17-06-2022, 02:14 PM
कमाल का रूप पाया है आपने! जितनी सुरीली आवाज़ फ़ोन पर सुनता हूँ, उससे कहीं ज्यादा कशिश सामने है, जिस ख़ूबसूरती को रोज़ रास्ते में या छत पर खड़ा देखा करता हूँ वो उससे कहीं ज्यादा है। आई लव यू!
‘वो तो है! लेकिन कहीं हम बदनाम हो गए तो फिर?’
‘कौन करेगा? वो तब करेगा अगर हम बचकानी हरक़त करेंगे, तुम देख ही लो, हम कितने दिनों से बात कर रहे हैं, मैंने कभी तेरे घर के सामने आकर तुझे देखा है? मैं वैसा बंदा नहीं हूँ जानेमन! मेरे भी दो बच्चे हैं!’ मैंने उसका हाथ थाम दोनों हाथों में लिया, प्यार से सहलाया- क्या नाज़ुक-नाज़ुक हाथ हैं आपके!
‘मैं क्या नाज़ुक नहीं हूँ?’
वो तो क्यूँ नहीं हो? आखिर तभी इस जवाहरी ने खरे सोने को दूर से ही परख लिया! मैंने धीरे से उसको बाँहों में कस उसके होंठ चूम लिए।
वो भी कसमसा सी गई।
क्या हुआ कुछ नहीं? आज से चेहरे की उदासी भगा दे, तू हंसती हुई अच्छी लगती है! मैंने उसकी गर्दन पर चुंबन लिया।
‘वो तो है! लेकिन कहीं हम बदनाम हो गए तो फिर?’
‘कौन करेगा? वो तब करेगा अगर हम बचकानी हरक़त करेंगे, तुम देख ही लो, हम कितने दिनों से बात कर रहे हैं, मैंने कभी तेरे घर के सामने आकर तुझे देखा है? मैं वैसा बंदा नहीं हूँ जानेमन! मेरे भी दो बच्चे हैं!’ मैंने उसका हाथ थाम दोनों हाथों में लिया, प्यार से सहलाया- क्या नाज़ुक-नाज़ुक हाथ हैं आपके!
‘मैं क्या नाज़ुक नहीं हूँ?’
वो तो क्यूँ नहीं हो? आखिर तभी इस जवाहरी ने खरे सोने को दूर से ही परख लिया! मैंने धीरे से उसको बाँहों में कस उसके होंठ चूम लिए।
वो भी कसमसा सी गई।
क्या हुआ कुछ नहीं? आज से चेहरे की उदासी भगा दे, तू हंसती हुई अच्छी लगती है! मैंने उसकी गर्दन पर चुंबन लिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.