17-06-2022, 06:02 PM
इतने में मैंने आगे बढ़ कर भाभी के होंठों पे अपने होंठों रख दिए. वो एकदम से पीछे हट गईं.
मैंने बोला- भाभी प्लीज़..
उन्होंने फिर अपनी आँखें बंद कर लीं और मैं आगे बढ़ कर उनको किस करने लगा. एक मिनट बाद भाभी भी रिप्लाइ करने लगीं. हमने कुछ 5 मिनट तक स्मूच किया, फिर हम अलग हो कर एक मिनट के लिए बैठ कर एक दूसरे की आँखों में देखने लगे.
फिर भाभी आगे बढ़ीं और मुझे किस करने लगीं, उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने चूचों पे रख दिया; मैं भाभी के मम्मों को मस्ती से दबाने लगा; फिर मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
गर्दन पर चुम्मी लेने से लड़कियों को जल्दी सेक्स चढ़ता है. अभी ये ही हुआ था कि वो ‘अहह ओह जीत.. प्लीज़ और तेज़ दबाओ..’
मैंने एक एक करके उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्लाउज उतार दिया. उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी आह्ह.. यार क्या बताऊं वो बहुत सेक्सी लग रही थी. आज भी भाभी की उस गरम जवानी को याद करके लंड सलामी देने लग जाता है.
मैं उनके चुचे तेज तेज दबाने लगा और स्मूच करने लगा. वो भी अच्छे से रिप्लाइ दे रही थीं. बहुत मजा आ रहा था. उन्होंने मेरी शर्ट खोल दी और मेरी छाती पर किस करने लगीं. मेरे मुँह से ‘ऑश एस्स ऑश..’ निकल गया. मैंने उसकी पूरी साड़ी और पेटीकोट खोल दिया और अपनी भी जीन्स उतार दी.
अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, मैं अंडरवियर में था. मैं सोफे पर बैठा था, मैंने उन्हें अपने ऊपर बिठा लिया. उनकी पीठ मेरी तरफ़ थी और फिर मैं ब्रा के ऊपर से ही भाभी के चूचों को दबाने लगा. फिर मैंने भाभी की ब्रा को खोल कर उतारते हुए फेंक दिया. अब भाभी को पलटा कर उनके तने हुए चूचों को देखा तो मेरा लंड और अकड़ कर खड़ा हो गया.
वो बोलीं- लंड चुभ रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. थोड़ी देर में अन्दर डाल दूँगा, फिर नहीं चुभेगा.
भाभी हंसने लगीं.
फिर मैं एक हाथ से उनके चूचों को दबाता रहा.. दूसरा हाथ भाभी की पेंटी में डाल दिया. भाभी की चुत पर बिल्कुल छोटे छोटे बाल उगे हुए थे, जो कि पकड़ में भी नहीं आ रहे थे.. ऐसी चुत मेरे को बहुत पसन्द है.
मैंने एक उंगली भाभी की चुत में डाल दी और फिंगरिंग करने लगा.
भाभी- आह उहह ओह हह उम्म्ह… अहह… हय… याह… यसस्स फक्क मी फक मी.. यस..
मैं ये सब सुन और तेज़ उंगली करने लगा.
वो ‘आह ऑश अहहह.. यस यस..’ करे जा रही थीं.
फिर मैंने उनको सोफे पर बिठा कर खुद नीचे बैठ गया और उनकी पेंटी को उतार कर उनकी टाँगें खोल कर उनको आगे को खींच लिया. अब मैंने भाभी की चुत पर जीभ लगा दी, जीभ का अहसास पाते ही वो सिहर उठीं और ‘श.. आह..’ करने लगीं. मैं उनकी पिंक चुत को चाटने लगा. वो भी चूत चुसाई के मज़े ले रही थीं. वो दस मिनट बाद झड़ गईं.
मैंने भाभी की चुत का सारा पानी पी लिया और चुत को तौलिया से पोंछ दिया. फिर उठ कर भाभी को एक किस किया और अंडरवियर उतार दिया.
भाभी मेरे लंड को देख कर बोलीं- जीत यार, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है.
मैंने कह- भाभी, आप इसे मुँह में लेकर प्यार करोगी?
