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Adultery मैं तो शादीशुदा हूँ
#11
जब मैंने उसको सहलाया, वो गर्म होने लगी- साब, क्या कर रहे हैं?

“प्यार कर रहा हूँ !”

“यह सही नहीं है ! मैं किसी की बीवी भी हूँ !”

“तो मैं किसी का पति भी हूँ रानी ! वैसे दिन में जब तू आती है, संवरती नहीं है ! इस वक़्त बिल्कुल अलग लग रही है !

“क्या करूँ? दिन में सँवरने लगी तो मेरे बच्चे भूखें मर जायेंगे, उनका पेट कौन पलेगा?”

“तेरा मर्द क्या करता है?”

“रिक्शा चलाता है, जो कमाता है वो दारु और जुए में उड़ा देता है।”

“कितने घरों में काम करती हो?”

“बहुत हैं साब !”

मैंने उसकी गर्दन को चूमते हुए एक हज़ार का नोट निकाला और उसकी ब्रा में घुसा दिया- रख ले इसको ! काम आएगा।

मैंने उसकी चोली की डोर खींच दी.

“हाय साब ! यह क्या करने लगे?”

“बहुत सेक्सी लग रही हो पीछे से !”

“वो क्या होता है साब?”

“मतलब तेरी नाज़ुक सी पीठ पर यह डोरी बहुत दिलकश लगती है !”

“तो फिर खोल क्यूँ दी?”

“दिलकश लगी, तभी खोली !”

“साब। अब आप जाओ ! क्यूँ रसोई में खुद को तकलीफ देते हैं?”

“आज तेरा घर वाला कहाँ है?”

“पड़ा होगा घर में लुढ़क कर !”

“और तेरा क्या होगा रात को?”

“क्या मतलब?”

“मतलब कि तेरा काम कैसे संवारता है वो साला?”

“साब, लगता है कि आपने ज्यादा चढ़ा ली है !”

“साली तुझे ऐसा क्यूँ लगता है?”

“आप बहक रहे हो ना !”

मैंने उसको वही से बाँहों में उठा लिया, गैस बंद कर मैंने उसको अपने कमरे में लेजा कर फेंका !

“साहेब, यह सब क्या है?”

“सीऽऽ… चुप ! मेरी कमलेश रानी ! क्यूँ पसीने में जवानी खराब करने को तुली है?”

मैं बिस्तर पर लिटा उसको चूमने लगा। मैंने उसकी डोरी पहले खोल दी थी, अब मैंने उसकी चोली ही उतार दी। उसने नीचे काली ब्रा पहनी थी।

“वाह ! क्या लग रही हो !?

वो शरमा सी गई- साब बाहर के सारे दरवाज़े खुले पड़े हैं, बंद करके आती हूँ !

“नहीं ! रुक, मैं करता हूँ !”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मैं तो शादीशुदा हूँ - by neerathemall - 17-06-2022, 02:20 PM



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