17-06-2022, 05:09 PM
उनकी बात सुनकर मेरी कुछ समझ में नहीं आया कि भाभी ने पहले मुझे कब नंगा देख लिया था.
मैं तो अपने कमरे में कुंडी लगा कर सोता हूँ; आज ही कुंडी नहीं लगा पाई थी.
खैर … मैं वापस कमरे में आया और कपड़े पहनकर खाना खाने आ गया.
भाभी ने मुझे खाना परोसा, पर मैं शर्म के मारे भाभी की तरफ देख ही नहीं पा रहा था.
ऐसे ही मैंने जल्दी जल्दी खाना खा लिया और वापस अपने कमरे में सोने जाने लगा.
तभी भाभी ने मुझे रोक लिया और कहने लगीं- इतना क्यों शर्मा रहे हो?
मैं- भाभी मुझे माफ कर दो, थकने के कारण मैं कब सो गया … मुझे पता ही नहीं चला और आपको मुझे ऐसे जगाना पड़ा!
भाभी- कोई बात नहीं रोहित … इतना मत शर्मिंदा हो … वैसे भी मैंने तुम्हें कई बार ऐसे देखा है.
मैं- पहले कब देख लिया भाभी … मैं तो आज ही …
भाभी मेरी बात को काटती हुई बोलीं- नहीं रोहित आज ही नहीं, तुम रोज ऐसे ही बिना कपड़ों के सो जाते हो. मैं सही बोल रही हूँ ना?
मैं शर्म के मारे में बस चुप ही रहा और सोच रहा था कि भाभी को ये सब कैसे पता चला.
भाभी- क्या सोच रहे हो?
मैं- नहीं भाभी में ऐसे नहीं सोता.
भाभी- पक्का ना!
मैं- हां भाभी.
भाभी- अच्छा ये देखो … मेरे मोबाइल में क्या है!
मैं- हां भाभी देखता हूँ लेकिन आपने मुझे माफ तो किया ना!
भाभी- हां रोहित, माफ किया. अब पहले ये देखो … और वैसे भी बिना कपड़ों के नींद अच्छी आती है.
उनके मुँह से मैं ये सब सुनकर एकदम से सहम सा गया था.
भाभी- अच्छा जाने दो, पहले इसे देखो … फिर तुम भी समझ जाओगे.
फिर जैसे ही मैंने मोबाइल में देखा, मैं तो देखता ही रह गया.
मुझे लगा मानो आज मेरी शामत सी आ गयी हो.
भाभी- अब समझे, तुम रोज नंगे ही सोते हो, अब तो भाभी से झूठ मत बोलो.
मैं- भाभी पर आपने मेरा नंगे सोते हुए की वीडियो क्यों बना ली?
भाभी- ताकि तुम सच बोल सको.
मैं- भाभी मुझे माफ कर दो, मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा.
भाभी- ठीक है शर्माओ मत.
मैं- भाभी एक बात बताओ, आपने वीडियो कैसी निकाली, मैं तो दरवाजा बन्द करके सोता हूँ!
भाभी- तुम्हारे दरवाजे का लॉक खराब है, वो अन्दर से बन्द तो होता है, लेकिन बाहर से धक्का देने पर खुल जाता है.
मैं शर्माकर बोला- भाभी, ये आपने ठीक नहीं किया.
भाभी- क्यों … आप तो मेरे देवर हो, मुझसे क्या शर्माना. भाभी को देवर को सताने का हक होता है मिस्टर.
उसके बाद हम दोनों ने काफी देर तक बातें की. अब मैं अपनी भाभी से बहुत खुल गया था.
मैं- भाभी तो एक बात बताओ … अगर मैं रोज बिना कपड़ों के आपके सामने आऊं तो?
भाभी- तो क्या … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है, हां बस उस समय आना जब मैं अकेली होऊं. जब मैं किसी और मेरे साथ होऊं और उस समय तुम मेरे सामने नंगे आए … तो नहीं चलेगा.
मैं- ठीक है, क्या आप मेरे सामने बिना कपड़े आओगी!
