17-06-2022, 04:01 PM
यह सुन कर उसको बिस्तर पर आना ही पड़ा, मगर फिर भी वो मुझसे दूर ही बैठा। मैंने उसको और नजदीक आने के लिए कहा, वो थोड़ा सा और पास आ गया।
मैंने फिर कहा तो थोड़ा ओर वो मेरे पास आ गया, बाकी जो थोड़ी बहुत कसर रहती थी वो मैंने खुद उसके साथ जुड़ कर निकाल दी।
टीवी में जब भी कोई गर्म नजारा आता तो वो अपना ध्यान दूसरी ओर कर लेता… मगर उसके लौड़े पर मेरा और उन सीनों का असर हो रहा था, जिसको वो बड़ी मुशकिल से अपनी टांगों में छिपा रहा था।
मैंने अपना सर उसके कंधे पर रख दिया और बोली- विकास आज तो बहुत गर्मी है…
उसने भी हाँ में जवाब दे दिया…
फिर मैंने अपना दुप्पटा अपने गले से निकाल दिया, जिससे मेरे मम्मे उसके सामने आ गये, वो कभी कभी मेरे मम्मों की ओर देखता और फिर टीवी देखने लगता। उसके पसीने छुटने शुरू हो गये थे।
मैंने कहा- विकास, तुमको तो बहुत पसीना आ रहा है, तुम अपनी टी-शर्ट उतार लो।
यह सुनकर तो उसके और छक्के छुट गये, बोला- नहीं भाभी, मैं ऐसे ही ठीक हूँ।
मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ घुसा कर उसकी छाती पर हाथ रगड़ कर कहा- कैसे ठीक हो, यह देखो, कितना पसीना है?
और अपने हाथ से उसकी टी-शर्ट ऊपर उठाने लगी…
वो अपनी टी-शर्ट उतारने को नहीं मान रहा था, तो मैंने उसकी टी-शर्ट अपने दोनों हाथों से ऊपर उठा दी।
वो टी-शर्ट को नीचे खींच रहा था और मैं ऊपर.. इसी बीच मैं अपने मम्मे कभी उसकी बाजू पर लगाती और कभी उसकी पीठ पर… और कभी उसके सर से लगाती…
मैंने फिर कहा तो थोड़ा ओर वो मेरे पास आ गया, बाकी जो थोड़ी बहुत कसर रहती थी वो मैंने खुद उसके साथ जुड़ कर निकाल दी।
टीवी में जब भी कोई गर्म नजारा आता तो वो अपना ध्यान दूसरी ओर कर लेता… मगर उसके लौड़े पर मेरा और उन सीनों का असर हो रहा था, जिसको वो बड़ी मुशकिल से अपनी टांगों में छिपा रहा था।
मैंने अपना सर उसके कंधे पर रख दिया और बोली- विकास आज तो बहुत गर्मी है…
उसने भी हाँ में जवाब दे दिया…
फिर मैंने अपना दुप्पटा अपने गले से निकाल दिया, जिससे मेरे मम्मे उसके सामने आ गये, वो कभी कभी मेरे मम्मों की ओर देखता और फिर टीवी देखने लगता। उसके पसीने छुटने शुरू हो गये थे।
मैंने कहा- विकास, तुमको तो बहुत पसीना आ रहा है, तुम अपनी टी-शर्ट उतार लो।
यह सुनकर तो उसके और छक्के छुट गये, बोला- नहीं भाभी, मैं ऐसे ही ठीक हूँ।
मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ घुसा कर उसकी छाती पर हाथ रगड़ कर कहा- कैसे ठीक हो, यह देखो, कितना पसीना है?
और अपने हाथ से उसकी टी-शर्ट ऊपर उठाने लगी…
वो अपनी टी-शर्ट उतारने को नहीं मान रहा था, तो मैंने उसकी टी-शर्ट अपने दोनों हाथों से ऊपर उठा दी।
वो टी-शर्ट को नीचे खींच रहा था और मैं ऊपर.. इसी बीच मैं अपने मम्मे कभी उसकी बाजू पर लगाती और कभी उसकी पीठ पर… और कभी उसके सर से लगाती…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
