17-06-2022, 04:58 PM
मैं अपने एक हाथ से उनके चुचे को दबा रहा था और दूसरे चुचे को मुँह में लेकर चूस रहा था.
भाभी अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ कर मेरे मुँह में ठेलने लगीं और मुझे अपने बच्चे के जैसे दूध पिलाने लगीं.
ऐसे ही भाभी ने अपने दूसरे चुचे को मेरे मुँह में दे दिया और उसको भी दबा दबा कर पिलाया. हम दोनों की हालत बेकाबू सांड की तरह हो गई थी और हम दोनों ही एकदम गर्म हो उठे थे.
मोना भाभी अब चुदना चाह रही थीं पर मैं उन्हें अभी और गर्म करना चाहता था.
मेरा सपना था कि भाभी को पूरी तरह से उन्मुक्त कर दूं और तभी उनकी चुदाई का मजा लूं.
मैं अब मोना भाभी की टांगों के बीच में आ गया और उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा.
मैंने उनकी पैंटी को भी टांगों से नीचे खींचा तो भाभी ने अपनी गांड उठा कर झट से पैंटी को उतर जाने दिया.
उनकी चुत चुदवाने की लालसा अब एक शोला बन चुकी थी.
मैं भाभी की टांगों के बीच आ गया और उनकी संगमरमर सी चिकनी जांघों को को किस करने लगा.
जांघों को चूमते हुए हल्का सा ऊपर हुआ और चुत के बगल से जीभ का स्पर्श देते हुए मैं भाभी की नाभि पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा.
‘प्लीज़ … ह्ह ऊओ हह आअह्ह आःह्ह्ह आःह्ह्ह आआजह्ह ..’
भाभी चाह रही थीं कि जल्दी से चुत पर हमला हो … मगर मैं अपनी कामना को पूरा करना चाहता था.
एक दो पल भाभी की नाभि को चूमने चूमने के बाद मैं दुबारा नीचे भाभी की टांगों के बीच आ गया.
अब मैं अपनी जीभ से भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा.
यही तो भाभी चाह रही थीं.
अपनी चुत पर मेरी जुबान का स्पर्श पाते ही मोना भाभी मस्ती के मारे सीत्कार भरने लगीं- आअह्ह्ह ऊओह्हह्हह और चाटो यश … आह जानू और जोर जोर से चाटो … आह्ह्ह.
मैं भी कामांध हाथी की तरह जोर जोर से भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा.
भाभी की चूत एकदम गीली हो गई थी.
मैं उनकी चूत के अन्दर जीभ डालकर चुत की भीतरी दीवारों को चाटने लगा.
भाभी इस तरह की चुसाई को झेल नहीं पा रही थीं.
वो जोर जोर से सांस लेने लगीं और अपने बदन को अकड़ाते हुए सिसकारियाँ ले रही थीं- आह यश … आह क्या कर दिया … आह.
उनका हाथ मेरे सर पर था और वो उसे लगातार अपनी चुत पर दबा रही थीं.
मैंने मोना की चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया था.
फिर मैंने मोना भाभी की चुत से सर हटा लिया.
भाभी को अपनी चुत से जीभ हटते ही ऐसा लगा मानो उनकी मस्ती को मैंने छीन लिया हो.
मैंने भाभी से पूछा- कोई क्रीम मिलेगी?
उन्होंने उंगली के इशारे से मुझे बताया.
मैं क्रीम ले आया और मोना भाभी की चूत में दो उंगलियों से क्रीम लगाने लगा.
भाभी की चूत एकदम गीली थी मगर मुझे मालूम था कि भाभी की चुत मेरे लौड़े के हिसाब से अभी भी काफी टाइट है.
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली, भाभी की आह की तेज आवाज निकल गई- ओओह … मत करो … आह
मैंने भाभी की आवाज को नजरअंदाज किया और अपनी उंगली को चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर बाद चुत ने मेरी उंगली से मजा लेना शुरू कर दिया था.
मैंने अब दो उंगलियां चुत में डाल दीं और जोर जोर से भाभी की चूत में उंगली चलाने लगा.
मोना भाभी मस्ती में आवाज निकालने लगीं- ऊऊह्ह्ह … आआह्ह … मर गई …
इसी तरह मैंने अपनी उंगलियों से भाभी की चूत में ढेर सारी क्रीम भर दी और कुछ अपने लंड पर भी लगा ली.