भाभी- बदमाश कहीं का … मैं तुम्हारी भाभी हूँ, कोई भाभी से ऐसे बात करता है क्या?
मैं- क्यों भाभी देवर का रिश्ता होता ही ऐसा है. अभी आपने ही तो कहा था.
भाभी- अच्छा जी … मेरी जूती मेरे ही सर … हा हा हा …
मैं- ओके भाभी अब मैं सोने जा रहा हूँ.
भाभी- ठीक है जाओ.
मैं- पहले मेरा वीडियो तो डिलीट कर दो.
भाभी- पहले बोलो कि मेरे सब काम करोगे!
मैं- हां भाभी, वादा है मैं आपके सब काम करूंगा.
भाभी- ओके … लो ये तुम्हारा वीडियो डिलीट कर दिया.
मैं- थैंक्स भाभी, अब मैं सोने जा रहा हूँ.
भाभी- ठीक है … और अब बिना कपड़े के सोओगे … तो भी कोई प्रॉब्लम नहीं है. बिंदास नंग-धड़ंग सो जाओ.
मैं- भाभी, क्या मैं आज आपके कमरे में सो जाऊं!
भाभी- ठीक है … आ जाओ. रात में जब वेदांत जाग जाए तो उसे भी सम्भाल लेना.
मैंने हां कह दी और मैं भाभी के कमरे में ही लेट गया.
भाभी अपने काम में लग गईं.
फिर जब भाभी कमरे में आईं तो मैं बेड पर पसर कर लेटा था. मैं अभी जाग रहा था और वेदांत के साथ खेल रहा था.
भाभी ने कमरे में आते ही पूछा- क्यों रोहित … आज बिना कपड़ों के नहीं सोओगे क्या?
मैं हंस कर बोला- क्या भाभी … आप भी सता रही हो.
भाभी- अरे मैं सच में पूछ रही हूँ यार.
मैं- पक्का भाभी … मेरे नंगे सोने से आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना!
भाभी- नहीं रे … तू बिंदास नंगा सो जा … मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.
मैं- ओके भाभी.
फिर मैं अपने सार कपड़े निकालकर सो गया. करीब रात के एक बजे होंगे, मेरी नींद खुल गयी.
मैंने देखा भाभी बेड पर करवटें बदल रही थीं, उन्हें शायद कोई दिक्कत थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी … आप अब तक सोयी नहीं!
भाभी- कुछ नहीं … तुम सो जाओ.
मैं- आपको कोई दिक्कत है भाभी … मुझे बताओ, ताकि मैं आपकी कुछ मदद कर सकूं.
भाभी- अच्छा … सुनो मुझे थोड़ी दिक्कत है और तुम मेरी मदद कर सकते हो.
मैं- हां भाभी बोलो. क्या करना है.
भाभी- बात ऐसी है कि अब वेदांत बाहर का खाना भी खाने लगा है इसलिए वो अब कम दूध पीता है. इसलिए मेरा दूध भरता जा रहा है, इससे मुझे मेरी छाती में दर्द हो रहा है. उसे बाहर निकालना पड़ेगा … तभी मैं सो पाऊंगी.
मैं- तो भाभी … मैं क्या कर सकता हूँ?
भाभी- तुम मेरा दूध पी लो.
मैं- भाभी आप ये क्या बोल रही हो, आप मेरी भाभी हो! मैं आपका दूध कैसे पी सकता हूँ?
भाभी- तुम मेरे देवर हो … इसी लिए तो मैं तुम्हें दूध पिलाने की सोच रही हूँ. तुम प्लीज मेरे दोनों निप्पल चूस कर दूध पी लो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है और मैं अपने हाथों से दूध दबा दबा कर थक गयी हूँ.
मैं- सॉरी भाभी … मैं ये नहीं कर सकता. मुझे माफ कर दो.
भाभी- रोहित ऐसा मत करो, प्लीज पी लो ना!
मैं- भाभी ये पाप है, मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ.
भाभी- अरे इसमें कोई पाप नहीं है.
मैं बिना कुछ बोले अपने रूम में चला गया.
