात भी नहीं करने देते. पीछे मुड़ कर देखा तो वो रमा थी कपिल की पत्नी.
मैं पहले तो बोलने वाला था कि दोनों स्टोर की तरफ गये हैं फिर कुछ सोच कर बोला- नहीं, मुझे तो नहीं पता!
रमा- पता नहीं कहां गये दोनों, कल भी तो ऐसे ही गायब हो गये थे.
मैंने फोन पर इन्दु से कहा- अच्छा मैडम, थोड़ा काम है, कोई बुला रहा है, जाना पड़ेगा, लव यू.
इन्दु- मुझसे भी ज्यादा जरूरी काम है क्या?
मैं- नहीं यार, लेकिन शादी वाले घर में सौ काम होते हैं।

मैं अब ये सोच रहा था कि शारदा चाची और उनका भाई अकेले स्टोर में क्या कर रहे होंगे. यही सोच कर मैंने ईंदु को प्यार से बोला- प्लीज यार समझा करो।
इन्दु- समझ गई, मैं तो मजाक कर रही थी, ओके लव यू …
मैं- लव यु टू! और मैंने फोन काट दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: चाची को उनके भाई से चुदते देखा - by neerathemall - 17-06-2022, 06:08 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)