16-06-2022, 09:57 PM
(This post was last modified: 17-06-2022, 11:50 AM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Part 31
सोनाली ज़फर के लण्ड को मुंह मे लेकर उसे चूसने लगी। उसके मम्मे काज़ी की बायीं जाँघ पर दबे हुए थे और उसकी चिकनी चूत काज़ी की दायीं जांघ की मालिश कर रही थी।
काज़ी जब उसके नितंबों पर बेंत के स्ट्रोक लगा रहा था तो हर स्ट्रोक के साथ सोनाली चिल्लाते हुए उछल रही थी। उसके उछलने से काज़ी और ज़फर दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
असलम एक तरफ बैठा यह सारा सेक्सी गेम देख रहा था।
अचानक असलम काज़ी से बोला : काज़ी साहब लाइये यह बेंत मारने का काम आपके लिए मैं कर देता हूँ। आप अपने दोनों हाथों से इस चिकनी हसीना के बदन का भरपूर मज़ा लीजिये।
काज़ी को असलम की बात ठीक लगी और उसने बेंत असलम के हाथ मे पकड़ा दिया।
असलम एक स्टूल पर बैठकर गिनती करते हुए सोनाली के मस्त नितंबों पर बेंत मारने लगा। काज़ी अब अपने दोनों हाथों से सोनाली के निर्वस्त्र चिकने बदन को दबाने सहलाने में लग गया। उसके खड़े लण्ड पर सोनाली का चिकना पेट उछल उछल कर उसे अकल्पनीय आनंद की अनुभूति करा रहा था। काज़ी को लग रहा था कि थोड़ी देर सोनाली का बदन ऐसे ही उछलता रहा तो उसके लण्ड की पिचकारी ऐसे ही छूट जाएगी।
इधर सोनाली ज़फर का लण्ड चूस चुकी थी और उस पर अपनी जीभ फेरते हुए उसे साफ कर रही थी। अब तक असलम 25 बेंत सोनाली को मार चुका था।
सोनाली : अब प्लीज़ रहने दो, और बेंत मत मारो। बहुत दर्द हो रहा है। आप की हर बात तो मैं मानती जा रही हूं। अब मेरी सज़ा माफ कर दो प्लीज़
काज़ी का अपना लण्ड भी अब तक बेकाबू हो चुका था। उसने असलम को रोकते हुए कहा : चलो अब रहने दो। इसकी बाकी की सज़ा मैं माफ करता हूँ। उसके बदले में यह अब मेरा लण्ड अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश करेगी।
सोनाली अब जमीन पर काज़ी की दोनों टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गयी।
काज़ी ने अपना अंडरवियर नीचे खिसका दिया और उसका काला, मोटा और लंबा सा लण्ड सोनाली के गालों से टकराने लगा
काज़ी ने अपने लण्ड को कुछ देर तक उसके चेहरे और गालों पर रगड़ा और फिर उसके होंठों पर रगड़ते हुए कड़क आवाज़ में बोला : चल अब मुंह खोल और इसे अंदर लेकर मुझे खुश कर
सोनाली बेबस थी । उसने वही किया जो काज़ी चाहता था। लण्ड चुसवाने के बाद उसने उसकी जीभ से सहला सहला कर साफ भी करवाया
काज़ी,ज़फर और असलम सोनाली को देखते हुए हंसते हुए कहने लगे : एकदम मस्त लौंडिया है। लण्ड चूसने में एकदम एक्सपर्ट है साली।
जब सोनाली काज़ी को पूरी तरह से खुश कर चुकी तो वह बोला : अब इसकी पाकीज़गी की रस्म अदा की जाएगी। उसके लिए हम सबको अपने सारे कपड़े उतारकर वाशरूम में चलना होगा।
सोनाली इससे पहले कि कुछ समझ पाती, काज़ी,ज़फर और असलम अपने सारे कपड़े उतारकर एकदम नंगे हो गए और सोनाली से कडककर बोले : चल खड़ी हो जा और हमारे साथ वाशरूम में चलकर अपने बदन पर पाकीज़गी की रस्म को पूरा करवा।
