16-06-2022, 03:38 PM
उमेश के लण्ड पकड़ते ही मेरा बदन तड़पने लगा. पहले मैं डर रही थी पर लण्ड पकड़ मचल उठी. मेरे कहने पर वो मेरी टांगों के बीच आया और मेरी कसी कुंवारी चूत पर अपना छोटा लण्ड रख धक्का मारा, सुपाड़ा कुछ अन्दर गया. फिर 3-4 धक्के मारकर पूरा अन्दर पेल दिया.
कुछ देर बाद उसने धीरे धीरे चोदते हुए पूछा- मेरी जान दर्द तो नहीं हो रहा है. मजा आ रहा है ना?
‘हाय, मारो धक्के, मजा आ रहा है.’
मेरी बात सुन वो तेज़ी से धक्के मारने लगा. मैं उससे चुदवाते हुए मस्त हो रही थी, उसकी चुदाई मुझे जन्नत की सैर करा रही थी. मैं नीचे से गांड उचकाती सिसयाते हुए बोली- हाय उमेश, जोर जोर से चोदो, तुम्हारा लण्ड छोटा है. जरा ताक़त से चोदो राजा.
मेरी बात सुन उमेश जोर जोर से चोदने लगा. उसका छोटा लण्ड सटासट मेरी चूत में आ जा रहा था. मैं पहली बार चुद रही थी इसलिए उमेश के छोटे लण्ड से भी बहुत मजा आ रहा था. वो इसी तरह चोदते हुए मुझे जन्नत का मजा देने लगा.
10 मिनट के बाद वो मेरी चूचियों पर लुढ़क गया और कुत्ते की तरह हांफने लगा. उसके लण्ड से गरम-गरम पानी मेरी चूत में गिरने लगा. मैं पहली बार चुदी थी और पहली बार चूत में लण्ड की मलाई गिरी थी इसलिए मजे से भर मैं उससे चिपक गई. मेरी चूत भी टपकने लगी.
कुछ देर हम लोग अलग हुए. वो कपड़े पहन कर चला गया. मेरी चूत चिपचिपा गई थी. उमेश मुझे चोद कर चला गया. पर उसकी इस हिम्मत भरी हरकत से मैं मस्त थी. उसने चोदकर बता दिया कि चुदवाने में बहुत मजा है. उमेश ठीक से चोद नहीं पाया था, बस ऊपर से चूत को रगड़ कर चला गया था पर मैं जान गई थी कि चुदाई में अनोखा मजा है.
उसके जाने पर मैंने चड्डी पहन ली थी. मैं सोच रही थी कि जब उमेश के छोटे लण्ड से इतना मज़ा आया है. तो पापा अपना मोटा तगड़ा लण्ड पेलेंगे तो कितना मजा आएगा.
कुछ देर बाद उसने धीरे धीरे चोदते हुए पूछा- मेरी जान दर्द तो नहीं हो रहा है. मजा आ रहा है ना?
‘हाय, मारो धक्के, मजा आ रहा है.’
मेरी बात सुन वो तेज़ी से धक्के मारने लगा. मैं उससे चुदवाते हुए मस्त हो रही थी, उसकी चुदाई मुझे जन्नत की सैर करा रही थी. मैं नीचे से गांड उचकाती सिसयाते हुए बोली- हाय उमेश, जोर जोर से चोदो, तुम्हारा लण्ड छोटा है. जरा ताक़त से चोदो राजा.
मेरी बात सुन उमेश जोर जोर से चोदने लगा. उसका छोटा लण्ड सटासट मेरी चूत में आ जा रहा था. मैं पहली बार चुद रही थी इसलिए उमेश के छोटे लण्ड से भी बहुत मजा आ रहा था. वो इसी तरह चोदते हुए मुझे जन्नत का मजा देने लगा.
10 मिनट के बाद वो मेरी चूचियों पर लुढ़क गया और कुत्ते की तरह हांफने लगा. उसके लण्ड से गरम-गरम पानी मेरी चूत में गिरने लगा. मैं पहली बार चुदी थी और पहली बार चूत में लण्ड की मलाई गिरी थी इसलिए मजे से भर मैं उससे चिपक गई. मेरी चूत भी टपकने लगी.
कुछ देर हम लोग अलग हुए. वो कपड़े पहन कर चला गया. मेरी चूत चिपचिपा गई थी. उमेश मुझे चोद कर चला गया. पर उसकी इस हिम्मत भरी हरकत से मैं मस्त थी. उसने चोदकर बता दिया कि चुदवाने में बहुत मजा है. उमेश ठीक से चोद नहीं पाया था, बस ऊपर से चूत को रगड़ कर चला गया था पर मैं जान गई थी कि चुदाई में अनोखा मजा है.
उसके जाने पर मैंने चड्डी पहन ली थी. मैं सोच रही थी कि जब उमेश के छोटे लण्ड से इतना मज़ा आया है. तो पापा अपना मोटा तगड़ा लण्ड पेलेंगे तो कितना मजा आएगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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