वो बोलीं- नहीं ये सब मुझे पसंद नहीं है जानू.
‘आप तो कह रही थीं कि आपको केला चूसना पसंद है!’
‘वो तो ऐसे ही मजाक में कह दिया था.’
मैंने कहा- ओके कोई बात नहीं.
अब भाभी की चुदाई का वक्त आ गया था, मैं उनको उठा कर बेड पे ले गया और उनको बोला कि आप मेरे ऊपर आ जाओ. मैं बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गईं.
भाभी ने मेरे लंड को अपनी चुत के मुँह पर रखा और उसी वक्त मैंने एक तेज झटका दे मारा. लेकिन मेरे झटके में केवल टोपा ही अन्दर गया था. भाभी एकदम से थर्रा गईं और चीख उठीं. उनको बेहद दर्द हो रहा था, वे मेरे मोटे और लम्बे लंड को झेल ही नहीं पा रही थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ जान..?
वे बोलीं- आह.. तेरा बहुत बड़ा है.. मुझे नहीं चुदना.. अब बस करो.
मैंने बोला- उठो जान ऐसे काम नहीं चलेगा.. अब अलग पोज़ में खेल होगा.
वो उठीं और फिर मैंने उनको घोड़ी बना कर एक जबरदस्त झटका दे मारा. पहले झटके में मेरा दो इंच लंड अन्दर चला गया. भाभी चिल्ला उठीं. उनकी पिंक चुत बहुत टाइट थी.
भाभी रोते हुए बोलने लगीं- आआआहह.. निकालो…. इसे बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है जानू.. प्लीज़ निकालो.
मैं ऐसे ही थोड़ी देर खड़ा रहा, वो दर्द से रो रही थीं. कुछ देर बाद भाभी शांत हुई, तब मैंने एक और झटका मारा. मेरा आधा लंड भाभी की चुत में चला गया था. फिर उसी समय देर ना करते हुए मैंने एक और झटका मार दिया और पूरा लंड उनकी पिंक टाइट चुत की जड़ के दर्शन कर चुका था.
भाभी रो रही थीं- निकालो प्लीज़.. बहुत दर्द हो रहा है..
पर मैं कहां मानने वाला था.
मैंने बोला- भाभी प्लीज़..
उन्होंने फिर अपनी आँखें बंद कर लीं और मैं आगे बढ़ कर उनको किस करने लगा. एक मिनट बाद भाभी भी रिप्लाइ करने लगीं. हमने कुछ 5 मिनट तक स्मूच किया, फिर हम अलग हो कर एक मिनट के लिए बैठ कर एक दूसरे की आँखों में देखने लगे.
फिर भाभी आगे बढ़ीं और मुझे किस करने लगीं, उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने चूचों पे रख दिया; मैं भाभी के मम्मों को मस्ती से दबाने लगा; फिर मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
गर्दन पर चुम्मी लेने से लड़कियों को जल्दी सेक्स चढ़ता है. अभी ये ही हुआ था कि वो ‘अहह ओह जीत.. प्लीज़ और तेज़ दबाओ..’
मैंने एक एक करके उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्लाउज उतार दिया. उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी आह्ह.. यार क्या बताऊं वो बहुत सेक्सी लग रही थी. आज भी भाभी की उस गरम जवानी को याद करके लंड सलामी देने लग जाता है.
मैं उनके चुचे तेज तेज दबाने लगा और स्मूच करने लगा. वो भी अच्छे से रिप्लाइ दे रही थीं. बहुत मजा आ रहा था. उन्होंने मेरी शर्ट खोल दी और मेरी छाती पर किस करने लगीं. मेरे मुँह से ‘ऑश एस्स ऑश..’ निकल गया. मैंने उसकी पूरी साड़ी और पेटीकोट खोल दिया और अपनी भी जीन्स उतार दी.
अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, मैं अंडरवियर में था. मैं सोफे पर बैठा था, मैंने उन्हें अपने ऊपर बिठा लिया. उनकी पीठ मेरी तरफ़ थी और फिर मैं ब्रा के ऊपर से ही भाभी के चूचों को दबाने लगा. फिर मैंने भाभी की ब्रा को खोल कर उतारते हुए फेंक दिया. अब भाभी को पलटा कर उनके तने हुए चूचों को देखा तो मेरा लंड और अकड़ कर खड़ा हो गया.