शेष अगले भाग में
सोनाली ज़फर के लण्ड को मुंह मे लेकर उसे चूसने लगी। उसके मम्मे काज़ी की बायीं जाँघ पर दबे हुए थे और उसकी चिकनी चूत काज़ी की दायीं जांघ की मालिश कर रही थी।
काज़ी जब उसके नितंबों पर बेंत के स्ट्रोक लगा रहा था तो हर स्ट्रोक के साथ सोनाली चिल्लाते हुए उछल रही थी। उसके उछलने से काज़ी और ज़फर दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
असलम एक तरफ बैठा यह सारा सेक्सी गेम देख रहा था।
अचानक असलम काज़ी से बोला : काज़ी साहब लाइये यह बेंत मारने का काम आपके लिए मैं कर देता हूँ। आप अपने दोनों हाथों से इस चिकनी हसीना के बदन का भरपूर मज़ा लीजिये।
काज़ी को असलम की बात ठीक लगी और उसने बेंत असलम के हाथ मे पकड़ा दिया।
असलम एक स्टूल पर बैठकर गिनती करते हुए सोनाली के मस्त नितंबों पर बेंत मारने लगा। काज़ी अब अपने दोनों हाथों से सोनाली के निर्वस्त्र चिकने बदन को दबाने सहलाने में लग गया। उसके खड़े लण्ड पर सोनाली का चिकना पेट उछल उछल कर उसे अकल्पनीय आनंद की अनुभूति करा रहा था। काज़ी को लग रहा था कि थोड़ी देर सोनाली का बदन ऐसे ही उछलता रहा तो उसके लण्ड की पिचकारी ऐसे ही छूट जाएगी।
इधर सोनाली ज़फर का लण्ड चूस चुकी थी और उस पर अपनी जीभ फेरते हुए उसे साफ कर रही थी। अब तक असलम 25 बेंत सोनाली को मार चुका था।
सोनाली : अब प्लीज़ रहने दो, और बेंत मत मारो। बहुत दर्द हो रहा है। आप की हर बात तो मैं मानती जा रही हूं। अब मेरी सज़ा माफ कर दो प्लीज़
काज़ी का अपना लण्ड भी अब तक बेकाबू हो चुका था। उसने असलम को रोकते हुए कहा : चलो अब रहने दो। इसकी बाकी की सज़ा मैं माफ करता हूँ। उसके बदले में यह अब मेरा लण्ड अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश करेगी।
सोनाली अब जमीन पर काज़ी की दोनों टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गयी।
काज़ी ने अपना अंडरवियर नीचे खिसका दिया और उसका काला, मोटा और लंबा सा लण्ड सोनाली के गालों से टकराने लगा
काज़ी ने अपने लण्ड को कुछ देर तक उसके चेहरे और गालों पर रगड़ा और फिर उसके होंठों पर रगड़ते हुए कड़क आवाज़ में बोला : चल अब मुंह खोल और इसे अंदर लेकर मुझे खुश कर
सोनाली बेबस थी । उसने वही किया जो काज़ी चाहता था। लण्ड चुसवाने के बाद उसने उसकी जीभ से सहला सहला कर साफ भी करवाया
काज़ी,ज़फर और असलम सोनाली को देखते हुए हंसते हुए कहने लगे : एकदम मस्त लौंडिया है। लण्ड चूसने में एकदम एक्सपर्ट है साली।
जब सोनाली काज़ी को पूरी तरह से खुश कर चुकी तो वह बोला : अब इसकी पाकीज़गी की रस्म अदा की जाएगी। उसके लिए हम सबको अपने सारे कपड़े उतारकर वाशरूम में चलना होगा।
सोनाली इससे पहले कि कुछ समझ पाती, काज़ी,ज़फर और असलम अपने सारे कपड़े उतारकर एकदम नंगे हो गए और सोनाली से कडककर बोले : चल खड़ी हो जा और हमारे साथ वाशरूम में चलकर अपने बदन पर पाकीज़गी की रस्म को पूरा करवा।
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा