17-06-2022, 02:28 PM
पहले तो मैंने मना कर दिया पर उसके ज्यादा जोर डालने पर मैं मान गई। फिर हम उसके घर पहुँचे। मुझे एहसास हो चुका था कि अगर मैं इसके घर पहुँच गई हूँ तो आज मैं जरूर चुदने वाली हूँ।
मैं गाड़ी से उतर कर उसके पीछे पीछे चल पड़ी।
अंदर जाकर उसने मुझे पूछा- क्या पियोगी तुम कोमल?
‘कुछ नहीं! बस मुझे थोड़ा जल्दी जाना है!’
वो बोला- नहीं ऐसे नहीं! इतनी जल्दी नहीं.. अभी तो हमने अच्छे से बातें भी नहीं की!
‘अब तो मैंने तुम्हें अपना फोन नम्बर दे दिया है, रात को जब जी चाहे फोन कर लेना.. मैं अकेली ही सोती हूँ।’
‘प्लीज़! थोड़ी देर बैठो तो सही!’
मैंने कुछ नहीं कहा और सोफे पर बैठ गई।
वो जल्दी से कोल्डड्रिंक ले आया और मुझे देते हुए बोला- यह कोल्डड्रिंक ही पी लो फिर चली जाना।
मैंने वो ड्रिंक ले लिया। वो मेरे पास बैठ गया और हम इधर उधर की बातें करने लगे।
बातों ही बातों में वो मेरी तारीफ करने लगा।
वो बोला- कोमल.. जब जूस बार में तुम्हें देख रहा था तो सोच रहा था कि काश कोमल ऐसी हो, मगर मुझे क्या पता था कि कोमल यही है।
रहने दो! झूठी तारीफ करने की जरुरत नहीं है जी! मैंने कहा।
उसने भी मौके के हिसाब से मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा- सच में कोमल, तुम बहुत खुबसूरत हो।
मेरा हाथ मेरी जांघ पर था और उस पर उसका हाथ!
वो धीरे धीरे मेरा हाथ रगड़ रहा था। कभी कभी उसकी ऊँगलियाँ मेरी जांघ को भी छू जाती जिससे मेरी प्यासी जवानी में एक बिजली सी दौड़ जाती।
अब मैं मदहोश हो रही थी। मगर फिर भी अपने ऊपर काबू रखने का नाटक कर रही थी जिसे वो समझ चुका था।
फिर उसने हाथ ऊपर उठाना शुरू किया और उसका हाथ मेरे बाजू से होता हुआ मेरे बालों में घुस गया, मैं चुपचाप बैठी मदहोश हो रही थी और मेरी साँसें गरम हो रही थी।
उसका एक हाथ मेरी पीठ पर मेरे बालों में चल रहा था और वो मेरी तारीफ किए जा रहा था। फिर दूसरे हाथ से उसने मेरी गाल को पकड़ा और चेहरा अपनी तरफ कर लिया।
मैं गाड़ी से उतर कर उसके पीछे पीछे चल पड़ी।
अंदर जाकर उसने मुझे पूछा- क्या पियोगी तुम कोमल?
‘कुछ नहीं! बस मुझे थोड़ा जल्दी जाना है!’
वो बोला- नहीं ऐसे नहीं! इतनी जल्दी नहीं.. अभी तो हमने अच्छे से बातें भी नहीं की!
‘अब तो मैंने तुम्हें अपना फोन नम्बर दे दिया है, रात को जब जी चाहे फोन कर लेना.. मैं अकेली ही सोती हूँ।’
‘प्लीज़! थोड़ी देर बैठो तो सही!’
मैंने कुछ नहीं कहा और सोफे पर बैठ गई।
वो जल्दी से कोल्डड्रिंक ले आया और मुझे देते हुए बोला- यह कोल्डड्रिंक ही पी लो फिर चली जाना।
मैंने वो ड्रिंक ले लिया। वो मेरे पास बैठ गया और हम इधर उधर की बातें करने लगे।
बातों ही बातों में वो मेरी तारीफ करने लगा।
वो बोला- कोमल.. जब जूस बार में तुम्हें देख रहा था तो सोच रहा था कि काश कोमल ऐसी हो, मगर मुझे क्या पता था कि कोमल यही है।
रहने दो! झूठी तारीफ करने की जरुरत नहीं है जी! मैंने कहा।
उसने भी मौके के हिसाब से मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा- सच में कोमल, तुम बहुत खुबसूरत हो।
मेरा हाथ मेरी जांघ पर था और उस पर उसका हाथ!
वो धीरे धीरे मेरा हाथ रगड़ रहा था। कभी कभी उसकी ऊँगलियाँ मेरी जांघ को भी छू जाती जिससे मेरी प्यासी जवानी में एक बिजली सी दौड़ जाती।
अब मैं मदहोश हो रही थी। मगर फिर भी अपने ऊपर काबू रखने का नाटक कर रही थी जिसे वो समझ चुका था।
फिर उसने हाथ ऊपर उठाना शुरू किया और उसका हाथ मेरे बाजू से होता हुआ मेरे बालों में घुस गया, मैं चुपचाप बैठी मदहोश हो रही थी और मेरी साँसें गरम हो रही थी।
उसका एक हाथ मेरी पीठ पर मेरे बालों में चल रहा था और वो मेरी तारीफ किए जा रहा था। फिर दूसरे हाथ से उसने मेरी गाल को पकड़ा और चेहरा अपनी तरफ कर लिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.