भाभी- रोहित सुनो तो … रोहित.
मैं तो अपने कमरे में कुंडी लगा कर सोता हूँ; आज ही कुंडी नहीं लगा पाई थी.
खैर … मैं वापस कमरे में आया और कपड़े पहनकर खाना खाने आ गया.
भाभी ने मुझे खाना परोसा, पर मैं शर्म के मारे भाभी की तरफ देख ही नहीं पा रहा था.
ऐसे ही मैंने जल्दी जल्दी खाना खा लिया और वापस अपने कमरे में सोने जाने लगा.
तभी भाभी ने मुझे रोक लिया और कहने लगीं- इतना क्यों शर्मा रहे हो?
मैं- भाभी मुझे माफ कर दो, थकने के कारण मैं कब सो गया … मुझे पता ही नहीं चला और आपको मुझे ऐसे जगाना पड़ा!
भाभी- कोई बात नहीं रोहित … इतना मत शर्मिंदा हो … वैसे भी मैंने तुम्हें कई बार ऐसे देखा है.
मैं- पहले कब देख लिया भाभी … मैं तो आज ही …
भाभी मेरी बात को काटती हुई बोलीं- नहीं रोहित आज ही नहीं, तुम रोज ऐसे ही बिना कपड़ों के सो जाते हो. मैं सही बोल रही हूँ ना?
मैं शर्म के मारे में बस चुप ही रहा और सोच रहा था कि भाभी को ये सब कैसे पता चला.
भाभी- क्या सोच रहे हो?
मैं- नहीं भाभी में ऐसे नहीं सोता.
भाभी- पक्का ना!
मैं- हां भाभी.
भाभी- अच्छा ये देखो … मेरे मोबाइल में क्या है!
मैं- हां भाभी देखता हूँ लेकिन आपने मुझे माफ तो किया ना!
भाभी- हां रोहित, माफ किया. अब पहले ये देखो … और वैसे भी बिना कपड़ों के नींद अच्छी आती है.
उनके मुँह से मैं ये सब सुनकर एकदम से सहम सा गया था.
भाभी- अच्छा जाने दो, पहले इसे देखो … फिर तुम भी समझ जाओगे.
फिर जैसे ही मैंने मोबाइल में देखा, मैं तो देखता ही रह गया.
मुझे लगा मानो आज मेरी शामत सी आ गयी हो.
भाभी- अब समझे, तुम रोज नंगे ही सोते हो, अब तो भाभी से झूठ मत बोलो.
मैं- भाभी पर आपने मेरा नंगे सोते हुए की वीडियो क्यों बना ली?
भाभी- ताकि तुम सच बोल सको.
मैं- भाभी मुझे माफ कर दो, मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूंगा.
भाभी- ठीक है शर्माओ मत.
मैं- भाभी एक बात बताओ, आपने वीडियो कैसी निकाली, मैं तो दरवाजा बन्द करके सोता हूँ!
भाभी- तुम्हारे दरवाजे का लॉक खराब है, वो अन्दर से बन्द तो होता है, लेकिन बाहर से धक्का देने पर खुल जाता है.
मैं शर्माकर बोला- भाभी, ये आपने ठीक नहीं किया.
भाभी- क्यों … आप तो मेरे देवर हो, मुझसे क्या शर्माना. भाभी को देवर को सताने का हक होता है मिस्टर.
उसके बाद हम दोनों ने काफी देर तक बातें की. अब मैं अपनी भाभी से बहुत खुल गया था.
मैं- भाभी तो एक बात बताओ … अगर मैं रोज बिना कपड़ों के आपके सामने आऊं तो?
भाभी- तो क्या … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है, हां बस उस समय आना जब मैं अकेली होऊं. जब मैं किसी और मेरे साथ होऊं और उस समय तुम मेरे सामने नंगे आए … तो नहीं चलेगा.
मैं- ठीक है, क्या आप मेरे सामने बिना कपड़े आओगी!
भाभी- बदमाश कहीं का … मैं तुम्हारी भाभी हूँ, कोई भाभी से ऐसे बात करता है क्या?
