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मेरा प्यारा देवर
#8
फिर मैंने कहा- मेरी एक बात मानोगे..?
उसने कहा- हाँ बोलो भाभी…?
मैंने कहा- मेरी कमर में दर्द हो रहा है, तुम दबा दोगे…?
उसने कहा- ठीक है…

तो मैं उलटी होकर लेट गई… वो मेरी कमर दबाने लगा…
फिर मैंने कहा- वो क्रीम भी मेरी कमर पर लगा दो…
तो वो उठ कर क्रीम लेने गया तब मैंने अपनी कमीज़ उतार दी…
अब मेरे मम्मे ब्रा में से साफ दिख रहे थे।

यह देख कर विकास बुरी तरह से घबरा गया और बोला- भाभी, यह क्या कर रही हो?
मैंने कहा- तुम क्रीम लगाओगे तो कमीज उतारनी ही पड़ेगी… नहीं तो तुम क्रीम कैसे लगाओगे?
वो चुपचाप बैठ गया और मेरी कमर पर अपना हाथ चलाने लगा…

फिर मैं उसके सामने सीधी हो गई और कहा- विकास रहने दो, आओ मेरे साथ सो जाओ..
उसने कहा- नहीं भाभी ! मैं आपके साथ कैसे सो सकता हूँ…
मैंने कहा- क्यों नहीं सो सकते…?

तो वो बोला- भाभी आप औरत हो और मैं आपके साथ नहीं सो सकता…
मैंने उसकी बाजू पकड़ी और अपने ऊपर गिरा लिया… और कस कर पकड़ लिया…
मैंने कहा- विकास तुम्हारी कोई सहेली नहीं है क्या?
उसने कहा- नहीं भाभी…अब मुझे छोड़ो…

मैंने कहा- नहीं विकास, पहले मुझे अपनी पैंट में दिखाओ कि क्या है जो तो मुझ से छिपा रहे हो…?
वो बोला- नहीं भाभी, कुछ नहीं है…
मैंने कहा- नहीं मैं देख कर ही छोड़ूंगी.. मुझे दिखाओ क्या है इसमें…

वो बोला- भाभी, इससे पेशाब करते है… आपने भैया का देखा होगा…
मैंने फिर कहा- मुझे तुम्हारा भी देखना है…
और उसको अपने हाथ में पकड़ लिया… हाथ में लेते ही मुझे उसकी गर्मी का एहसास हो गया।

विकास अपना लौड़ा छुड़ाने की कोशिश करने लगा मगर मेरे आगे उसकी एक ना चली…फिर वो बोला- भाभी अगर किसी को पता चल गया कि मैंने आपको यह दिखाया है तो मुझे बहुत मार पड़ेगी।
मैंने कहा- ..विकास, अगर किसी को पता चलेगा तो मार पड़ेगी… मगर हम किसी को नहीं बताएँगे।

फिर मैंने उसकी पैंट की हुक खोली और पैंट नीचे सरका दी… उसका कच्छा भी नीचे सरका दिया… और उसका बड़ा सा लौड़ा मेरे सामने था… इतना बड़ा लौड़ा मैंने आज तक नहीं देखा था…
मैं बोली- विकास, तुम मुझसे इसे छिपाने की कोशिश कर रहे थे मगर यह तो अपने आप ही बाहर भाग रहा है…

विकास ने जल्दी से अपने हाथ से उसको छुपा लिया और पैंट पहनने लगा मगर मैंने खींच कर उसकी पैंट उतार दी और कच्छा भी उतार दिया…

अब मैंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया और उसका लौड़ा झट से मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी..

पहले तो वो मेरे सर को पकड़ कर मुझे दूर करने लगा मगर थोड़ी देर में ही वो शान्त हो गया क्योंकि मेरी जुबान ने अपना जादू दिखा दिया था।

अब वो अपना लौड़ा चुसवाने का मजा ले रहा था, मैं उसके लौड़े को जोर जोर से चूस रही थी और विकास बिस्तर पर बेहाल हो रहा था… उसे भी अपने लौड़ा चुसवाने में मजा आ रहा था, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।

फिर उसके लौड़े ने अपना सारा माल मेरे मुँह में उगल दिया और मेरा मुँह उसके माल से भर गया। मैंने सारा माल पी लिया।

मैं अपने हाथों को चाटती हुई उठी और बोली- विकास अब तुमको कुछ देखना है तो बताओ? मैं दिखाती हूँ !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मेरा प्यारा देवर - by neerathemall - 17-06-2022, 04:02 PM



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