17-06-2022, 02:12 PM
मेरा नाम रूद्रमान सिंह है, मैं पंजाब का रहने वाला पक्का जाट हूँ, पका हुआ शरीर है, मैं कॉलेज में, फिर कॉलेज में कबड्डी का खिलाड़ी भी रह चुका हूँ।
मेरी उम्र तेतीस साल है, शादीशुदा हूँ, मेरे दो बेटे भी हैं, मेरी पत्नी एड्मेंटन कनाडा में है।
जैसे कि सभी जानते हैं कि हम पंजाबी विदेश में सेटल होना पसंद करते हैं, अधिकतर परिवार विदेश में भी और भारत में भी, दोनों जगह पाँव जमाना चाहते हैं, ऐसा ही हमारे साथ है, मेरी पत्नी के दोनों भाई कनाडा में हैं और फिर मेरे सास-ससुर भी वहीं चले गए और उसके बाद मेरे सालों ने अपनी बहन को स्पोंसर किया तब वो पेट से थी, तीन महीने की गर्भवती थी, मेडिकल जालंधर में था, हमने किसी तरीके क्लीयर करवा दिया। पहला बेटा दो साल का था, माँ के साथ उसका भी वीसा आया और दूसरा बेटा वहीं पैदा हुआ, यही हम चाहते थे, अब वो जन्म से ही वहाँ का नागरिक बन गया और बच्चे के साथ वहाँ नियम बहुत प्यारे हैं, माँ को भी ग्रीन कार्ड मिल गया और अब मेरे भी पेपर्स भर दिये हैं, इस साल के मध्य तक शायद मैं भी कनाडा चला जाऊँगा।
मेरी उम्र तेतीस साल है, शादीशुदा हूँ, मेरे दो बेटे भी हैं, मेरी पत्नी एड्मेंटन कनाडा में है।
जैसे कि सभी जानते हैं कि हम पंजाबी विदेश में सेटल होना पसंद करते हैं, अधिकतर परिवार विदेश में भी और भारत में भी, दोनों जगह पाँव जमाना चाहते हैं, ऐसा ही हमारे साथ है, मेरी पत्नी के दोनों भाई कनाडा में हैं और फिर मेरे सास-ससुर भी वहीं चले गए और उसके बाद मेरे सालों ने अपनी बहन को स्पोंसर किया तब वो पेट से थी, तीन महीने की गर्भवती थी, मेडिकल जालंधर में था, हमने किसी तरीके क्लीयर करवा दिया। पहला बेटा दो साल का था, माँ के साथ उसका भी वीसा आया और दूसरा बेटा वहीं पैदा हुआ, यही हम चाहते थे, अब वो जन्म से ही वहाँ का नागरिक बन गया और बच्चे के साथ वहाँ नियम बहुत प्यारे हैं, माँ को भी ग्रीन कार्ड मिल गया और अब मेरे भी पेपर्स भर दिये हैं, इस साल के मध्य तक शायद मैं भी कनाडा चला जाऊँगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.