17-06-2022, 04:54 PM
मैंने भाभी को अपनी गोद में लिए हुए था. तो उनको चूम कर उनके रूम में ले गया. रूम में ले जाकर मैंने भाभी को बेड पर बैठा दिया.
अब मैंने कहा- भाभी मेरी एक ख्वाहिश है … जो सिर्फ आप ही पूरी कर सकती हो.
मोना भाभी बोलीं- अब बोलोगे भी कि क्या ख्वाहिश है.
मैंने कहा कि मुझे आपको भाभी के रूप में नहीं. बल्कि आपको दुल्हन बना कर प्यार करना है.
भाभी बोलीं- ठीक है, तुम ये तौलिया पहन कर नीचे चले जाओ. जब मैं आवाज लगाऊं … तब आना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा भाभी ने कहा था.
मैं नीचे चला गया.
करीब 20 से 25 मिनट हुए होंगे कि मोना भाभी ने आवाज लगा दी- यश ऊपर आ जाओ.
मैं जैसे ही ऊपर गया, तो दरवाजा लगा हुआ था.
मैंने दरवाजा खोला तो मोना भाभी बेड पर बैठी हुई थीं और उन्होंने अपनी शादी का लहंगा चोली पहना हुआ था. चुनरी से घूंघट डाल रखा था.
मैंने जल्दी से दरवाजे को बंद किया और मोना भाभी के पास जाकर बैठ गया. मैंने मोना भाभी के घूंघट को अपने दोनों हाथों से ऊपर किया और उन्हें निहारा.
भाभी इतनी सुंदर लग रही थीं कि मेरे पास उनकी खूबसूरती को बयान करने के लिए कोई शब्द ही नहीं है.
मोना भाभी ने लाल रंग की चोली और लहंगा पहना हुआ था. उन्होंने होंठों को भी लाल किया हुआ था और एक छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी. आंखों में लाइनर लगाया हुआ था.
इसके अतिरिक्त और कोई मेकअप नहीं किया हुआ था.
भाभी एकदम सिंपल सी, पर लाखों में एक लग रही थीं.
मुझे तो ये कोई सपना सा लग रहा था. मैंने मोना भाभी के चेहरे को अपने एक हाथ को ऊपर किया. भाभी मुझे देख रही थीं.
मैंने कहा- भाभी, सच में आप कितनी सुंदर लग रही हो.
मोना भाभी बोलीं- भाभी नहीं … सिर्फ मोना कहो.
मैंने कहा- ठीक है मेरी जान!
मैंने मोना भाभी के हाथों को अपने हाथों में लिया और उसको धन्यवाद बोला.
अब मैंने एक हाथ भाभी के गाल पर रखा और उनके रसीले लाल होंठों का रस पीने लगा.
मोना भाभी भी अब मेरा साथ देने में कोई संकोच नहीं कर रही थीं.
कुछ ही देर में मैंने भाभी को लेटा दिया और उनके ऊपर आकर कभी उनके गालों को चूमता, तो कभी उनकी गर्दन को जोर जोर से चूसता चूमता, जिससे मोना भाभी को भी बहुत अच्छा लग रहा था.
मैं अब अपने आपे में ही नहीं था. मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था … बस मुझे मोना भाभी ही दिख रही थीं. बौराया सा मैं भाभी के ऊपर चढ़ा हुआ कभी उनके होंठों को चूमता चूसता तो कभी उसके कानों के पीछे अपनी जीभ से सहलाने लगता, तो कभी उनकी गर्दन को जीभ से चाटते हुए गीला कर रहा था.
ये सब करते हुए भाभी एकदम मस्त हो गई थीं. उन्होंने नीचे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया था जिससे लंड एकदम टाइट हो गया था.
मेरा लंड मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी चूत को दबा रहा था.
साथ ही साथ मेरे दोनों हाथ कभी भाभी के चुचों को ब्लाउज़ के ऊपर से सहलाते, तो कभी उनकी कमर को मसलने लगते, जिससे मोना भाभी के ऊपर बहुत मस्ती छाने लगी.
भाभी की मादक आवाजें आने लगीं- आह यश … मेरी जान आज तुमने ये क्या कर दिया … मुझे अभी तक सूरज ने भी ऐसा प्यार नहीं किया है.
अब मैंने कहा- भाभी मेरी एक ख्वाहिश है … जो सिर्फ आप ही पूरी कर सकती हो.
मोना भाभी बोलीं- अब बोलोगे भी कि क्या ख्वाहिश है.
मैंने कहा कि मुझे आपको भाभी के रूप में नहीं. बल्कि आपको दुल्हन बना कर प्यार करना है.
भाभी बोलीं- ठीक है, तुम ये तौलिया पहन कर नीचे चले जाओ. जब मैं आवाज लगाऊं … तब आना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा भाभी ने कहा था.
मैं नीचे चला गया.
करीब 20 से 25 मिनट हुए होंगे कि मोना भाभी ने आवाज लगा दी- यश ऊपर आ जाओ.
मैं जैसे ही ऊपर गया, तो दरवाजा लगा हुआ था.
मैंने दरवाजा खोला तो मोना भाभी बेड पर बैठी हुई थीं और उन्होंने अपनी शादी का लहंगा चोली पहना हुआ था. चुनरी से घूंघट डाल रखा था.
मैंने जल्दी से दरवाजे को बंद किया और मोना भाभी के पास जाकर बैठ गया. मैंने मोना भाभी के घूंघट को अपने दोनों हाथों से ऊपर किया और उन्हें निहारा.
भाभी इतनी सुंदर लग रही थीं कि मेरे पास उनकी खूबसूरती को बयान करने के लिए कोई शब्द ही नहीं है.
मोना भाभी ने लाल रंग की चोली और लहंगा पहना हुआ था. उन्होंने होंठों को भी लाल किया हुआ था और एक छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी. आंखों में लाइनर लगाया हुआ था.
इसके अतिरिक्त और कोई मेकअप नहीं किया हुआ था.
भाभी एकदम सिंपल सी, पर लाखों में एक लग रही थीं.
मुझे तो ये कोई सपना सा लग रहा था. मैंने मोना भाभी के चेहरे को अपने एक हाथ को ऊपर किया. भाभी मुझे देख रही थीं.
मैंने कहा- भाभी, सच में आप कितनी सुंदर लग रही हो.
मोना भाभी बोलीं- भाभी नहीं … सिर्फ मोना कहो.
मैंने कहा- ठीक है मेरी जान!
मैंने मोना भाभी के हाथों को अपने हाथों में लिया और उसको धन्यवाद बोला.
अब मैंने एक हाथ भाभी के गाल पर रखा और उनके रसीले लाल होंठों का रस पीने लगा.
मोना भाभी भी अब मेरा साथ देने में कोई संकोच नहीं कर रही थीं.
कुछ ही देर में मैंने भाभी को लेटा दिया और उनके ऊपर आकर कभी उनके गालों को चूमता, तो कभी उनकी गर्दन को जोर जोर से चूसता चूमता, जिससे मोना भाभी को भी बहुत अच्छा लग रहा था.
मैं अब अपने आपे में ही नहीं था. मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था … बस मुझे मोना भाभी ही दिख रही थीं. बौराया सा मैं भाभी के ऊपर चढ़ा हुआ कभी उनके होंठों को चूमता चूसता तो कभी उसके कानों के पीछे अपनी जीभ से सहलाने लगता, तो कभी उनकी गर्दन को जीभ से चाटते हुए गीला कर रहा था.
ये सब करते हुए भाभी एकदम मस्त हो गई थीं. उन्होंने नीचे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया था जिससे लंड एकदम टाइट हो गया था.
मेरा लंड मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी चूत को दबा रहा था.
साथ ही साथ मेरे दोनों हाथ कभी भाभी के चुचों को ब्लाउज़ के ऊपर से सहलाते, तो कभी उनकी कमर को मसलने लगते, जिससे मोना भाभी के ऊपर बहुत मस्ती छाने लगी.
भाभी की मादक आवाजें आने लगीं- आह यश … मेरी जान आज तुमने ये क्या कर दिया … मुझे अभी तक सूरज ने भी ऐसा प्यार नहीं किया है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
