17-06-2022, 05:44 PM
रोज दोपहर और रात को सोने से पहले में भाभी का दूध पी लेता था और भाभी को चोद भी लेता था.
उनका और मेरा बहुत अच्छा रिश्ता हो चला था. मैं अब रोज रात को भाभी के कमरे में ही बिना कपड़ों के नंगा सोने लगा था.
भाभी का दूध पीने से मुझे नींद भी बहुत अच्छी आने लगी थी.
एक रात ऐसे ही मैं खेल कर आने के बाद भाभी के कमरे में कपड़े निकालकर लेट गया था और थकान के चलते मुझे नींद आ गयी थी.
पता नहीं कब पड़ोस की बंगालिन भाभी आ गईं और मेरी भाभी से बातें करने लगीं.
उनकी बातों से मेरी नींद खुल गयी थी लेकिन जैसे ही मैंने बंगालन भाभी की आवाज सुनी तो मेरे लंड में सनसनी होने लगी और मैं सोने का नाटक करता हुआ यूं ही लंड खोले लेटा रह कर सोने का नाटक करता रहा.
उनकी रसीली बातें सुनकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे.
कुछ ही देर में वो भाभी के साथ कमरे में आ गईं … उधर मैं बेड पर ऐसे ही नंगा पड़ा था.
जैसे ही बंगालिन भाभी ने मुझे भाभी के कमरे में नंगा लेटा देखा, वो भाभी से बोलीं- ये तुम्हारे कमरे में इस तरह नंगा क्यों पड़ा है?
भाभी ने सारी बातें बंगालिन भाभी को बता दीं.
मैं सब सुन रहा था, इसी कारण मेरा लंड और ज्यादा तन कर खड़ा हो गया.
बंगालिन भाभी- अरे इसका लंड तो बहुत बड़ा है!
भाभी- हां काफी मोटा भी है … अब मैं तो रोज इसी के लंड से चुदती हूँ. मेरा देवर मुझे बड़ा मजा देता है. मेरे पति से ज्यादा तो ये मुझे चुदाई के मजे देता है. इसके लिए मैं तेरी शुक्रगुजार हूँ. तेरे ही कारण मेरा देवर मेरा दूध पीने लगा था और तब से ये मुझे चोदता भी है.
बंगालिन भाभी मेरे लंड को हसरत भरी नजरों से देखती हुई बोलीं- काश … ये मेरा देवर होता. क्या यह मेरा दूध भी पिएगा?
भाभी- हां … इसे मेरा दूध तो बहुत पसंद है, तेरा भी पी लेगा. पर इसके लंड से चुदवाने के बारे में मत सोचना, वो मेरा देवर है और बस मुझे ही चोदेगा. तुम चाहो तो इसे अपना दूध बस पिला सकती हो.
बंगालिन भाभी- ठीक है, पर इसे कैसे तैयार करूं! अच्छा होगा कि तू ही अपने देवर को मेरा दूध पीने को तैयार कर दे ना!
भाभी- ओके भाभी … मैं कोशिश करूंगी.
मैं अपनी भाभी की बात सुनकर बड़ा खुश था.
आपको तो शायद पिछली सेक्स कहानी में मैंने बताया ही था कि अपनी भाभी की चुत चोदकर अब मेरा लंड पूरा शैतान हो गया था.
मेरी भाभी की बात सुनकर बंगालन भाभी बड़ी खुश हुई और मेरे लंड को लहराते हुए देख कर बंगालिन भाभी बुदबुदाती हुई बोलीं- अरे मेरे देवर राजा … काश में तेरी सगी भाभी होती. तू बड़ी किस्मत वाली है, जो तुझे ऐसे लंड वाला देवर मिला.
भाभी- देख मैं इसे तेरा दूध पिलाने तैयार करूंगी … लेकिन तुझे मेरे सामने ही इसे दूध पिलाना होगा … मंजूर हो तो बोलो?