भाभी अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ कर मेरे मुँह में ठेलने लगीं और मुझे अपने बच्चे के जैसे दूध पिलाने लगीं.
ऐसे ही भाभी ने अपने दूसरे चुचे को मेरे मुँह में दे दिया और उसको भी दबा दबा कर पिलाया. हम दोनों की हालत बेकाबू सांड की तरह हो गई थी और हम दोनों ही एकदम गर्म हो उठे थे.
मोना भाभी अब चुदना चाह रही थीं पर मैं उन्हें अभी और गर्म करना चाहता था.
मेरा सपना था कि भाभी को पूरी तरह से उन्मुक्त कर दूं और तभी उनकी चुदाई का मजा लूं.
मैं अब मोना भाभी की टांगों के बीच में आ गया और उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा.
मैंने उनकी पैंटी को भी टांगों से नीचे खींचा तो भाभी ने अपनी गांड उठा कर झट से पैंटी को उतर जाने दिया.
उनकी चुत चुदवाने की लालसा अब एक शोला बन चुकी थी.
मैं भाभी की टांगों के बीच आ गया और उनकी संगमरमर सी चिकनी जांघों को को किस करने लगा.
जांघों को चूमते हुए हल्का सा ऊपर हुआ और चुत के बगल से जीभ का स्पर्श देते हुए मैं भाभी की नाभि पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा.
‘प्लीज़ … ह्ह ऊओ हह आअह्ह आःह्ह्ह आःह्ह्ह आआजह्ह ..’
भाभी चाह रही थीं कि जल्दी से चुत पर हमला हो … मगर मैं अपनी कामना को पूरा करना चाहता था.
एक दो पल भाभी की नाभि को चूमने चूमने के बाद मैं दुबारा नीचे भाभी की टांगों के बीच आ गया.
अब मैं अपनी जीभ से भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा.
यही तो भाभी चाह रही थीं.
अपनी चुत पर मेरी जुबान का स्पर्श पाते ही मोना भाभी मस्ती के मारे सीत्कार भरने लगीं- आअह्ह्ह ऊओह्हह्हह और चाटो यश … आह जानू और जोर जोर से चाटो … आह्ह्ह.
मैं भी कामांध हाथी की तरह जोर जोर से भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा.
भाभी की चूत एकदम गीली हो गई थी.
मैं उनकी चूत के अन्दर जीभ डालकर चुत की भीतरी दीवारों को चाटने लगा.
भाभी इस तरह की चुसाई को झेल नहीं पा रही थीं.
वो जोर जोर से सांस लेने लगीं और अपने बदन को अकड़ाते हुए सिसकारियाँ ले रही थीं- आह यश … आह क्या कर दिया … आह.
उनका हाथ मेरे सर पर था और वो उसे लगातार अपनी चुत पर दबा रही थीं.
मैंने मोना की चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया था.
फिर मैंने मोना भाभी की चुत से सर हटा लिया.
भाभी को अपनी चुत से जीभ हटते ही ऐसा लगा मानो उनकी मस्ती को मैंने छीन लिया हो.
मैंने भाभी से पूछा- कोई क्रीम मिलेगी?
उन्होंने उंगली के इशारे से मुझे बताया.
मैं क्रीम ले आया और मोना भाभी की चूत में दो उंगलियों से क्रीम लगाने लगा.
भाभी की चूत एकदम गीली थी मगर मुझे मालूम था कि भाभी की चुत मेरे लौड़े के हिसाब से अभी भी काफी टाइट है.
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली, भाभी की आह की तेज आवाज निकल गई- ओओह … मत करो … आह
मैंने भाभी की आवाज को नजरअंदाज किया और अपनी उंगली को चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर बाद चुत ने मेरी उंगली से मजा लेना शुरू कर दिया था.
मैंने अब दो उंगलियां चुत में डाल दीं और जोर जोर से भाभी की चूत में उंगली चलाने लगा.
मोना भाभी मस्ती में आवाज निकालने लगीं- ऊऊह्ह्ह … आआह्ह … मर गई …
इसी तरह मैंने अपनी उंगलियों से भाभी की चूत में ढेर सारी क्रीम भर दी और कुछ अपने लंड पर भी लगा ली.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.