17-06-2022, 04:55 PM
ये कहते हुए मोना भाभी मेरे बालों को अपने दोनों हाथों को सहला रही थीं. उनकी मस्ती के मारे आंखें बंद हो रही थीं.
मैंने अब भाभी के ब्लाउज़ के ऊपर से ही उनके चुचों को मुँह में दबा कर चुभलाना शुरू कर दिया था. कभी कभी उनके निप्पल को ब्लाउज़ के ऊपर से ही पकड़ कर खींच लेता, तो मोना भाभी एकदम से सिसक उठतीं.
फिर मैंने अपने हाथ को धीरे से नीचे ले जाते हुए भाभी के पेट को जैसे ही सहलाया, मोना भाभी आह करते हुए हल्की सी ऊपर को हो गईं.
अगले ही पल मैंने एक हाथ को मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी चूत पर रख दिया और चुत को सहलाने लगा.
उनकी टांगें ऐसे भिंच गईं, जैसे वो अपनी चुत को मुझसे छिपाना चाह रही हों. ऊपर मैंने एक हाथ से उनके एक चुचे को पकड़ कर हॉर्न जैसे दबा दिया.
साथ ही मेरे होंठ भाभी के होंठों पर कस गए और मैं उनके कोमल होंठों का रस भी चूसने लगा.
इस वक्त तो मैं क्या बताऊं दोस्तो, हम दोनों को ही इतना मजा आ रहा था कि हम दोनों जन्नत का मजा ले रहे थे.
अभी तो ये खेल हमारे कपड़ों के ऊपर से ही हो रहा था. मोना भाभी सेक्स के मजे में मानो डूब गई थीं.
उन्हें होश ही नहीं था कि वो किस लोक में विचर रही हैं.
मुझे इतना मजा जब बिना कपड़े उतारे आ रहा था, तो उनें नंगी करके जब मैं भाभी की चुत चुदाई करूंगा, तो क्या होगा.
मैंने मोना भाभी को मोड़ कर करवट दिला दी और उन्हें औंधा करके पेट के बल लेटा दिया; पीछे से उनके ब्लाउज़ को खोल दिया. उनकी नंगी हो चुकी पीठ को मैं चूमने ओर चाटने लगा.
मोना भाभी को इस सबसे काफी अच्छा लग रहा था; वो आंखें बंद किए मादक आवाजें भरते हुए मजा ले रही थीं.
अब मैंने अपनी तौलिया निकाल दी. तौलिया के नीचे मैंने कुछ नहीं पहना था.
मेरा नंगा कड़क लंड भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड की दरार में रगड़ने लगा था.
मैं नीचे लंड रगड़ रहा था और ऊपर उनके कानों को भी चूम रहा था.
मैंने जब मोना भाभी के ब्लाउज़ को खोला था, तो देखा था कि भाभी ने ब्रा भी पहनी हुई थी. उनकी रेशमी ब्रा लाल रंग की थी.
मैं उसकी पीठ को चूमते हुए नीचे आता जा रहा था. मैं लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड को चूमता हुआ, उनकी जांघों पर हाथ फेर रहा था.
इसी तरह भाभी के कटि प्रदेश से चूमता हुआ नीचे आ गया.
नीचे आकर मैंने एक हाथ से मोना भाभी के लहंगे को ऊपर कर दिया. मोना भाभी ने अन्दर लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
मैं देर न करते हुए भाभी की टांगों को चूमते हुए फिर से को ऊपर आने लगा.
इस बार मेरे हाथ से उनका लहंगा भी ऊपर आता जा रहा था.
मैं ऊपर को आकर अपने दोनों हाथों से उनके मस्त चूतड़ों को मसलने लगा.
मोना भाभी मेरी इन सब हरकतों से काफी आनन्दित लग रही थीं, इसलिए वो अपने आंखें बंद किए हुए आने वाले पलों का इंतजार कर रही थीं.
भाभी मेरी सारी हरकतों को अपने जीवन में अब तक का सबसे बढ़िया समागम महसूस कर रही थीं.
वो कहे जा रही थीं- आह जानू … तुमने मुझे ये क्या कर दिया … अह … करते रहो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है यश आह.
उनकी इन बातों से मैं और भी अधिक जोश में आता जा रहा था.
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने भाभी को सीधा खड़ा होने का कहा.
भाभी खड़ी हो गईं.
मोना भाभी अभी सिर्फ लहंगे और पैंटी में थीं. वो मेरी आंखों में वासना से देखते हुए मेरे अगले कदम का बेसब्री से इंतजार करते दिख रही थीं.
