17-06-2022, 04:41 PM
नयी नवेली पड़ोसन भाभी को चोदने की लालसा
उस घर में 4 लोग रहते हैं. भईया भाभी और उनके मम्मी पापा.
जो भईया हैं, उनका नाम सूरज है. उनकी उम्र यही कोई 30 साल के आस-पास है. भैया मुझसे दो साल बड़े हैं. जबकि भाभी मुझसे एक साल छोटी हैं. भाभी का नाम मोना है.
मोना भाभी दिखने में बहुत सेक्सी हैं. उनका बदन एकदम भरा हुआ है … फुल गोरी-चिट्टी हैं. भाभी का फिगर 32-28-34 का है. उनकी गोल गांड देखकर मन करता है कि बस भाभी के पीछे से शुरू हो जाओ और उनकी चुदाई करना चालू कर दो.
सूरज भैया की शादी हुए एक साल से ज्यादा हो गया है, पर भाभी अभी भी ऐसी ही लगती हैं कि उनकी आज ही शादी हुई हो.
सच बताऊं तो मोना भाभी की चुदाई का सपना मैंने उस वक्त ही देख लिया था, जब भैया से उनकी रिश्ते की बात चल रही थी. मैंने उस वक्त केवल मोना भाभी की फोटो देखी थी. उनकी फोटो देख कर ही मैं मस्त हो गया था.
मैंने उसी समय अपने मन में सोच लिया था कि यदि इनकी शादी सूरज भैया से हुई और अगर ये यहां आईं, तो इनको अपने लौड़े के नीचे करने के लिए जो भी मुझसे बन पड़ेगा, वो करूंगा.
सूरज भैया की शादी भाभी से तय हो गई. मैं मन बनाने लगा कि किसी भी तरह से भाभी को सैट करना ही है.
शादी वाले दिन मैंने मोना भाभी को देखा तो मुठ मारे बिना रह ही नहीं पाया.
भाभी की शादी फरवरी में हुई थी और उस टाइम ठंड भी थी. मैं बस मोना भाभी के संग सुहागरात मनाने के सपने देख रहा था.
शादी हुई, सब घर आ गए.
दो दिन बाद मैं भी उनसे मिला. सूरज भईया ने मुझसे भाभी को अकेले में तब मिलवाया, जब सब मेहमान चले गए.
उस समय मोना भाभी ने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
मेरे आने पर भाभी अपने मुँह को घूंघट से ढकने लगीं.
तो सूरज भईया बोले- अरे ये तो तुम्हारा देवर है … इससे क्या पर्दा करना.
मैंने कहा- हैलो भाभी, मेरा नाम यश है.
मोना भाभी बोलीं- हैलो … मेरा नाम तो आप जानते ही होंगे.
भाभी की आवाज भी बहुत प्यारी थी.
मैंने कहा- हां भाभी, आपका नाम मालूम है. आपको घर पसंद आया?
थोड़ा रुकने के बाद भाभी हल्की सी आवाज में बोलीं- हां अच्छा है.
इतने में सूरज भईया बोले- मोना ये तुम्हारा देवर और मेरा ख़ास दोस्त जैसा भाई. तुम्हें कोई भी बात करनी हो, सामान मंगाना हो तो मुझे नहीं, तुम यश को बोल देना.
फिर मैंने कहा- चलो आप लोग टाइम बिताओ … मैं बाद में आऊंगा.
मैं वापस आ रहा था, तो आंखों में भाभी का ही चेहरा था. जैसे तैसे मन को मना कर घर वापस आ गया.
अब बस ये ही था कि भाभी की नजर में आना है और उनको अपने करीब लाना है.
टाइम बीतता गया … चार महीने हो गए थे. मोना भाभी और हम दोनों में अच्छी बनने लगी थी.
मुझे उनका मोबाइल नंबर भी मिल गया था, तो जब भी भाभी खाली होतीं, वो मुझे बुला लेतीं या हम दोनों की फोन पर बात होने लगती थी.
भाभी को मैंने बहुत बार छत पर बाल सुखाते हुए देखा भी था, वो इतनी हॉट लगती थीं कि मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाता था और किसी न किसी बहाने उनके पास चला जाता.
उनको छूता तो एक अलग ही फीलिंग आती थी … मेरा लंड सलामी देने लग जाता था.
मेरे दिमाग में बस ये था कि कैसे भाभी की चुदाई करने को मिले. मोना भाभी को ऐसे देख देख कर मुझसे रहा नहीं जाता था.
दो महीने और बीत गए. मुझे इतना टाइम इसलिए लग रहा था कि घर के पास की बात थी और मैं कोई गलती नहीं करना चाहता था.
इससे पहले कई चूतें मेरे लौड़े को मिली थीं मगर भाभी को चोदने के लिए मेरा एक जुनून और सपना था, जिस वजह से मैं कुछ ख़ास सावधानी बरत रहा था.
मैं मोना भाभी जैसी भरी हुई माल को तो गलती से भी नहीं खोना चाहता था, इसलिए कोई भी जल्दी नहीं कर रहा था.
अभी तक भाभी ने मुझसे कोई सेक्स की बात नहीं की थी, तो मैं भी नार्मल बात करता था.
एक दिन मौसम भी ठीक ही था … न गर्मी, न ठंडी थी. ये सितंबर का महीना चल रहा था.
मैं और भाभी बातें कर रहे थे.
उस दिन भाभी ने हल्के पीले रंग की नेट वाली साड़ी पहनी हुई थी.
इस साड़ी में उनके चूचे बड़े ही मदहोश करने वाले और कातिलाना लग रहे थे.
बातों बातों में भाभी ने पूछा- एक बात पूछ सकती हूँ … बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने भी मजे लेते हुए कहा- भाभी आप भी न … आपसे बुरा मान कर मैं कहां जाऊंगा. आपको देखना भी तो होता है ना, तभी तो हम ज़िंदा हैं.
भाभी हंस कर बोलीं- तुम भी न …
मैं हंस दिया.
फिर भाभी बोलीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- इस बंदे को कोई लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाएगी भी?
तो मोना भाभी बोलीं- हां क्यों नहीं. क्या मेरा देवर कुछ कम है. तुम हैंडसम हो … स्मार्ट हो … और किसी लड़की को क्या चाहिए!
मैंने पूछा- आपको मैं कैसा लगता हूँ?
भाभी बोलीं- बहुत अच्छे लगते हो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.