17-06-2022, 04:26 PM
भाभी ने मुझसे छुट कर कपड़े पहने। मैंने भी अपने को सही किया और बाहर चला गया।
हम तैयार होकर लॉन में चले गए दीदी को विदाई करके बरेली आ गए।
हमारा मिलना बहुत ही कम हो पाता था क्योंकि हम दोनों के घर में कोई न कोई होता ही था।
ठीक एक महीने बाद मेरे घर वालों को शहर से बाहर जागरण में जाना था जिसमें मैंने जाने से मना कर दिया था।
उस दिन पहले तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को आने के लिए कॉल की. पर उसके पीरियड्स चल रहे थे तो उसने मना कर दिया.
फिर मैंने भाभी को मैसेज किया तो भाभी ने कहा- आपकी किस्मत कुछ ज्यादा ही अच्छी है. कल ही मेरे पीरियड्स खत्म हुए हैं, आती हूँ कोई बहाना करके।
एक घन्टे में भाभी फ्रैंड के यहाँ बर्थडे पार्टी की बोल कर मेरे घर आ गई। भाभी आज ब्लैक कलर की साडी़ में थी। आकर अपना मंगलसूत्र उतार कर रख दिया और मुझे चुम्बन किया।
मेरे मन में कुछ प्लानिंग सूझी कि हम आज शादी ही कर लेते हैं।
मैंने भाभी से बैठने को कहा और पूजा वाले कमरे को बन्द करके हवनकुंड जला कर भाभी को बुला लिया।
मैंने उन्हें अपनी शादी करने का प्लान बताया जो उन्हें अच्छा लगा। हमने सात फेरे लिए उनकी माँग में सिन्दूर भी भरा और उनका मंगलसूत्र पहना कर कहा- अब आपको इसे हर बार उतारने की जरुरत नहीं।
भाभी इस बात से खुश हुई और बोली- आज से आप मेरे पति देव हैं और मैं आपकी पत्नी. अब आप मुझे भाभी कहना छोड़ दीजिए, मुझे मेरे नाम से बुलाइएगा जब भी हम अकेले होंगे। अब शादी तो हो गई सुहागरात का क्या प्लान है?
मैं- चलो मेरे रूम में भाभी।
भाभी- भाभी?
मैं- मतलब पायल।
फिर मैं उन्हें गोद में उठा कर अपने रूम में ले गया, वहां मैंने उनकी साडी़ खोल दी, पेटीकोट और ब्लाउज भी उतार दिया। उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पैन्टी पहन रखी थी। उसे भी उतार दिया, उसके बाद देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं।
मैं- शेव कर ली?
भाभी- आपके लिए।
मुझसे रूका नहीं गया और मैं भाभी की चूत चाटने लगा। इस बार भाभी अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में दबा रही थी.
10 मिनट में वो झड़ गई और उनका रस पी गया।
मैंने अपने कपड़े उतार कर उनसे फिर लन्ड चूसने के लिए कहा. इस बार वो मान गई लेकिन एक शर्त पर कि वो मेरा वीर्य नहीं पीएंगी.
और घुटनों के बल बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी।
भाभी बहुत अच्छे से मेरा लन्ड चूस रही थी।
लेकिन झड़ते समय मैंने भाभी के साथ थोड़ी चिटिगं कर दी कि उनका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर दबा दिया और सारा वीर्य उनके मुंह के अन्दर छोड़ दिया उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जब तक वो सारा वीर्य पी नहीं गयी।
उसके बाद भाभी बोलीं- इटस् टेस्टी।
मैंने उनसे गांड मारने के लिए भी पूछा तो उन्होंने कहा- वो तो कभी भी नहीं।
फिर हमारी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया और शाम हो गई। खाना हमने आनलाइन आर्डर कर दिया, खाना खा खाकर वो घर चली गई।
हम तैयार होकर लॉन में चले गए दीदी को विदाई करके बरेली आ गए।
हमारा मिलना बहुत ही कम हो पाता था क्योंकि हम दोनों के घर में कोई न कोई होता ही था।
ठीक एक महीने बाद मेरे घर वालों को शहर से बाहर जागरण में जाना था जिसमें मैंने जाने से मना कर दिया था।
उस दिन पहले तो मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को आने के लिए कॉल की. पर उसके पीरियड्स चल रहे थे तो उसने मना कर दिया.
फिर मैंने भाभी को मैसेज किया तो भाभी ने कहा- आपकी किस्मत कुछ ज्यादा ही अच्छी है. कल ही मेरे पीरियड्स खत्म हुए हैं, आती हूँ कोई बहाना करके।
एक घन्टे में भाभी फ्रैंड के यहाँ बर्थडे पार्टी की बोल कर मेरे घर आ गई। भाभी आज ब्लैक कलर की साडी़ में थी। आकर अपना मंगलसूत्र उतार कर रख दिया और मुझे चुम्बन किया।
मेरे मन में कुछ प्लानिंग सूझी कि हम आज शादी ही कर लेते हैं।
मैंने भाभी से बैठने को कहा और पूजा वाले कमरे को बन्द करके हवनकुंड जला कर भाभी को बुला लिया।
मैंने उन्हें अपनी शादी करने का प्लान बताया जो उन्हें अच्छा लगा। हमने सात फेरे लिए उनकी माँग में सिन्दूर भी भरा और उनका मंगलसूत्र पहना कर कहा- अब आपको इसे हर बार उतारने की जरुरत नहीं।
भाभी इस बात से खुश हुई और बोली- आज से आप मेरे पति देव हैं और मैं आपकी पत्नी. अब आप मुझे भाभी कहना छोड़ दीजिए, मुझे मेरे नाम से बुलाइएगा जब भी हम अकेले होंगे। अब शादी तो हो गई सुहागरात का क्या प्लान है?
मैं- चलो मेरे रूम में भाभी।
भाभी- भाभी?
मैं- मतलब पायल।
फिर मैं उन्हें गोद में उठा कर अपने रूम में ले गया, वहां मैंने उनकी साडी़ खोल दी, पेटीकोट और ब्लाउज भी उतार दिया। उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पैन्टी पहन रखी थी। उसे भी उतार दिया, उसके बाद देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं।
मैं- शेव कर ली?
भाभी- आपके लिए।
मुझसे रूका नहीं गया और मैं भाभी की चूत चाटने लगा। इस बार भाभी अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में दबा रही थी.
10 मिनट में वो झड़ गई और उनका रस पी गया।
मैंने अपने कपड़े उतार कर उनसे फिर लन्ड चूसने के लिए कहा. इस बार वो मान गई लेकिन एक शर्त पर कि वो मेरा वीर्य नहीं पीएंगी.
और घुटनों के बल बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी।
भाभी बहुत अच्छे से मेरा लन्ड चूस रही थी।
लेकिन झड़ते समय मैंने भाभी के साथ थोड़ी चिटिगं कर दी कि उनका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर दबा दिया और सारा वीर्य उनके मुंह के अन्दर छोड़ दिया उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जब तक वो सारा वीर्य पी नहीं गयी।
उसके बाद भाभी बोलीं- इटस् टेस्टी।
मैंने उनसे गांड मारने के लिए भी पूछा तो उन्होंने कहा- वो तो कभी भी नहीं।
फिर हमारी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया और शाम हो गई। खाना हमने आनलाइन आर्डर कर दिया, खाना खा खाकर वो घर चली गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.