17-06-2022, 05:07 PM
असल में पुणे के एक गांव का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार में मैं, भाई-भाभी और मां-पिताजी हैं.
मेरे भाई की शादी 2 साल पहले हुई थी और वो पुणे में ही एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं.
भाभी हाउसवाइफ हैं … वो घर में ही रहती हैं.
उन्हें एक बच्चा है जो अभी 9 महीने का हुआ है. भाभी दुधारू हैं और वो अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं.
मैं भी डेढ़ साल पहले सरकारी नौकरी में लग गया था इसलिए हमने पुणे में फ्लैट लेने की सोची.
काफी देखने के बाद हम सभी ने एक फ्लैट ले लिया.
मैं, भाई-भाभी और भाई का 9 महीने का बेटा वेदांत पुणे के अपने फ्लैट में रहने चले आए.
यहां शिफ्ट होने के बाद मेरी भाभी की कई सहेलियां बन गई थी जो फ्लैट पर आती जाती रहती थीं.
उनमें से एक बंगालन भाभी थीं, जिनकी हमेशा मुझ पर नजर गड़ी रहती थी.
मेरी दिनचर्या कुछ ऐसी थी. सुबह 4 बजे उठना, फिर सबसे पहले घर पर ही योग करना और दौड़ लगाने निकल जाना.
सुबह की सैर के बाद घर पर 5:30 बजे तक आ जाता हूँ.
फिर बाकी के सारे काम कने के बाद नहाना.
नहाते समय मेरी आदत है, मैं नंगा होकर नहाता हूँ. मतलब चड्डी भी उतार कर कायदे से लंड को मल मल कर साफ़ करके नहाता हूँ.
चूंकि इस नए फ्लैट में मेरा अलग से अपना बाथरूम है तो कोई दिक्कत नहीं रहती.
रात को सोते समय भी कभी कभी मैं नंगा ही सो जाता था.
उधर भाभी सुबह 6:30 बजे उठती हैं और भाई तो आराम से 9 बजे तक उठते हैं. सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो ठहरे, तो उन्हें काम भी बहुत ज्यादा रहता है.
आठ बजे तक भाभी मुझे नाश्ता करा देती हैं और मैं 9 बजे काम पर चला जाता हूँ.
भाई अपने ऑफिस 11 बजे तक निकल जाते हैं.
दिन भर भाभी घर पर ही अकेली अपने बच्चे के साथ रहती हैं.
मैं लंच साथ में नहीं ले जाता हूँ इसलिए दोपहर एक बजे खाना खाने सीधे घर पर आ जाता हूँ.
लंच करके मैं 2 बजे वापस अपने ऑफिस चला जाता हूँ. फिर 6 बजे अपने घर वापस आता हूँ.
घर आने के बाद मैं फिर दो घंटे के लिए खेलने चला जाता हूँ और लौटने के बाद एक बार फिर से नंगा होकर नहाता हूँ.
फिर रात का खाना खाकर 9:30 बजे तक सो जाता हूँ. ये मेरा रोज का टाईम टेबल है.
एक बार कंपनी के काम के कारण भैया को पूरे एक महीने के लिए अमेरिका जाना था इसलिए उन्होंने मुझे भाभी का ख्याल रखने को कहा और वो निकल गए.
पहले 5-6 दिन तो ऐसे ही गुजर गए.
एक दिन मैं काम से लौटकर खेलने चला गया.
उस दिन बहुत थक गया था आते ही मैंने नहा लिया और ऐसे ही बिना कपड़ों के बेड पर लेट गया.
मैं पूरा नंगा था और ज्यादा थक जाने के कारण कब मेरी नींद लग गयी, पता ही नहीं चला.
जब खाने का समय हुआ तो मेरे ना आने के कारण भाभी मुझे आवाज लगाती हुई मेरे कमरे में आ गईं.
उन्होंने कमरे में घुसने से पहले शायद नॉक किया होगा लेकिन मेरे गहरी नींद में सो जाने के कारण मुझे पता नहीं चला.
भाभी कमरे में अन्दर आ गईं और उन्होंने मुझे हिलाकर जगाया.
मैं जग तो गया लेकिन आधी नींद में था.
भाभी ने कहा- चलो खाना खाने का टाईम हो गया है.
मैं उठ कर ऐसे ही नंगा चल दिया.
ये देखकर भाभी अपनी हंसी रोक ही नहीं पाईं और जोर जोर हंसने लगीं.
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि भाभी क्यों हंस रही हैं. हालांकि अब तक मैं नींद से पूरी तरह बाहर आ गया था.
तब भी मुझे अपने नंगे होने का अहसास नहीं था.
मैंने भाभी से पूछा- क्या हुआ … आप हंस क्यों रही हो?
भाभी ने अपनी हंसी को रोकने की कोशिश करती हुई इशारे से अपनी उंगली मेरे लंड की तरफ की.
जैसे ही मैंने नीचे देखा, मुझे सारा मामला समझ आ गया और मैं अपने हाथों से अपना नंगा लंड ढांपने की कोशिश करने लगा.
ये देख कर हॉट भाभी को और जोर से हंसी आ गयी.
मुझे भी बहुत लज्जा महसूस हुई.
इसके बाद भाभी बोलीं- शर्माओ मत … मैंने तुम्हें ऐसा पहली बार नहीं देखा है, कई बार देखा है. अब चलो खाना खाने, चाहे तो ऐसे ही चलो.
