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Adultery मेरी तंग पजामी
#3
अब तो मुझे भी उस पर तरस सा आने लगा था। वो जालंधर का रहने वाला था और मेरा गाँव भी जालंधर के पास ही है।

अगले महीने मेरी सास की बहन के लड़के की शादी आ रही थी जिसके लिए मुझे और मेरी सास ने शॉपिंग के लिए जालंधर जाना था। मगर कुछ दिनों से मेरी सास की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी तो उसने मुझे अकेले ही जालन्धर चली जाने को कहा।

जब मैंने अकेले जालन्धर जाने की बात सुनी तो एकदम से मुझे उस बूढ़े का ख्याल आ गया। मैंने सोचा कि इसी बहाने अपने बूढ़े आशिक को भी मिल आती हूँ।

मैंने नहाते समय अपनी झांटे साफ़ कर ली और पूरी सज-संवर कर बस में बैठ गई और रास्ते में ही उस बूढ़े को फोन कर दिया। उसे मैंने एक जूस-बार में बैठने के लिए कहा और कहा- मैं ही वहाँ आ कर फोन करुँगी।

मैं आपको बूढ़े के बारे में बता दूँ। वो 55-60 साल का लगता था। उसके सर के बाल सफ़ेद हो चुके थे पर उसकी जो फोटो उसने मुझे भेजी थी उसमे उसकी बॉडी और उसका चेहरा मुझे उससे मिलने को मजबूर कर रहा था।

बस से उतरते ही मैं रिक्शा लेकर वहाँ पहुँच गई जहाँ पर वो मेरा इन्तजार कर रहा था। उसने मेरी फोटो नहीं देखी थी इसलिए मैं तो उसे पहचान गई पर वो मुझे नहीं पहचान पाया। मैं उससे थोड़ी दूर बैठ गई।

वो हर औरत को आते हुए गौर से देख रहा था मगर उसका ध्यान बार बार मेरे बड़े बड़े मम्मों और उठी हुई गाण्ड की तरफ आ रहा था। वही क्या वहाँ पर बैठे सभी मर्द मेरी गाण्ड और मम्मों को ही देख रहे थे।
मैं आई भी तो सज-धज कर थी अपने बूढ़े यार से मिलने।

थोड़ी देर के बाद मैं बाहर आ गई और उसे फोन किया कि बाहर आ जाए। मैं थोड़ी छुप कर खड़ी हो गई और वो बाहर आकर इधर उधर देखने लगा।

मैंने उसे कहा- तुम अपनी गाड़ी में बैठ जाओ, मैं आती हूँ।

वो अपनी स्विफ्ट गाड़ी में जाकर बैठ गया, मैंने भी इधर उधर देखा और उसकी तरफ चल पड़ी और झट से जाकर उसके पास वाली सीट पर बैठ गई।

मुझे देख कर वो हैरान रह गया और कहा- तुम ही तो अंदर गई थी, फिर मुझे बुलाया क्यों नहीं?

मैंने कहा- अंदर बहुत सारे लोग थे, इसलिए!

उसने धीरे धीरे गाड़ी चलानी शुरू कर दी, उसने मुझे पूछा- अब तुम कहाँ जाना चाहोगी?

मैंने कहा- कहीं नहीं, बस तुमने मुझे देख लिया, इतना ही काफी है, अब मुझे शॉपिंग करके वापस जाना है।

उसने कहा- अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं तुम्हें कुछ तोहफ़ा देना चाहता हूँ। क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चल सकती हो?

उसका जालन्धर में ही एक शानदार बंगला था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मेरी तंग पजामी - by neerathemall - 17-06-2022, 02:28 PM



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