बंगालिन भाभी- ठीक है जैसे भी हो मेरा दूध बस निकल जाए, बड़ा दर्द रहता है. अच्छा अब मैं चलती हूँ, जब तुम्हारा देवर मेरे चूचे चूसने को तैयार हो जाए, तब बता देना … मैं आ जाऊंगी.
भाभी- ठीक है, अब आप जाओ भाभी, मेरे देवर का खाने का टाईम हो गया है. मैं इसे जगा देती हूँ.
बंगालिन भाभी के चले जाने के बाद भाभी ने मुझे जगा दिया. अब भी मेरा लंड खड़ा था.
भाभी- उठो लाल अब आंखें खोलो … मेरी चूचियां खुली हैं … दूध पी लो.
मैंने आंखें खोलीं और अंगड़ाई लेते हुए भाभी को देखने लगा.
भाभी- सपने में किसकी चुत मार रहे थे मेरी जान … जो मेरे देवर का लंड इतना कड़क खड़ा हुआ है.
मैं- भाभी मैं तो सपने में आपकी ही चुत चाट रहा था.
भाभी मुस्कुराकर बोलीं- अच्छा … मेरी चुत चाट रहे थे और मुझे अहसास भी नहीं हुआ. उठो … चलो खाना खाने चलो … फिर मेरी चुत चाट लेना.
मैं उठा और ऐसे ही बिना कपड़े खाने आ गया. मैंने भाभी को भी नंगी होने को बोला, तो वो भी झट से नंगी हो गईं.
मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया और हम दोनों ने एक दूसरे को खाना खिलाया. खाने में ही हम दोनों की उत्तेजना काफी बढ़ गई थी, तो जल्दी जल्दी में खाना खत्म किया और उठ कर अलग हुए. मैंने भाभी से जल्दी कमरे में आने को बोला.
थोड़ी देर बाद भाभी भी कमरे में आ गईं. वो नंगी तो पहले से ही थीं. अब रोज की तरह मैं भाभी की गोद में सर रखकर उनके दूध पीने ही वाला था, तभी भाभी ने मुझे रोक दिया.
उनका और मेरा बहुत अच्छा रिश्ता हो चला था. मैं अब रोज रात को भाभी के कमरे में ही बिना कपड़ों के नंगा सोने लगा था.
भाभी का दूध पीने से मुझे नींद भी बहुत अच्छी आने लगी थी.
एक रात ऐसे ही मैं खेल कर आने के बाद भाभी के कमरे में कपड़े निकालकर लेट गया था और थकान के चलते मुझे नींद आ गयी थी.
पता नहीं कब पड़ोस की बंगालिन भाभी आ गईं और मेरी भाभी से बातें करने लगीं.
उनकी बातों से मेरी नींद खुल गयी थी लेकिन जैसे ही मैंने बंगालन भाभी की आवाज सुनी तो मेरे लंड में सनसनी होने लगी और मैं सोने का नाटक करता हुआ यूं ही लंड खोले लेटा रह कर सोने का नाटक करता रहा.
उनकी रसीली बातें सुनकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे.
कुछ ही देर में वो भाभी के साथ कमरे में आ गईं … उधर मैं बेड पर ऐसे ही नंगा पड़ा था.
जैसे ही बंगालिन भाभी ने मुझे भाभी के कमरे में नंगा लेटा देखा, वो भाभी से बोलीं- ये तुम्हारे कमरे में इस तरह नंगा क्यों पड़ा है?
भाभी ने सारी बातें बंगालिन भाभी को बता दीं.
मैं सब सुन रहा था, इसी कारण मेरा लंड और ज्यादा तन कर खड़ा हो गया.
बंगालिन भाभी- अरे इसका लंड तो बहुत बड़ा है!
भाभी- हां काफी मोटा भी है … अब मैं तो रोज इसी के लंड से चुदती हूँ. मेरा देवर मुझे बड़ा मजा देता है. मेरे पति से ज्यादा तो ये मुझे चुदाई के मजे देता है. इसके लिए मैं तेरी शुक्रगुजार हूँ. तेरे ही कारण मेरा देवर मेरा दूध पीने लगा था और तब से ये मुझे चोदता भी है.
