17-06-2022, 02:27 PM
मेरा नाम कोमल प्रीत कौर है मगर प्यार से लोग मुझे कोमल कहते हैं। मेरी उम्र 27 साल है और मैं शादीशुदा हूँ। मेरे पति आर्मी में हैं। मैं अपने सास-ससुर के साथ अपने ससुराल में रहती हूँ। पति आर्मी में हैं तो इस कारण में कई कई महीने लण्ड को तरसती रहती हूँ। वैसे तो मेरे आसपास गली मोहल्ले में बहुत सारे लण्ड रहते हैं पर सास-ससुर के होते ये मेरे किसी काम के नहीं।
मेरी गली के सारे लड़के मुझे पटाने की कोशिश करते रहते हैं। मेरे मम्मे लड़कों की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं। मेरी बड़ी सी गाण्ड देख कर लड़कों की हालत खराब हो जाती है और वो खड़े खड़े लण्ड को हाथ में पकड़ लेते हैं। मेरे रेशमी लम्बे बालों में पता नहीं कितने लण्डों के दिल अटके पड़े हैं। मेरी पतली कमर, मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ, लड़कों को मेरे घर के सामने खड़े रहने के लिए मजबूर कर देते हैं।
सब मुझे पटाने के हथकंडे आजमाते रहते थे पर मैं किसी से नहीं पट रही थी। कंप्यूटर पर जरूर चैटिंग करके अपनी प्यास हाथ से बुझा लेती। चैटिंग पर मुझे लड़के अक्सर अपना मोबाइल नंबर देने और मिलने को कहते मगर मैं सबको मना कर देती। फिर भी एक-दो ने अपना नम्बर दे दिया था।
इन सब दोस्तों में एक एन.आर.आई बुड्ढा भी था। वो कुछ दिन बाद भारत आने वाला था। उसने मुझे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहता है, मगर मैंने मना कर दिया।
कुछ दिन के बाद उसने भारत आने के बाद मुझे अपना फोन नम्बर दिया और अपनी तस्वीर भी भेजी और कहा- मैं अकेला ही इंडिया आया हूँ, बाकी सारी फॅमिली अमेरिका में हैं।
उसने यह भी कहा कि वो सिर्फ मुझे देखना चाहता है बेशक दूर से ही सही।
मेरी गली के सारे लड़के मुझे पटाने की कोशिश करते रहते हैं। मेरे मम्मे लड़कों की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं। मेरी बड़ी सी गाण्ड देख कर लड़कों की हालत खराब हो जाती है और वो खड़े खड़े लण्ड को हाथ में पकड़ लेते हैं। मेरे रेशमी लम्बे बालों में पता नहीं कितने लण्डों के दिल अटके पड़े हैं। मेरी पतली कमर, मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ, लड़कों को मेरे घर के सामने खड़े रहने के लिए मजबूर कर देते हैं।
सब मुझे पटाने के हथकंडे आजमाते रहते थे पर मैं किसी से नहीं पट रही थी। कंप्यूटर पर जरूर चैटिंग करके अपनी प्यास हाथ से बुझा लेती। चैटिंग पर मुझे लड़के अक्सर अपना मोबाइल नंबर देने और मिलने को कहते मगर मैं सबको मना कर देती। फिर भी एक-दो ने अपना नम्बर दे दिया था।
इन सब दोस्तों में एक एन.आर.आई बुड्ढा भी था। वो कुछ दिन बाद भारत आने वाला था। उसने मुझे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहता है, मगर मैंने मना कर दिया।
कुछ दिन के बाद उसने भारत आने के बाद मुझे अपना फोन नम्बर दिया और अपनी तस्वीर भी भेजी और कहा- मैं अकेला ही इंडिया आया हूँ, बाकी सारी फॅमिली अमेरिका में हैं।
उसने यह भी कहा कि वो सिर्फ मुझे देखना चाहता है बेशक दूर से ही सही।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.