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Adultery भाभी को प्यार से चोदा
#2
एक बन्दा मेरा बहुत अच्छा दोस्त है, उसका नाम सोनू है. मेरा उसके घर आना जाना इतना अधिक हो गया था, समझो कि मैं उसके घर का ही सदस्य बन गया होऊं.

ऐसे ही एक दिन में सोनू के घर गया था, तो थोड़ी देर बाद हम सब इकट्ठे बैठे हुए थे. गप्प सड़ाका होने लगा. उधर बात होने लगी थी कि एक पार्टी का कार्ड आया है, कौन कौन चलेगा. बातचीत के बाद हम दोनों का पार्टी में जाना पक्का हो गया.

पार्टी वाला दिन आ गया था. उस दिन हम रात के 9 बजे पार्टी में गए.

सोनू मुझसे बोला- यार, यहां तो बहुत सारे माल दिख रहे हैं.
मैंने कहा- इतने सारे माल दिख रहे हैं, तो फिर देर क्यों करता है … पटा ले किसी को.
सोनू बोला- देखता हूँ … पहले कोई पटे तो सही यार.
मैंने कहा- ठीक है तू माल पटा … मैं खाना खाने जा रहा हूँ.
वो बोला- ठीक है तू जा.

उसके इतना बोलते ही मैं खाना खाने चला गया. मैं भी इतनी सारी लड़कियों और भाभियों को देख कर पगला गया था. मेरा भी मन होने लगा कि बहुत दिन से मेरे लंड ने चूत का स्वाद नहीं चखा … साली कोई लंड का शिकार बन जाए, तो मजा आ जाए.

जहां पार्टी का इंतजाम किया था, वहां कई रूम भी थे. मेरी नजरें बहुत सेक्सी सेक्सी लड़कियों को देख रही थीं कि तभी अचानक मेरी नजर एक भाभी पर पड़ी.

उसी समय किसी ने उन्हें उनके नाम से पुकारा, तो मैंने जान लिया कि उन भाभी का नाम स्नेहा है. स्नेहा भाभी दिखने में एकदम सेक्सी, हॉट और गोरी चिट्टी थीं. उस दिन उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी. भाभी को देखने से ऐसा लग रहा था कि उनकी शादी हुए अभी ज्यादा टाइम नहीं हुआ था.

स्नेहा भाभी को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. अब मैं जानबूझ कर उनके पास हो गया. शायद वो अपने पति के साथ आई थीं और उनका पति दारू पीने में कहीं मस्त था.

मैं भाभी के और पास हो गया. उधर जाकर मैंने एक गिलास पेप्सी ले ली और जहां स्नेहा भाभी खड़ी थीं, वहीं खड़ा हो गया. मैंने इधर उधर देखा और किसी को अपनी तरफ न देखते हुए, मैंने अपना गिलास थोड़ा टेढ़ा करते हुए उनके ऊपर गिरा दिया.

वो गुस्से से पीछे को मुड़ीं और मुझे गुस्से से देखने लगीं. जैसे ही वो कुछ बोलतीं, मैंने ‘सॉरी भाभी जी!’ बोल दिया.
सच में यार वो पास से और भी ज़्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थीं. भाभी का फिगर यही कोई 34-30-36 का रहा होगा.

मेरे सॉरी बोलने पर वो एक मिनट में ही ठंडी हो गईं और हँस कर बोलीं- कोई बात नहीं.
भाभी मुझे नजर भर कर देखने लगीं.

उनकी नजरों का शिकार बनते ही मैं उनसे थोड़ा दूर होकर खड़ा हो गया. मगर मैं उनको देखे जा रहा था. उधर स्नेहा भाभी भी अपनी नजर घुमाकर मुझे ही बार बार देख रही थीं. शायद उन्हें ये लग रहा था कि मैं उन्हें नहीं देख रहा हूँ.

फिर स्नेहा भाभी पीछे की तरफ मुड़ीं, तो उनके पीछे मुड़ते उनकी अधनंगी दूध सी गोरी पीठ मेरी नजरों में गड़ गई. भाभी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी. उनका मैचिंग का ब्लाउज भी बैकलैस था. मतलब नीचे सिर्फ एक इंच की पट्टी से सधा हुआ था.

