16-06-2022, 03:17 PM
ब हम लोग काम की बात पर आये थे. तब मैंने भाई से कहा – भाई अफ़रोज़ भी तो जवान है, उसका भी तो मन करता होगा, अपनी जवानी का मज़ा लेने का! रही मुमानी की बात … तो उनको तो मैं अकसर मामुजान से चुदाते हुए देखती हूँ. वो अब भी टांगें उठा उठा कर बहुत मज़े से चुदवाती हैं मामुजान से … और मामु जान भी कम नहीं हैं बहुत दम है उनके लौड़े में … इस उमर में भी थका डालते हैं मुमानी को! उस दिन तो मैंने देखा कि वो मुमानी की चूतमार रहे थे और मुमानी चिल्ला रही थी.
भाई ने बड़ी हैरत से पूछा – अच्छा, मामूजान भी ऐसे भी मारते हैं? शकल से तो बहुत शरीफ़ नज़र आते हैं.
तब मैंने कहा – भाई, पता है मैंने मुमानी की बातें भी सुनी थी, वो कह रही थी मामु से कि अब आप में पहले की तरह मज़बूती नहीं रह गयी. पहले तो सारी रात ही पड़े रहते थे मेरी ओखली में अपना मूसल डाले … अब पता नहीं क्या हो गया है आपको. तब मामू ने कहा ‘क्या बतायें बेगम, अब बच्चियां जवान हो गयी हैं, डर लगा रहता है कहीं हम दोनों की चुदायी देख कर बहक ना जायें. तब मुमानी ने कहा ‘अरे वो अपने रूम में सो रही हैं तुम उनकी फ़िकर क्यूं करते हो, जम कर मारो आज मेरी चूत!’ और फ़िर मामू ने बहुत जोरदार बुर चोदी थी मुमानी की!
मैं आगे बोली – मुझे तो अफ़रोज़ और आज़रा पर तरस आता है कि बेचारी इतनी कातिल जवानी लेकर भी प्यासी हैं.
तब भाई ने कहा – क्या किया जा सकता है?
तब मैंने कहा – भाई अगर अफ़रोज़ तुमसे चोदने को कहे, तो क्या तुम चोदोगे उसे?
तब भाई ने कहा – हां क्यूं नहीं, कहीं न कहीं तो वो अपनी चूत की प्यास बुझायेगी ही तब घर में ही क्यूं नहीं. अम्मी का कहना भी यही है कि चुदायी की पहल हमेशा घर से ही करनी चाहिये. तभी तो मैं हमेशा तुम्हारा ख्याल रखता हूँ.
तभी मैं भी झड़ने के करीब आ गयी और भाई से कहा – अब बातें बाद में चोदना, मैं झड़ रही हूँ, पहले मुझे सम्भालो!
भाई बातें भूल कर फ़िर से मुझे चोदने लगे और मैं झड़कर एक तरफ़ लेट गयी.
मैंने भाई से कहा – भाई, मैं अफ़रोज़ से बात करुंगी. हो सकता है काम बन जाये, बेचारी को तरसना ना पड़े!
और फ़िर धीरे से दरवाज़े की तरफ़ देखा तो अफ़रोज़ नीचे जा चुकी थी.
तब ही मैंने हंस कर कहा – साले बहुत मज़ेदार नाटकबाज़ हो तुम! खूब जोरदार चुदायी का नाटक करते हो.
तब भाई ने कहा – साली रण्डी, तू भी किसी कुतिया से कम नहीं है. ऐसे चिल्ला रही थी, जैसे पहली बार मरवा रही हो चूत! अच्छा ये बताओ कि अब क्या अफ़रोज़ की चूत में खलबली हुई होगी?
तब मैंने कहा – 100% खलबली हुई होगी. अरे तुम्हारा हलब्बी लंड देखकर अफ़्फ़ो क्या उसकी तो अम्मी भी अपनी चूत पसार देगी तुम्हारे आगे! ये तो अच्छा ही हुआ कि उसने हमारी चुदायी देख ली, अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. काम आसान हो गया है साली खुद ही राज़ी हो जायेगी.
