16-06-2022, 05:51 PM
धर काजल की बाँहों में पड़े पड़े थोड़ा सा आराम करने के बाद रमेश का लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया. उसका लंड पहले की तरह फिर से खड़ा हो गया था.
रमेश काजल की आँखों में देखते हुए पूछने लगा- काजल, एक राउंड फिर से करें?
काजल- हाँ भैया, क्यों नहीं.. मैं तैयार हूँ. और मेरी चूत भी अपने भैया का लंड लेने के लिए रेडी है.
रमेश को जैसे ही काजल की तरफ से हरा सिग्नल मिला, उसने अपना लंड फिर से बहन की चूत पर सैट किया और एक झटका दे दिया. इस बार उसका लंड पहले झटके में ही बहन की चूत के अन्दर पूरा चला गया.
काजल उत्तेजना के मारे चिल्लाने लगी- आह.. माँआ… पूरा डाल दो भैया.. और जोर से चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत को. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आज से ये चूत तुम्हारी है. मैं तुम्हारी बहन नहीं.. तुम्हारी दूसरी पत्नी हूँ. चाहो तो तुम मुझे अपनी रखैल बना लो.. पर जोर से चोदो मुझे..
कामुकता के प्रवाह में काजल बोली- मैं आज बहुत खुश हूँ कि मेरे बड़े भाई ने मुझे चोद कर मेरी सील खोली
काजल उत्तेजना के मारे कुछ भी बड़बड़ा रही थी. उसे अभी सिर्फ चुदाई चाहिए थी, वो भी निर्मम चुदाई.
अब इस घर के हॉल में लगे सोफे पर दो जोड़े जबरदस्त चुदाई में लगे हुए थे. दोनों जोड़ों की चुदाई के कारण हॉल में हच हच.. की आवाज़ें गूंज रही थीं. इन दो जोड़ों में एक भाई-बहन थे और दूसरा देवर-भाभी लंड चूत के खेल में लगे थे.
पर इस समय सब लोग सेक्स की भूख में अंधे हुए पड़े थे. उनको सिर्फ एक ही चीज़ चाहिए थी और वो थी चुदाई. उन्हें किसी बात की कोई परवाह नहीं थी.
पर उनको परवाह करनी चाहिए थी. उनको परवाह करनी चाहिए थी कि अब मोहनलाल (इन भाई-बहन का पिता और मयूरी का ससुर) घर आ चुका था और वो हॉल में दरवाज़े के पास खड़ा, ये दृश्य देख रहा था. वो देख रहा था कि उसके घर के अपने ही बच्चे आपस में चुदाई में व्यस्त थे
रमेश काजल की आँखों में देखते हुए पूछने लगा- काजल, एक राउंड फिर से करें?
काजल- हाँ भैया, क्यों नहीं.. मैं तैयार हूँ. और मेरी चूत भी अपने भैया का लंड लेने के लिए रेडी है.
रमेश को जैसे ही काजल की तरफ से हरा सिग्नल मिला, उसने अपना लंड फिर से बहन की चूत पर सैट किया और एक झटका दे दिया. इस बार उसका लंड पहले झटके में ही बहन की चूत के अन्दर पूरा चला गया.
काजल उत्तेजना के मारे चिल्लाने लगी- आह.. माँआ… पूरा डाल दो भैया.. और जोर से चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत को. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आज से ये चूत तुम्हारी है. मैं तुम्हारी बहन नहीं.. तुम्हारी दूसरी पत्नी हूँ. चाहो तो तुम मुझे अपनी रखैल बना लो.. पर जोर से चोदो मुझे..
कामुकता के प्रवाह में काजल बोली- मैं आज बहुत खुश हूँ कि मेरे बड़े भाई ने मुझे चोद कर मेरी सील खोली
काजल उत्तेजना के मारे कुछ भी बड़बड़ा रही थी. उसे अभी सिर्फ चुदाई चाहिए थी, वो भी निर्मम चुदाई.
अब इस घर के हॉल में लगे सोफे पर दो जोड़े जबरदस्त चुदाई में लगे हुए थे. दोनों जोड़ों की चुदाई के कारण हॉल में हच हच.. की आवाज़ें गूंज रही थीं. इन दो जोड़ों में एक भाई-बहन थे और दूसरा देवर-भाभी लंड चूत के खेल में लगे थे.
पर इस समय सब लोग सेक्स की भूख में अंधे हुए पड़े थे. उनको सिर्फ एक ही चीज़ चाहिए थी और वो थी चुदाई. उन्हें किसी बात की कोई परवाह नहीं थी.
पर उनको परवाह करनी चाहिए थी. उनको परवाह करनी चाहिए थी कि अब मोहनलाल (इन भाई-बहन का पिता और मयूरी का ससुर) घर आ चुका था और वो हॉल में दरवाज़े के पास खड़ा, ये दृश्य देख रहा था. वो देख रहा था कि उसके घर के अपने ही बच्चे आपस में चुदाई में व्यस्त थे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.