16-06-2022, 03:21 PM
तब वो शरमाते हुए बोली – लौड़ा कहते हैं आपा.
मैंने कहा – ये हुई न बात! चल अब जल्दी से कपड़े पहन लेती हूँ, भूख भी बहुत लगी है.
तब अफ़रोज़ ने कहा – किस चीज़ की भूख लगी है आपा?
मैं उसकी शरारत समझ गयी, बोली – ज्यादा शरारत न करो. वरना भाई से कह कर तेरी नन्ही सी बुर की धज्जियां उड़वा दूंगी.
तब वो माफ़ी मांगते हुए बोली – रहम करना मेरी आपा, अपनी बहन की इस नाजुक सी चूत पर!
और फ़टाफ़ट हम लोग कपड़े पहन कर नीचे चले आये.
मैंने कहा – ये हुई न बात! चल अब जल्दी से कपड़े पहन लेती हूँ, भूख भी बहुत लगी है.
तब अफ़रोज़ ने कहा – किस चीज़ की भूख लगी है आपा?
मैं उसकी शरारत समझ गयी, बोली – ज्यादा शरारत न करो. वरना भाई से कह कर तेरी नन्ही सी बुर की धज्जियां उड़वा दूंगी.
तब वो माफ़ी मांगते हुए बोली – रहम करना मेरी आपा, अपनी बहन की इस नाजुक सी चूत पर!
और फ़टाफ़ट हम लोग कपड़े पहन कर नीचे चले आये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.