मैं- क्यों भाभी देवर का रिश्ता होता ही ऐसा है. अभी आपने ही तो कहा था.
भाभी- अच्छा जी … मेरी जूती मेरे ही सर … हा हा हा …
मैं- ओके भाभी अब मैं सोने जा रहा हूँ.
भाभी- ठीक है जाओ.
मैं- पहले मेरा वीडियो तो डिलीट कर दो.
भाभी- पहले बोलो कि मेरे सब काम करोगे!
मैं- हां भाभी, वादा है मैं आपके सब काम करूंगा.
भाभी- ओके … लो ये तुम्हारा वीडियो डिलीट कर दिया.
मैं- थैंक्स भाभी, अब मैं सोने जा रहा हूँ.
भाभी- ठीक है … और अब बिना कपड़े के सोओगे … तो भी कोई प्रॉब्लम नहीं है. बिंदास नंग-धड़ंग सो जाओ.
मैं- भाभी, क्या मैं आज आपके कमरे में सो जाऊं!
भाभी- ठीक है … आ जाओ. रात में जब वेदांत जाग जाए तो उसे भी सम्भाल लेना.
मैंने हां कह दी और मैं भाभी के कमरे में ही लेट गया.
भाभी अपने काम में लग गईं.
फिर जब भाभी कमरे में आईं तो मैं बेड पर पसर कर लेटा था. मैं अभी जाग रहा था और वेदांत के साथ खेल रहा था.
भाभी ने कमरे में आते ही पूछा- क्यों रोहित … आज बिना कपड़ों के नहीं सोओगे क्या?
मैं हंस कर बोला- क्या भाभी … आप भी सता रही हो.
भाभी- अरे मैं सच में पूछ रही हूँ यार.
मैं- पक्का भाभी … मेरे नंगे सोने से आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना!
भाभी- नहीं रे … तू बिंदास नंगा सो जा … मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.
मैं- ओके भाभी.
फिर मैं अपने सार कपड़े निकालकर सो गया. करीब रात के एक बजे होंगे, मेरी नींद खुल गयी.
मैंने देखा भाभी बेड पर करवटें बदल रही थीं, उन्हें शायद कोई दिक्कत थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी … आप अब तक सोयी नहीं!
भाभी- कुछ नहीं … तुम सो जाओ.
मैं- आपको कोई दिक्कत है भाभी … मुझे बताओ, ताकि मैं आपकी कुछ मदद कर सकूं.
भाभी- अच्छा … सुनो मुझे थोड़ी दिक्कत है और तुम मेरी मदद कर सकते हो.
मैं- हां भाभी बोलो. क्या करना है.
भाभी- बात ऐसी है कि अब वेदांत बाहर का खाना भी खाने लगा है इसलिए वो अब कम दूध पीता है. इसलिए मेरा दूध भरता जा रहा है, इससे मुझे मेरी छाती में दर्द हो रहा है. उसे बाहर निकालना पड़ेगा … तभी मैं सो पाऊंगी.
मैं- तो भाभी … मैं क्या कर सकता हूँ?
भाभी- तुम मेरा दूध पी लो.
मैं- भाभी आप ये क्या बोल रही हो, आप मेरी भाभी हो! मैं आपका दूध कैसे पी सकता हूँ?
भाभी- तुम मेरे देवर हो … इसी लिए तो मैं तुम्हें दूध पिलाने की सोच रही हूँ. तुम प्लीज मेरे दोनों निप्पल चूस कर दूध पी लो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है और मैं अपने हाथों से दूध दबा दबा कर थक गयी हूँ.
मैं- सॉरी भाभी … मैं ये नहीं कर सकता. मुझे माफ कर दो.
भाभी- रोहित ऐसा मत करो, प्लीज पी लो ना!
मैं- भाभी ये पाप है, मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ.
भाभी- अरे इसमें कोई पाप नहीं है.
मैं बिना कुछ बोले अपने रूम में चला गया.
भाभी- रोहित सुनो तो … रोहित.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.