17-06-2022, 05:49 PM
स रात जब भाभी पढ़ाने आई तो उसने एक पारदर्शी नाइटी पहन रखी थी. जब भाभी कुछ उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे भाभी की वही गुलाबी कच्छी दिखाई दे गई जिसको मैंने छत पर सूंघा था. यह नजारा देख कर मेरे लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी थी। जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं बोल ही पड़ा- भाभी आपने तो बताया नहीं कि वो कच्छी किसकी थी लेकिन मुझे पता चल गया कि वो छोटी सी कच्छी किसकी थी।
“तुझे कैसे पता चल गया कि वो किसकी थी?” भाभी ने शरमाते हुए पूछा।
“क्योंकि वही कच्छी आपने इस वक्त नाइटी के नीचे पहन रखी है।”
“हट बदमाश! तू ये सब देखता रहता है?”
“भाभी एक बात पूछूं अगर आप बुरा न मानो तो, आप इतनी छोटी सी कच्छी में फिट कैसे हो जाती हो?” मैंने हिम्मत जुटा कर पूछ ही लिया.
“क्यों, मैं क्या तुझे मोटी लगती हूँ?”
“नहीं भाभी, आप तो बहुत ही सुन्दर हैं, लेकिन आपका बदन इतना सुडौल और गठा हुआ है। आपके नितम्ब इतने भारी और फैले हुए हैं कि इस छोटी सी कच्छी में समा ही नहीं सकते। आप इसे पहनती ही क्यों हो? यह तो आपकी जायदाद को छुपा ही नहीं सकती है और फिर ये तो बिल्कुल पारदर्शी है, इसमें तो आपका सब कुछ दिखाई देता है।”
“लगता है कि तेरी शादी जल्दी ही करवानी पड़ेगी, तू कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया है।” भाभी ने कहा.
“जिसकी इतनी सुन्दर भाभी हो वो भला किसी और लड़की की तरफ कैसे देख सकता है!”
“ओह हो! अब तुझे कैसे समझाऊं? देख रामू जिन बातों के बारे में तुझे अपनी बीवी से पता लग सकता है और जो चीज तुझे तेरी बीवी ही दे सकती है वो मैं नहीं दे सकती, इसलिए कह रही हूं कि तू शादी कर ले।”
“भाभी ऐेसी भी क्या चीज है जो सिर्फ मेरी बीवी मुझे दे सकती है और आप नहीं दे सकती?” मैंने अनजान बनते हुए पूछा. मेरा लंड इस वक्त फनफना रहा था।
“मैं सब समझती हूँ, चालाक बनने की कोशिश मत कर. मुझे ऐसा लग रहा है कि तुझे पढ़ना-लिखना नहीं है। इसलिए मैं अब सोने जा रही हूँ।”
“लेकिन भैया ने तो आपको नहीं बुलाया?” मैंने शरारत भरे स्वर में पूछा।
वो मुस्कराते हुए अपने कमरे की तरफ चल दी। उनकी मस्तानी चाल, मटकते हुए नितम्ब और दोनों चूतड़ों के बीच में पिस रही बेचारी कच्छी को देख कर मेरा बुरा हाल हो गया था।
अगले दिन भैया जब ऑफिस चले गये थे तो भाभी और मैं बरामदे में बैठ कर चाय पी रहे थे. सामने से सड़क पर एक गाय गुजर रही थी. उसके पीछे ही एक भारी-भरकम सांड हुंकार भरता हुआ आ रहा था. सांड का लम्बा, मोटा लंड नीचे झूल रहा था.
सांड के लंड को देख कर भाभी के माथे पर पसीना आ गया. भाभी की नज़र सांड के लंड से हट ही नहीं रही थी. फिर सांड एकदम से गाय के ऊपर चढ़ गया. उसने गाय की योनि में पूरा लंड उतार दिया.
यह देख कर भाभी के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई. मैं भी भाभी को ही देख रहा था. फिर भाभी ने देखा कि मैं भी उनको देख रहा हूँ तो वो फिर शरमा कर वहां से उठ गई और भाग कर अंदर चली गई. मैं भी भाभी के पीछे ही अन्दर चला आया. भाभी उस वक्त किचन में थी.
मैंने पूछा- भाभी ये सांड क्या कर रहा था?
भाभी बोली- तुझे नहीं पता?
मैंने अनजान बनते हुए कहा- नहीं तो।
भाभी बोली- ये वही कर रहा था जो एक मर्द अपनी बीवी के साथ करता है.
मैंने पूछा- तो क्या मर्द भी अपनी बीवी पर ऐसे ही चढ़ता है?
भाभी बोली- चुप कर … बदमाश!
मैंने कहा- ओह, अब मैं समझा कि रात को भैया आपको क्यों बुलाते हैं.
भाभी बोली- चुप कर नालायक, ऐसा तो सभी शादीशुदा लोग करते हैं.
मैंने कहा- तो जिनकी शादी नहीं हुई है वो ऐसा नहीं कर सकते हैं क्या?
भाभी बोली- कर तो सकते हैं लेकिन …
मैं बीच में ही बोल पड़ा- तो फिर भाभी, मैं भी आप पर चढ़ सकता हूं न!
भाभी ने मेरे मुंह पर हाथ रख दिया और बोली- चुप कर, मुझे अपना काम करने दे। बहुत बेशर्म हो गया है तू। यह कह कर उन्होंने मुझे किचन से बाहर धकेल दिया.
“तुझे कैसे पता चल गया कि वो किसकी थी?” भाभी ने शरमाते हुए पूछा।
“क्योंकि वही कच्छी आपने इस वक्त नाइटी के नीचे पहन रखी है।”
“हट बदमाश! तू ये सब देखता रहता है?”
“भाभी एक बात पूछूं अगर आप बुरा न मानो तो, आप इतनी छोटी सी कच्छी में फिट कैसे हो जाती हो?” मैंने हिम्मत जुटा कर पूछ ही लिया.
“क्यों, मैं क्या तुझे मोटी लगती हूँ?”
“नहीं भाभी, आप तो बहुत ही सुन्दर हैं, लेकिन आपका बदन इतना सुडौल और गठा हुआ है। आपके नितम्ब इतने भारी और फैले हुए हैं कि इस छोटी सी कच्छी में समा ही नहीं सकते। आप इसे पहनती ही क्यों हो? यह तो आपकी जायदाद को छुपा ही नहीं सकती है और फिर ये तो बिल्कुल पारदर्शी है, इसमें तो आपका सब कुछ दिखाई देता है।”
“लगता है कि तेरी शादी जल्दी ही करवानी पड़ेगी, तू कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया है।” भाभी ने कहा.
“जिसकी इतनी सुन्दर भाभी हो वो भला किसी और लड़की की तरफ कैसे देख सकता है!”
“ओह हो! अब तुझे कैसे समझाऊं? देख रामू जिन बातों के बारे में तुझे अपनी बीवी से पता लग सकता है और जो चीज तुझे तेरी बीवी ही दे सकती है वो मैं नहीं दे सकती, इसलिए कह रही हूं कि तू शादी कर ले।”
“भाभी ऐेसी भी क्या चीज है जो सिर्फ मेरी बीवी मुझे दे सकती है और आप नहीं दे सकती?” मैंने अनजान बनते हुए पूछा. मेरा लंड इस वक्त फनफना रहा था।
“मैं सब समझती हूँ, चालाक बनने की कोशिश मत कर. मुझे ऐसा लग रहा है कि तुझे पढ़ना-लिखना नहीं है। इसलिए मैं अब सोने जा रही हूँ।”
“लेकिन भैया ने तो आपको नहीं बुलाया?” मैंने शरारत भरे स्वर में पूछा।
वो मुस्कराते हुए अपने कमरे की तरफ चल दी। उनकी मस्तानी चाल, मटकते हुए नितम्ब और दोनों चूतड़ों के बीच में पिस रही बेचारी कच्छी को देख कर मेरा बुरा हाल हो गया था।
अगले दिन भैया जब ऑफिस चले गये थे तो भाभी और मैं बरामदे में बैठ कर चाय पी रहे थे. सामने से सड़क पर एक गाय गुजर रही थी. उसके पीछे ही एक भारी-भरकम सांड हुंकार भरता हुआ आ रहा था. सांड का लम्बा, मोटा लंड नीचे झूल रहा था.
सांड के लंड को देख कर भाभी के माथे पर पसीना आ गया. भाभी की नज़र सांड के लंड से हट ही नहीं रही थी. फिर सांड एकदम से गाय के ऊपर चढ़ गया. उसने गाय की योनि में पूरा लंड उतार दिया.
यह देख कर भाभी के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई. मैं भी भाभी को ही देख रहा था. फिर भाभी ने देखा कि मैं भी उनको देख रहा हूँ तो वो फिर शरमा कर वहां से उठ गई और भाग कर अंदर चली गई. मैं भी भाभी के पीछे ही अन्दर चला आया. भाभी उस वक्त किचन में थी.
मैंने पूछा- भाभी ये सांड क्या कर रहा था?
भाभी बोली- तुझे नहीं पता?
मैंने अनजान बनते हुए कहा- नहीं तो।
भाभी बोली- ये वही कर रहा था जो एक मर्द अपनी बीवी के साथ करता है.
मैंने पूछा- तो क्या मर्द भी अपनी बीवी पर ऐसे ही चढ़ता है?
भाभी बोली- चुप कर … बदमाश!
मैंने कहा- ओह, अब मैं समझा कि रात को भैया आपको क्यों बुलाते हैं.
भाभी बोली- चुप कर नालायक, ऐसा तो सभी शादीशुदा लोग करते हैं.
मैंने कहा- तो जिनकी शादी नहीं हुई है वो ऐसा नहीं कर सकते हैं क्या?
भाभी बोली- कर तो सकते हैं लेकिन …
मैं बीच में ही बोल पड़ा- तो फिर भाभी, मैं भी आप पर चढ़ सकता हूं न!
भाभी ने मेरे मुंह पर हाथ रख दिया और बोली- चुप कर, मुझे अपना काम करने दे। बहुत बेशर्म हो गया है तू। यह कह कर उन्होंने मुझे किचन से बाहर धकेल दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.