16-06-2022, 03:29 PM
चल मेरी नटखट बहना, नंगी हो जा, अपनी सजा भुगतने को आ जा” कहते हुए अमर ने जबरदस्ती उसके अन्तर्वस्त्र भी उतार दिये. कमला छूटने को हाथ पैर मारती रह गई, पर अमर की शक्ति के सामने उसकी एक न चली. वह अब पूरी नंगी थी. उसका गोरा गेहुवा चिकना कमसिन शरीर अपनी पूरी सुन्दरता के साथ अमर के सामने था. कमला को बाहों में भर कर अमर ने अपनी ओर खीन्चा और अपने दोनो हाथों में कमला के मुलायम जरा जरा से स्तन पकड़ कर सहलाने लगा. चाहता तो नहीं था पर उससे न रहा गया और उन्हें जोर से दबाने लगा. वह दर्द से कराह उठी और रोते हुए बोली “भैया, दर्द होता है, इतनी बेरहमी से मत मसलो मेरी चूचियों को”.
अमर तो वासना से पागल था. कमला का रोना उसे और उत्तेजित करने लगा. उसने अपना मुंह खोल कर कमला के कोमल रसीले होंठ अपने होंठों में दबा लिये और उन्हें चूसते हुए अपनी बहन के मीठे मुख रस का पान करने लगा. साथ ही वह उसे धकेलता हुआ पलंग तक ले गया और उसे पटक कर उसपर चढ़ बैठा. झुक कर उसने कमला के गोरे स्तन के काले चूचुक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. उसके दोनों हाथ लगातार अपनी बहन के बदन पर घूंम रहे थे. उसका हर अन्ग उसने खूब टटोला.
अमर तो वासना से पागल था. कमला का रोना उसे और उत्तेजित करने लगा. उसने अपना मुंह खोल कर कमला के कोमल रसीले होंठ अपने होंठों में दबा लिये और उन्हें चूसते हुए अपनी बहन के मीठे मुख रस का पान करने लगा. साथ ही वह उसे धकेलता हुआ पलंग तक ले गया और उसे पटक कर उसपर चढ़ बैठा. झुक कर उसने कमला के गोरे स्तन के काले चूचुक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. उसके दोनों हाथ लगातार अपनी बहन के बदन पर घूंम रहे थे. उसका हर अन्ग उसने खूब टटोला.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.