17-06-2022, 04:58 PM
(17-06-2022, 04:56 PM)neerathemall Wrote:
मैंने मोना भाभी को कसके अपनी बांहों में भर लिया और अपने दोनों हाथों को पीछे उनकी नंगी पीठ को सहलाने लगा.
भाभी मेरी बांहों में सिमट गई थीं और अपने होंठों से मेरे कान की लौ को चूमने लगी थीं. उनकी जीभ मेरे कान की लौ को कुरेद रही थी.
अब मैंने मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड को फिर से दबाना शुरू कर दिया. मैं उनकी गांड को हाथों से भरकर दबाता, तो मोना भाभी ऊपर की तरफ उठ जाती थीं और उनकी नंगी चुचियां मेरे सीने से कस कर मसल जा रही थीं.
भाभी मेरे कान में बोलीं- आह यश, ये सब कैसे कर रहे हो … आह मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.
मैंने भाभी को जवाब नहीं दिया.
कुछ पल बाद मैं उनके पीछे आ गया और मेरा ध्यान बस मोना भाभी के हुस्न को प्यार करने का था. मैं बस उनके मदमस्त हुस्न में ही खोया हुआ था.
मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर मोना भाभी के दोनों चुचों को जकड़ लिया और उनको सहलाने लगा.
बीच बीच में मैं उनके दोनों चुचों को कभी एक साथ दबा देता, तो कभी उनके निप्पलों को उंगलियों के बीच में दबा कर मसल देता. जिससे भाभी की उत्तेजना और भी ज्यादा होने लगी थी.
जैसे जैसे मैंने भाभी के चुचों को दबाना जारी रखा, तो भाभी सिसकारियां और तेज होने लगीं.
उन्होंने अपने एक हाथ को पीछे लाते हुए मेरे लंड को पकड़ रखा था और उसको ही सहलाये जा रही थी.
मैंने भाभी से बोला- आप बहुत सेक्सी और बहुत ही हॉट हो यार … मुझे ये सब कोई सपना लग रहा है.
भाभी कामुक हंसी हंसते हुए बोलीं- यश तुमने मेरे अरमानों को पंख लगा दिए हैं. मैं न जाने कबसे ऐसे प्यार के लिए तरस रही थी.
मैं बस उनकी गर्दन को चूमता हुआ उन्हें प्यार करता रहा.
अब मैंने मोना भाभी के लहंगे की गाँठ ढीली कर दी और लहंगे को उतार दिया. मेरे हाथ भाभी के चुचों की दबा रहे थे, उसमें से एक हाथ से नीचे पेट को सहलाते हुए उनकी पैंटी के ऊपर से ही मोना भाभी की चूत को सहलाने लगा.
मदमस्त औरत की चुत जब वासना की आग में जल रही हो और उसकी चुत पर उन्मुक्त मर्द का हाथ खेलना शुरू कर दे, तब कामांध औरत का क्या हाल होता है ठीक वैसा ही इस समय मोना भाभी का हो रहा था.
कुछ ही पलों में भाभी की मादक सिसकारियां एकदम से बढ़ने लगी थीं. क्योंकि इस समय मैं सीधा उनकी चूत को मसल रहा था. इससे मोना भाभी गर्म होते हुए बेकाबू हुए जा रही थीं.
एक मिनट तक भाभी की चुत रगड़ने के बाद उनकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो गई थी. भाभी की मदभरी आवाजों को सुन कर मेरे लंड की भी हालत खराब हो रही थी.
मैंने उसी वक्त भाभी को पीठ के बल बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. मैं एक बार फिर से उनके होंठों के रस को चूसने लगा. मोना भाभी भी मस्ती में थीं और मेरा पूरी तरह से साथ दे रही थीं.
कुछ पल ऐसे ही मोना के होंठों को चूमने चूसने के बाद मैंने पागलों की तरह जल्दी जल्दी चूमना शुरू कर दिया. कभी कान पर, तो कभी गाल पर, तो कभी गर्दन पर … बस जोर जोर से चूमने लगा था. जिससे मोना भाभी की उत्तेजना और भी ज्यादा हो गई और वो जोर जोर से सिसकारियां निकालने लगीं.
‘ओह … अअह … हहहह … यश ..’
मैं मोना भाभी को चूमते हुए उनके चुचों के पास आ गया.
जैसे ही मैं उनके एक चुचे को अपने मुँह से लगाया, मोना भाभी की एक तेज कराह निकली- आह … आहहह … खा ले यश … आह
भाभी ने अपने दोनों हाथ से मेरे बालों को पकड़ कर अपने चूचे पर दबा लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.