17-06-2022, 02:16 PM
वो उसी पल खिसकते हुए नीचे गई और मेरा लौड़ा सहलाने लगी- सच में यह बहुत बड़ा है!
‘पसंद है?’
‘हाँ!’
‘तो चूम लो ना रानी!’ मैंने उसके होंठों पर रगड़ते हुए कहा।
उसने उसी पल मुँह खोल दिया और मैंने घुसा दिया और वो चूसने लगी।
क्या चूसती थी वो! जैसे इस काम में पी एच डी हो!
वो चटकारे ले लेकर मेरा लौड़ा चूस रही थी।
उसके बाद मैंने भी उसके घुटनों से पकड़ कर उसकी टांगें फैलाई और उसकी चूत, उसकी फुद्दी चाटनी चालू कर दी।
वाह क्या मलाई थी! उससे ज्यादा उसकी फुद्दी की खुशबू-महक और उसकी कोमल-कोमल जाँघें!
आज तक मैंने कितनी ही चूतों को चोदा, कितनो की महक ली! लेकिन इसकी अलग थी।
फिर मैंने उसके भोसड़े में अपना औज़ार घुसा दिया।
‘वाह क्या चूत है तेरी! प्रिया!’
‘अह भाईसाब! कितने दिन बाद मुझे तृप्ति मिल रही है!’
‘क्या? भाई साब कह रही है?’
‘ओ के बाबा! माफ़ कर दो!’
बोली- जोर जोर से करो ना! प्लीज़ फाड़ दो इसको!
अह! अह! एकदम से मुझसे चिपक गई।
मैंने भी उसको कस लिया।
दोनों एक साथ छुटे!
‘कितने दिनों के बाद मेरी प्यास बुझी है! सच में इतना बड़ा मैंने कभी नहीं लिया था! ना शादी से पहले ना बाद में!’
‘आज से तुम मेरी जान बन गई हो प्रिया! जब चाहे चली आना!’
अब मैंने उसके पति से दोस्ती कर ली। कभी वो मेरे घर बैठ पीता और वहीं लुढ़क जाता और मैं घर में ताला लगा कर उसके बेडरूम में!
‘पसंद है?’
‘हाँ!’
‘तो चूम लो ना रानी!’ मैंने उसके होंठों पर रगड़ते हुए कहा।
उसने उसी पल मुँह खोल दिया और मैंने घुसा दिया और वो चूसने लगी।
क्या चूसती थी वो! जैसे इस काम में पी एच डी हो!
वो चटकारे ले लेकर मेरा लौड़ा चूस रही थी।
उसके बाद मैंने भी उसके घुटनों से पकड़ कर उसकी टांगें फैलाई और उसकी चूत, उसकी फुद्दी चाटनी चालू कर दी।
वाह क्या मलाई थी! उससे ज्यादा उसकी फुद्दी की खुशबू-महक और उसकी कोमल-कोमल जाँघें!
आज तक मैंने कितनी ही चूतों को चोदा, कितनो की महक ली! लेकिन इसकी अलग थी।
फिर मैंने उसके भोसड़े में अपना औज़ार घुसा दिया।
‘वाह क्या चूत है तेरी! प्रिया!’
‘अह भाईसाब! कितने दिन बाद मुझे तृप्ति मिल रही है!’
‘क्या? भाई साब कह रही है?’
‘ओ के बाबा! माफ़ कर दो!’
बोली- जोर जोर से करो ना! प्लीज़ फाड़ दो इसको!
अह! अह! एकदम से मुझसे चिपक गई।
मैंने भी उसको कस लिया।
दोनों एक साथ छुटे!
‘कितने दिनों के बाद मेरी प्यास बुझी है! सच में इतना बड़ा मैंने कभी नहीं लिया था! ना शादी से पहले ना बाद में!’
‘आज से तुम मेरी जान बन गई हो प्रिया! जब चाहे चली आना!’
अब मैंने उसके पति से दोस्ती कर ली। कभी वो मेरे घर बैठ पीता और वहीं लुढ़क जाता और मैं घर में ताला लगा कर उसके बेडरूम में!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