वो बोलीं- लंड चुभ रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. थोड़ी देर में अन्दर डाल दूँगा, फिर नहीं चुभेगा.
भाभी हंसने लगीं.
फिर मैं एक हाथ से उनके चूचों को दबाता रहा.. दूसरा हाथ भाभी की पेंटी में डाल दिया. भाभी की चुत पर बिल्कुल छोटे छोटे बाल उगे हुए थे, जो कि पकड़ में भी नहीं आ रहे थे.. ऐसी चुत मेरे को बहुत पसन्द है.
मैंने एक उंगली भाभी की चुत में डाल दी और फिंगरिंग करने लगा.
भाभी- आह उहह ओह हह उम्म्ह… अहह… हय… याह… यसस्स फक्क मी फक मी.. यस..
मैं ये सब सुन और तेज़ उंगली करने लगा.
वो ‘आह ऑश अहहह.. यस यस..’ करे जा रही थीं.
फिर मैंने उनको सोफे पर बिठा कर खुद नीचे बैठ गया और उनकी पेंटी को उतार कर उनकी टाँगें खोल कर उनको आगे को खींच लिया. अब मैंने भाभी की चुत पर जीभ लगा दी, जीभ का अहसास पाते ही वो सिहर उठीं और ‘श.. आह..’ करने लगीं. मैं उनकी पिंक चुत को चाटने लगा. वो भी चूत चुसाई के मज़े ले रही थीं. वो दस मिनट बाद झड़ गईं.
मैंने भाभी की चुत का सारा पानी पी लिया और चुत को तौलिया से पोंछ दिया. फिर उठ कर भाभी को एक किस किया और अंडरवियर उतार दिया.
भाभी मेरे लंड को देख कर बोलीं- जीत यार, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है.
मैंने कह- भाभी, आप इसे मुँह में लेकर प्यार करोगी?
वो बोलीं- नहीं ये सब मुझे पसंद नहीं है जानू.
‘आप तो कह रही थीं कि आपको केला चूसना पसंद है!’
‘वो तो ऐसे ही मजाक में कह दिया था.’
मैंने कहा- ओके कोई बात नहीं.
अब भाभी की चुदाई का वक्त आ गया था, मैं उनको उठा कर बेड पे ले गया और उनको बोला कि आप मेरे ऊपर आ जाओ. मैं बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गईं.
भाभी ने मेरे लंड को अपनी चुत के मुँह पर रखा और उसी वक्त मैंने एक तेज झटका दे मारा. लेकिन मेरे झटके में केवल टोपा ही अन्दर गया था. भाभी एकदम से थर्रा गईं और चीख उठीं. उनको बेहद दर्द हो रहा था, वे मेरे मोटे और लम्बे लंड को झेल ही नहीं पा रही थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ जान..?
वे बोलीं- आह.. तेरा बहुत बड़ा है.. मुझे नहीं चुदना.. अब बस करो.
मैंने बोला- उठो जान ऐसे काम नहीं चलेगा.. अब अलग पोज़ में खेल होगा.
वो उठीं और फिर मैंने उनको घोड़ी बना कर एक जबरदस्त झटका दे मारा. पहले झटके में मेरा दो इंच लंड अन्दर चला गया. भाभी चिल्ला उठीं. उनकी पिंक चुत बहुत टाइट थी.
भाभी रोते हुए बोलने लगीं- आआआहह.. निकालो…. इसे बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है जानू.. प्लीज़ निकालो.
मैं ऐसे ही थोड़ी देर खड़ा रहा, वो दर्द से रो रही थीं. कुछ देर बाद भाभी शांत हुई, तब मैंने एक और झटका मारा. मेरा आधा लंड भाभी की चुत में चला गया था. फिर उसी समय देर ना करते हुए मैंने एक और झटका मार दिया और पूरा लंड उनकी पिंक टाइट चुत की जड़ के दर्शन कर चुका था.
भाभी रो रही थीं- निकालो प्लीज़.. बहुत दर्द हो रहा है..
पर मैं कहां मानने वाला था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.