17-06-2022, 04:53 PM
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आज मुझे भाभी ने फिर से प्रीत भाभी की याद दिला दी थी. सच में क्या मस्त माल लग रही थीं.
इस वक्त मोना भाभी ब्रा पैंटी में ऐसी लग रही थीं जैसे कोई अप्सरा हो. एकदम दूध सा गोरा-चिट्टा मखमल जैसा बदन, भरे हुए चुचे ब्रा से बाहर आने को आतुर हो रहे थे और नीचे उनकी कोमल कोमल चिकनी टांगें मेरे लंड की मां चोदने को उतारू थीं.
ऊपर से भाभी एकदम गीली थीं, जो कि भाभी के हुस्न को चार चांद लगा रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं एकदम से भाभी की गर्दन और सीने पर किस करने लगा.
मोना भाभी और भी जोर से खुल कर सिसकारियां लेने लगीं- ऊऊहह ऊह्ह!
कुछ ही देर में भाभी काफी गर्म हो चुकी थीं. भाभी को कितना मजा आ रहा था ये साफ़ पता चल रहा था.
मोना भाभी ने अपना हाथ मेरे लोअर के ऊपर से ही लंड को सहला दिया.
मैं अभी लोअर उतारने की सोच ही रहा था कि अगले ही पल भाभी ने मेरे लोअर के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को निकाल लिया.
वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगीं.
मैंने भी भाभी की ब्रा उतार दी. मोना भाभी के चुचे जैसे इसी आज़ादी के लिए बेताब हो रहे थे.
आज मुझे दूसरी बार भाभी के इतने गोरे-चिट्टे चुचों के खुले दर्शन हो रहे थे.
पहली बार में लगभग आधे दिख सके थे, मगर आज तो मानो लंका में आग लग गई थी. घर में भी कोई नहीं था जो रोक-टोक करता.
मैंने अगले ही पल भाभी की गर्दन पर जोर जोर से चूमना चालू कर दिया. साथ ही अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा.
इससे मोना भाभी और भी गर्म हो गई और सेक्सी आवाजें भरने लगीं- ओहह हहह … अअ अहहह!
कुछ ही देर ऐसे करने के बाद मैंने मोना भाभी की पैंटी को भी उतार दिया और साथ मैंने अपनी लोअर टी-शर्ट और अंडरवियर को भी उतार दिया.
हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे थे.
भाभी का इतना सेक्सी बदन देख कर मुझे अपने आप पर काबू करना बहुत मुश्किल हो रहा था. पर पता नहीं कैसे रोक सका अपने आपको.
मेरी नीचे नजर गई, तो भाभी की चूत पर हल्के हल्के बाल थे और चूत एकदम गुलाबी सी थी. मेरा मन किया कि अभी चुत को खा जाऊं.
इस बार मैं अपने आपको सम्भाल नहीं पाया और एक झटके में नीचे बैठ कर मोना भाभी की टांगों को खोल दिया. भाभी की टांगें क्या खुलीं … जन्नत आ दरवाजा लपलप करता हुआ सामने आ गया. मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ से दाना चाट लिया.
जैसे ही भाभी की चूत पर मेरा मुँह लगा, भाभी की सिसकारी निकल गई.
मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों से भाभी की टांगों को पकड़ा और उनकी पिघलती चूत की फांकों के बीचे में जीभ रगड़ दी.
इससे भाभी मस्ता गईं और उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं.
मैंने उसी वक्त उनकी टांगों को छोड़ा और चुत की दोनों पुत्तियों को पकड़ कर अगल अलग तरफ खींच लिया.
इससे भाभी की चूत का छेद बड़े आराम से देखा जा सकता था.
अन्दर का गुलाबी रंगत लिए हुए गुफा का दृश्य दिखने लगा था.
मैंने भाभी की चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाना शुरू किया तो भाभी की कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं.
वो मेरे बालों को सहला रही थीं और आह आह कर रही थीं.
मैं भाभी की चूत के दाने को कभी कभी जब अपने होंठों में दबा कर खींचता तो भाभी गांड आगे करके उछल सी पड़तीं.
मैंने पूरे मनोयोग से भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. साथ ही अपनी दो उंगलियों से दाने को भी जोर जोर से मींजने लगा.
मेरी इस हरकत से तो भाभी पागलों की तरह आवाजें लेने लगीं.
मुझे भाभी की चूत की गर्माहट साफ़ महसूस हो रही थी.
मैं कुछ देर चुत चाटने के बाद वापस खड़ा हुआ और उनके चुचों को बारी बारी से मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. एक हाथ से एक चुचे को दबाता और दूसरे को चूसता. इसी के साथ खाली हाथ से अगले ही पल उनकी चुत को भी जोर जोर से रगड़ने लगता.
इधर भाभी भी मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़े हुए आगे पीछे किए जा रही थीं.
जब मैं भाभी की चूत को तेज तेज मसलने लगा तो वो भी मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगीं.
कुछ ही देर में हम दोनों शांत हो गए और नहा कर बिना कपड़ों के ही भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और उनके रूम में ले जाने लगा.
आज मुझे अपना सपना पूरा करना था. मैं उनको दुल्हन बना कर चोदना चाहता था.
मैंने रुकते हुए कहा- भाभी, आप एक काम करोगी? मना मत करना.
भाभी बोलीं- क्या काम … और रुक क्यों गए?