वो ज्यादा कुछ बोल नहीं रही थी, बस वो आज सब हरकतों को दिल से फील कर रही थीं.
मैंने अब भाभी के ब्लाउज़ के ऊपर से ही उनके चुचों को मुँह में दबा कर चुभलाना शुरू कर दिया था. कभी कभी उनके निप्पल को ब्लाउज़ के ऊपर से ही पकड़ कर खींच लेता, तो मोना भाभी एकदम से सिसक उठतीं.
फिर मैंने अपने हाथ को धीरे से नीचे ले जाते हुए भाभी के पेट को जैसे ही सहलाया, मोना भाभी आह करते हुए हल्की सी ऊपर को हो गईं.
अगले ही पल मैंने एक हाथ को मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी चूत पर रख दिया और चुत को सहलाने लगा.
उनकी टांगें ऐसे भिंच गईं, जैसे वो अपनी चुत को मुझसे छिपाना चाह रही हों. ऊपर मैंने एक हाथ से उनके एक चुचे को पकड़ कर हॉर्न जैसे दबा दिया.
साथ ही मेरे होंठ भाभी के होंठों पर कस गए और मैं उनके कोमल होंठों का रस भी चूसने लगा.
इस वक्त तो मैं क्या बताऊं दोस्तो, हम दोनों को ही इतना मजा आ रहा था कि हम दोनों जन्नत का मजा ले रहे थे.
अभी तो ये खेल हमारे कपड़ों के ऊपर से ही हो रहा था. मोना भाभी सेक्स के मजे में मानो डूब गई थीं.
उन्हें होश ही नहीं था कि वो किस लोक में विचर रही हैं.
मुझे इतना मजा जब बिना कपड़े उतारे आ रहा था, तो उनें नंगी करके जब मैं भाभी की चुत चुदाई करूंगा, तो क्या होगा.
मैंने मोना भाभी को मोड़ कर करवट दिला दी और उन्हें औंधा करके पेट के बल लेटा दिया; पीछे से उनके ब्लाउज़ को खोल दिया. उनकी नंगी हो चुकी पीठ को मैं चूमने ओर चाटने लगा.
मोना भाभी को इस सबसे काफी अच्छा लग रहा था; वो आंखें बंद किए मादक आवाजें भरते हुए मजा ले रही थीं.
अब मैंने अपनी तौलिया निकाल दी. तौलिया के नीचे मैंने कुछ नहीं पहना था.
मेरा नंगा कड़क लंड भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड की दरार में रगड़ने लगा था.
मैं नीचे लंड रगड़ रहा था और ऊपर उनके कानों को भी चूम रहा था.
मैंने जब मोना भाभी के ब्लाउज़ को खोला था, तो देखा था कि भाभी ने ब्रा भी पहनी हुई थी. उनकी रेशमी ब्रा लाल रंग की थी.
मैं उसकी पीठ को चूमते हुए नीचे आता जा रहा था. मैं लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड को चूमता हुआ, उनकी जांघों पर हाथ फेर रहा था.
इसी तरह भाभी के कटि प्रदेश से चूमता हुआ नीचे आ गया.
नीचे आकर मैंने एक हाथ से मोना भाभी के लहंगे को ऊपर कर दिया. मोना भाभी ने अन्दर लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
मैं देर न करते हुए भाभी की टांगों को चूमते हुए फिर से को ऊपर आने लगा.
इस बार मेरे हाथ से उनका लहंगा भी ऊपर आता जा रहा था.
मैं ऊपर को आकर अपने दोनों हाथों से उनके मस्त चूतड़ों को मसलने लगा.
मोना भाभी मेरी इन सब हरकतों से काफी आनन्दित लग रही थीं, इसलिए वो अपने आंखें बंद किए हुए आने वाले पलों का इंतजार कर रही थीं.
भाभी मेरी सारी हरकतों को अपने जीवन में अब तक का सबसे बढ़िया समागम महसूस कर रही थीं.
वो कहे जा रही थीं- आह जानू … तुमने मुझे ये क्या कर दिया … अह … करते रहो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है यश आह.
उनकी इन बातों से मैं और भी अधिक जोश में आता जा रहा था.
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने भाभी को सीधा खड़ा होने का कहा.
भाभी खड़ी हो गईं.
मोना भाभी अभी सिर्फ लहंगे और पैंटी में थीं. वो मेरी आंखों में वासना से देखते हुए मेरे अगले कदम का बेसब्री से इंतजार करते दिख रही थीं.
वो ज्यादा कुछ बोल नहीं रही थी, बस वो आज सब हरकतों को दिल से फील कर रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