मेरे भाई की शादी 2 साल पहले हुई थी और वो पुणे में ही एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं.
भाभी हाउसवाइफ हैं … वो घर में ही रहती हैं.
उन्हें एक बच्चा है जो अभी 9 महीने का हुआ है. भाभी दुधारू हैं और वो अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं.
मैं भी डेढ़ साल पहले सरकारी नौकरी में लग गया था इसलिए हमने पुणे में फ्लैट लेने की सोची.
काफी देखने के बाद हम सभी ने एक फ्लैट ले लिया.
मैं, भाई-भाभी और भाई का 9 महीने का बेटा वेदांत पुणे के अपने फ्लैट में रहने चले आए.
यहां शिफ्ट होने के बाद मेरी भाभी की कई सहेलियां बन गई थी जो फ्लैट पर आती जाती रहती थीं.
उनमें से एक बंगालन भाभी थीं, जिनकी हमेशा मुझ पर नजर गड़ी रहती थी.
मेरी दिनचर्या कुछ ऐसी थी. सुबह 4 बजे उठना, फिर सबसे पहले घर पर ही योग करना और दौड़ लगाने निकल जाना.
सुबह की सैर के बाद घर पर 5:30 बजे तक आ जाता हूँ.
फिर बाकी के सारे काम कने के बाद नहाना.
नहाते समय मेरी आदत है, मैं नंगा होकर नहाता हूँ. मतलब चड्डी भी उतार कर कायदे से लंड को मल मल कर साफ़ करके नहाता हूँ.
चूंकि इस नए फ्लैट में मेरा अलग से अपना बाथरूम है तो कोई दिक्कत नहीं रहती.
रात को सोते समय भी कभी कभी मैं नंगा ही सो जाता था.
उधर भाभी सुबह 6:30 बजे उठती हैं और भाई तो आराम से 9 बजे तक उठते हैं. सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो ठहरे, तो उन्हें काम भी बहुत ज्यादा रहता है.
आठ बजे तक भाभी मुझे नाश्ता करा देती हैं और मैं 9 बजे काम पर चला जाता हूँ.
भाई अपने ऑफिस 11 बजे तक निकल जाते हैं.
दिन भर भाभी घर पर ही अकेली अपने बच्चे के साथ रहती हैं.
मैं लंच साथ में नहीं ले जाता हूँ इसलिए दोपहर एक बजे खाना खाने सीधे घर पर आ जाता हूँ.
लंच करके मैं 2 बजे वापस अपने ऑफिस चला जाता हूँ. फिर 6 बजे अपने घर वापस आता हूँ.
घर आने के बाद मैं फिर दो घंटे के लिए खेलने चला जाता हूँ और लौटने के बाद एक बार फिर से नंगा होकर नहाता हूँ.
फिर रात का खाना खाकर 9:30 बजे तक सो जाता हूँ. ये मेरा रोज का टाईम टेबल है.
एक बार कंपनी के काम के कारण भैया को पूरे एक महीने के लिए अमेरिका जाना था इसलिए उन्होंने मुझे भाभी का ख्याल रखने को कहा और वो निकल गए.
पहले 5-6 दिन तो ऐसे ही गुजर गए.
एक दिन मैं काम से लौटकर खेलने चला गया.
उस दिन बहुत थक गया था आते ही मैंने नहा लिया और ऐसे ही बिना कपड़ों के बेड पर लेट गया.
मैं पूरा नंगा था और ज्यादा थक जाने के कारण कब मेरी नींद लग गयी, पता ही नहीं चला.
जब खाने का समय हुआ तो मेरे ना आने के कारण भाभी मुझे आवाज लगाती हुई मेरे कमरे में आ गईं.
उन्होंने कमरे में घुसने से पहले शायद नॉक किया होगा लेकिन मेरे गहरी नींद में सो जाने के कारण मुझे पता नहीं चला.
भाभी कमरे में अन्दर आ गईं और उन्होंने मुझे हिलाकर जगाया.
मैं जग तो गया लेकिन आधी नींद में था.
भाभी ने कहा- चलो खाना खाने का टाईम हो गया है.
मैं उठ कर ऐसे ही नंगा चल दिया.
ये देखकर भाभी अपनी हंसी रोक ही नहीं पाईं और जोर जोर हंसने लगीं.
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि भाभी क्यों हंस रही हैं. हालांकि अब तक मैं नींद से पूरी तरह बाहर आ गया था.
तब भी मुझे अपने नंगे होने का अहसास नहीं था.
मैंने भाभी से पूछा- क्या हुआ … आप हंस क्यों रही हो?
भाभी ने अपनी हंसी को रोकने की कोशिश करती हुई इशारे से अपनी उंगली मेरे लंड की तरफ की.
जैसे ही मैंने नीचे देखा, मुझे सारा मामला समझ आ गया और मैं अपने हाथों से अपना नंगा लंड ढांपने की कोशिश करने लगा.
ये देख कर हॉट भाभी को और जोर से हंसी आ गयी.
मुझे भी बहुत लज्जा महसूस हुई.
इसके बाद भाभी बोलीं- शर्माओ मत … मैंने तुम्हें ऐसा पहली बार नहीं देखा है, कई बार देखा है. अब चलो खाना खाने, चाहे तो ऐसे ही चलो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.