16-06-2022, 05:43 PM
खैर, तीनों अपने इस पवित्र प्यार या यूँ कहें कि हवस में इतने लीन थे कि भूल ही गए कि घर में और भी सदस्य हैं. ये भूल गए कि मयूरी कभी भी मंदिर से पूजा कर के वापिस आ सकती थी. ये भूल गए कि मोहन लाल भी कभी भी बाहर से वापिस आ सकता था.
अरे, मैं इन सब बातों के बीच आपकी इस कहानी के एक जरुरी पात्र से परिचय करवाना ही भूल गया- मोहन लाल. मोहन लाल इन तीनों बच्चों का पिता था, उसकी उम्र लगभग 49 साल थी. मोहन लाल की पत्नी यानि की इन बच्चों की माँ का देहांत हुए लगभग 7 साल हो चुके थे.
खैर कहानी पर वापिस आते हैं. भाई बहन के प्यार प्रसंग के होने के दौरान ही मयूरी मंदिर से वापिस आ गई. मयूरी ने घर का दरवाजा खोला और अन्दर आकर हॉल में घुसते ही देखा तो बस.. ये क्या…? वो अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं कर पाई कि उसके घर में ये दृश्य चल रहा था.
मयूरी एकदम से भौंचक्की सी रह गई.
अरे, मैं इन सब बातों के बीच आपकी इस कहानी के एक जरुरी पात्र से परिचय करवाना ही भूल गया- मोहन लाल. मोहन लाल इन तीनों बच्चों का पिता था, उसकी उम्र लगभग 49 साल थी. मोहन लाल की पत्नी यानि की इन बच्चों की माँ का देहांत हुए लगभग 7 साल हो चुके थे.
खैर कहानी पर वापिस आते हैं. भाई बहन के प्यार प्रसंग के होने के दौरान ही मयूरी मंदिर से वापिस आ गई. मयूरी ने घर का दरवाजा खोला और अन्दर आकर हॉल में घुसते ही देखा तो बस.. ये क्या…? वो अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं कर पाई कि उसके घर में ये दृश्य चल रहा था.
मयूरी एकदम से भौंचक्की सी रह गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.