बंगालिन भाभी मेरे लंड को हसरत भरी नजरों से देखती हुई बोलीं- काश … ये मेरा देवर होता. क्या यह मेरा दूध भी पिएगा?
भाभी- हां … इसे मेरा दूध तो बहुत पसंद है, तेरा भी पी लेगा. पर इसके लंड से चुदवाने के बारे में मत सोचना, वो मेरा देवर है और बस मुझे ही चोदेगा. तुम चाहो तो इसे अपना दूध बस पिला सकती हो.
बंगालिन भाभी- ठीक है, पर इसे कैसे तैयार करूं! अच्छा होगा कि तू ही अपने देवर को मेरा दूध पीने को तैयार कर दे ना!
भाभी- ओके भाभी … मैं कोशिश करूंगी.
मैं अपनी भाभी की बात सुनकर बड़ा खुश था.
आपको तो शायद पिछली सेक्स कहानी में मैंने बताया ही था कि अपनी भाभी की चुत चोदकर अब मेरा लंड पूरा शैतान हो गया था.
मेरी भाभी की बात सुनकर बंगालन भाभी बड़ी खुश हुई और मेरे लंड को लहराते हुए देख कर बंगालिन भाभी बुदबुदाती हुई बोलीं- अरे मेरे देवर राजा … काश में तेरी सगी भाभी होती. तू बड़ी किस्मत वाली है, जो तुझे ऐसे लंड वाला देवर मिला.
भाभी- देख मैं इसे तेरा दूध पिलाने तैयार करूंगी … लेकिन तुझे मेरे सामने ही इसे दूध पिलाना होगा … मंजूर हो तो बोलो?
बंगालिन भाभी- ठीक है जैसे भी हो मेरा दूध बस निकल जाए, बड़ा दर्द रहता है. अच्छा अब मैं चलती हूँ, जब तुम्हारा देवर मेरे चूचे चूसने को तैयार हो जाए, तब बता देना … मैं आ जाऊंगी.
भाभी- ठीक है, अब आप जाओ भाभी, मेरे देवर का खाने का टाईम हो गया है. मैं इसे जगा देती हूँ.
बंगालिन भाभी के चले जाने के बाद भाभी ने मुझे जगा दिया. अब भी मेरा लंड खड़ा था.
भाभी- उठो लाल अब आंखें खोलो … मेरी चूचियां खुली हैं … दूध पी लो.
मैंने आंखें खोलीं और अंगड़ाई लेते हुए भाभी को देखने लगा.
भाभी- सपने में किसकी चुत मार रहे थे मेरी जान … जो मेरे देवर का लंड इतना कड़क खड़ा हुआ है.
मैं- भाभी मैं तो सपने में आपकी ही चुत चाट रहा था.
भाभी मुस्कुराकर बोलीं- अच्छा … मेरी चुत चाट रहे थे और मुझे अहसास भी नहीं हुआ. उठो … चलो खाना खाने चलो … फिर मेरी चुत चाट लेना.
मैं उठा और ऐसे ही बिना कपड़े खाने आ गया. मैंने भाभी को भी नंगी होने को बोला, तो वो भी झट से नंगी हो गईं.
मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया और हम दोनों ने एक दूसरे को खाना खिलाया. खाने में ही हम दोनों की उत्तेजना काफी बढ़ गई थी, तो जल्दी जल्दी में खाना खत्म किया और उठ कर अलग हुए. मैंने भाभी से जल्दी कमरे में आने को बोला.
थोड़ी देर बाद भाभी भी कमरे में आ गईं. वो नंगी तो पहले से ही थीं. अब रोज की तरह मैं भाभी की गोद में सर रखकर उनके दूध पीने ही वाला था, तभी भाभी ने मुझे रोक दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.