उनकी नंगी पीठ से अपने आंखें सेंकने के बाद मेरी नजर नीचे सरकी और भाभी की गांड पर पड़ी. स्नेहा भाभी साड़ी भी टाइट पहने हुई थीं, जिससे उनके चूतड़ों का साइज साफ़ समझ आ रहा था.

भाभी की उठी हुई गांड देखकर मन तो हुआ कि अभी ही भाभी को किसी कमरे में ले जाकर इनकी जोरदार चुदाई कर दूँ. पर ये सब इतनी जल्दी सम्भव नहीं था.

फिर मैंने देखा कि स्नेहा गुलाब जामुन खाने जा रही हैं. मैं भी सोच रहा था कि भाभी से बात कैसे शुरू हो, सो मैं भी वहीं जा कर उनके बाजू में खड़ा हो गया.

मैंने जानबूझ कर स्नेहा भाभी को हैलो बोला.
स्नेहा भाभी ने भी स्माइल करते हुए कहा- हां जी बोलिए … मैं आपको नहीं जानती हूँ … आप कौन हैं?
मैंने कहा- अगेन सॉरी भाभी … वो पेप्सी आपके ऊपर गिर गई थी.
स्नेहा भाभी हंसते हुए बोलीं- कोई बात नहीं … शादी पार्टी में तो ये सब चलता रहता है.

मैंने छूटते ही बोला- वैसे एक बात कहूं?
स्नेहा भाभी बोलीं- हां जी बोलो?
मैंने कहा- वो पेप्सी तो गिरनी ही थी.
तो स्नेहा भाभी चौंकते हुए बोलीं- क्या मतलब?
मैंने कहा- जब आपके जैसी इतनी सुंदर भाभी सामने हो, तो ध्यान तो आप पर ही जाएगा न.
स्नेहा भाभी थोड़ा शर्माते हुए बोलीं- अच्छा जी.

मैंने कहा- हां जी भाभी जी … आपसे इतनी बात हो गई, पर आपने अपना नाम नहीं बताया.
स्नेहा भाभी बोलीं- मेरा नाम स्नेहा है.
मैंने कहा- ये जिनकी पार्टी हो रही है क्या आप उनकी रिश्तेदार हैं क्या?
स्नेहा भाभी बोलीं- नहीं, मैं अपने पति के दोस्त की पार्टी में आई हूँ.

इतने में कोई लड़की आई और वो स्नेहा भाभी से बात करने लगी. पर मैं उनकी नजरों के सामने ही थोड़ा पीछे खड़ा हो गया.

अब सीन ये था कि स्नेहा भाभी बात तो उस लड़की से कर रही थीं, पर उनकी नजरें मेरी नजरों से मिल रही थीं.

पता ही नहीं चला कि कब टाइम निकल गया और मेरा दोस्त मेरे पास आ गया.

अब मैं ये देखना चाहता था कि वो मुझे जाता हुआ देखती हैं या नहीं. मैं जानबूझ कर अपने दोस्त के साथ दूसरी तरफ जाने लगा.

फिर मैंने एकदम से पीछे देखा, तो स्नेहा भाभी की नजरें बस मेरे ऊपर ही थीं. मैं भी समझ गया कि अब इनसे मोबाइल नम्बर लेने का मौका आ गया है.

मैंने अपने दोस्त से कहा कि तू चल … मैं अभी आता हूं.

वो चला गया और मैं वापस स्नेहा भाभी के पास आ गया. स्नेहा भाभी अब भी मुझे ही देख रही थीं.

मैंने भाभी को इशारा करते हुए रूम की तरफ आने का कहा, तो उन्होंने सर हां में हिला दिया. मैं आगे बढ़ा और एक तरफ खड़ा हो गया.

थोड़ी देर में स्नेहा भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- क्या हुआ … आपने मुझे क्यों बुलाया?
मैंने कहा- मुझे आपका नम्बर चाहिए.

मैं समझ रहा था कि भाभी कुछ सवाल करेंगी, पर उन्होंने देर ना करते हुए अपना नम्बर मुझे दे दिया. मैंने भी पलट कर अपना नम्बर दे दिया.
भाभी बोली- आप मुझे कॉल मत करना … मैं खुद कॉल करूँगी ओके.
मैं समझ गया कि भाभी की चुत मचल रही है.

इतने में भाभी के मोबाइल पर कोई कॉल आ रहा था.
वो मुझे देखते हुए चली गईं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाभी को प्यार से चोदा - by neerathemall - 17-06-2022, 05:52 PM



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