आज मुझे भाभी ने फिर से प्रीत भाभी की याद दिला दी थी. सच में क्या मस्त माल लग रही थीं.
इस वक्त मोना भाभी ब्रा पैंटी में ऐसी लग रही थीं जैसे कोई अप्सरा हो. एकदम दूध सा गोरा-चिट्टा मखमल जैसा बदन, भरे हुए चुचे ब्रा से बाहर आने को आतुर हो रहे थे और नीचे उनकी कोमल कोमल चिकनी टांगें मेरे लंड की मां चोदने को उतारू थीं.
ऊपर से भाभी एकदम गीली थीं, जो कि भाभी के हुस्न को चार चांद लगा रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं एकदम से भाभी की गर्दन और सीने पर किस करने लगा.
मोना भाभी और भी जोर से खुल कर सिसकारियां लेने लगीं- ऊऊहह ऊह्ह!
कुछ ही देर में भाभी काफी गर्म हो चुकी थीं. भाभी को कितना मजा आ रहा था ये साफ़ पता चल रहा था.
मोना भाभी ने अपना हाथ मेरे लोअर के ऊपर से ही लंड को सहला दिया.
मैं अभी लोअर उतारने की सोच ही रहा था कि अगले ही पल भाभी ने मेरे लोअर के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को निकाल लिया.
वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगीं.
मैंने भी भाभी की ब्रा उतार दी. मोना भाभी के चुचे जैसे इसी आज़ादी के लिए बेताब हो रहे थे.
आज मुझे दूसरी बार भाभी के इतने गोरे-चिट्टे चुचों के खुले दर्शन हो रहे थे.
पहली बार में लगभग आधे दिख सके थे, मगर आज तो मानो लंका में आग लग गई थी. घर में भी कोई नहीं था जो रोक-टोक करता.
मैंने अगले ही पल भाभी की गर्दन पर जोर जोर से चूमना चालू कर दिया. साथ ही अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा.
इससे मोना भाभी और भी गर्म हो गई और सेक्सी आवाजें भरने लगीं- ओहह हहह … अअ अहहह!
कुछ ही देर ऐसे करने के बाद मैंने मोना भाभी की पैंटी को भी उतार दिया और साथ मैंने अपनी लोअर टी-शर्ट और अंडरवियर को भी उतार दिया.
हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे थे.
भाभी का इतना सेक्सी बदन देख कर मुझे अपने आप पर काबू करना बहुत मुश्किल हो रहा था. पर पता नहीं कैसे रोक सका अपने आपको.
मेरी नीचे नजर गई, तो भाभी की चूत पर हल्के हल्के बाल थे और चूत एकदम गुलाबी सी थी. मेरा मन किया कि अभी चुत को खा जाऊं.
इस बार मैं अपने आपको सम्भाल नहीं पाया और एक झटके में नीचे बैठ कर मोना भाभी की टांगों को खोल दिया. भाभी की टांगें क्या खुलीं … जन्नत आ दरवाजा लपलप करता हुआ सामने आ गया. मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ से दाना चाट लिया.
जैसे ही भाभी की चूत पर मेरा मुँह लगा, भाभी की सिसकारी निकल गई.
मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों से भाभी की टांगों को पकड़ा और उनकी पिघलती चूत की फांकों के बीचे में जीभ रगड़ दी.
इससे भाभी मस्ता गईं और उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं.
मैंने उसी वक्त उनकी टांगों को छोड़ा और चुत की दोनों पुत्तियों को पकड़ कर अगल अलग तरफ खींच लिया.
इससे भाभी की चूत का छेद बड़े आराम से देखा जा सकता था.
अन्दर का गुलाबी रंगत लिए हुए गुफा का दृश्य दिखने लगा था.
मैंने भाभी की चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाना शुरू किया तो भाभी की कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं.
वो मेरे बालों को सहला रही थीं और आह आह कर रही थीं.
मैं भाभी की चूत के दाने को कभी कभी जब अपने होंठों में दबा कर खींचता तो भाभी गांड आगे करके उछल सी पड़तीं.
मैंने पूरे मनोयोग से भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. साथ ही अपनी दो उंगलियों से दाने को भी जोर जोर से मींजने लगा.
मेरी इस हरकत से तो भाभी पागलों की तरह आवाजें लेने लगीं.
मुझे भाभी की चूत की गर्माहट साफ़ महसूस हो रही थी.
मैं कुछ देर चुत चाटने के बाद वापस खड़ा हुआ और उनके चुचों को बारी बारी से मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. एक हाथ से एक चुचे को दबाता और दूसरे को चूसता. इसी के साथ खाली हाथ से अगले ही पल उनकी चुत को भी जोर जोर से रगड़ने लगता.
इधर भाभी भी मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़े हुए आगे पीछे किए जा रही थीं.
जब मैं भाभी की चूत को तेज तेज मसलने लगा तो वो भी मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगीं.
कुछ ही देर में हम दोनों शांत हो गए और नहा कर बिना कपड़ों के ही भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और उनके रूम में ले जाने लगा.
आज मुझे अपना सपना पूरा करना था. मैं उनको दुल्हन बना कर चोदना चाहता था.
मैंने रुकते हुए कहा- भाभी, आप एक काम करोगी? मना मत करना.
भाभी बोलीं- क्या काम … और रुक क्यों गए?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.