तब भाई ने कहा – ये तो अच्छा हुआ कि अफ़रोज़ ही आयी थी. अगर कहीं मामु जान आय होते तो क्या होता?
मैंने कहा – तुम्हारा क्या होता? जो होता मेरा होता वो अपना बम पिलाट लंड लेकर आ जाते और मेरी खुली चूत में डाल देते. हालत मेरी खराब होती!
तब भाई ने कहा – हालत क्यूं खराब होती मेरी जान? तुम्हें तो मैं इतना एक्सपर्ट कर चुका हूँ कि तुम तो चार लंड एक साथ अपनी चूत में ले चुकी हो. फ़िर भला मामू किस खेत की मूली हैं.
मैंने कहा – साले मूली नहीं, पूरा बांस है उनका लंड मैंने देखा है कितना लम्बा है. अगर तेरी गांड में डाल दे तो बरदाश्त नहीं कर पायेगा. बातें चोद रहा है!
तब भाई ने हंसते हुए कहा – अच्छा अच्छा मेरी छिनाल बहन, अब कपड़े पहन लो क्योंकि मामू को तो तुम्हारी चूत झेल लेगी. अगर कहीं अफ़रोज़ अपनी अम्मी और बहन दोनों के साथ आ गयी, तो मेरा लंड अभी इस हालत में नहीं है कि मैं उन तीनों को एक साथ झेल जाऊँ.
मैंने कहा – सिर्फ़ तीन क्यों? मुझे नहीं गिन रहे हो? चारों को चोदना पड़ेगा तुम्हें!
और ये कह कर मैं हंसने लगी और भाई भी हंसने लगे.
और वहीं छत पर अफ़रोज़ को भी ऊपरी मजा यानि खाली चूची मसलने का मजा दिया. उसके बाद उसकी चुदाई भी की
भाई ने बड़ी हैरत से पूछा – अच्छा, मामूजान भी ऐसे भी मारते हैं? शकल से तो बहुत शरीफ़ नज़र आते हैं.
तब मैंने कहा – भाई, पता है मैंने मुमानी की बातें भी सुनी थी, वो कह रही थी मामु से कि अब आप में पहले की तरह मज़बूती नहीं रह गयी. पहले तो सारी रात ही पड़े रहते थे मेरी ओखली में अपना मूसल डाले … अब पता नहीं क्या हो गया है आपको. तब मामू ने कहा ‘क्या बतायें बेगम, अब बच्चियां जवान हो गयी हैं, डर लगा रहता है कहीं हम दोनों की चुदायी देख कर बहक ना जायें. तब मुमानी ने कहा ‘अरे वो अपने रूम में सो रही हैं तुम उनकी फ़िकर क्यूं करते हो, जम कर मारो आज मेरी चूत!’ और फ़िर मामू ने बहुत जोरदार बुर चोदी थी मुमानी की!
मैं आगे बोली – मुझे तो अफ़रोज़ और आज़रा पर तरस आता है कि बेचारी इतनी कातिल जवानी लेकर भी प्यासी हैं.
तब भाई ने कहा – क्या किया जा सकता है?
तब मैंने कहा – भाई अगर अफ़रोज़ तुमसे चोदने को कहे, तो क्या तुम चोदोगे उसे?
तब भाई ने कहा – हां क्यूं नहीं, कहीं न कहीं तो वो अपनी चूत की प्यास बुझायेगी ही तब घर में ही क्यूं नहीं. अम्मी का कहना भी यही है कि चुदायी की पहल हमेशा घर से ही करनी चाहिये. तभी तो मैं हमेशा तुम्हारा ख्याल रखता हूँ.
तभी मैं भी झड़ने के करीब आ गयी और भाई से कहा – अब बातें बाद में चोदना, मैं झड़ रही हूँ, पहले मुझे सम्भालो!
भाई बातें भूल कर फ़िर से मुझे चोदने लगे और मैं झड़कर एक तरफ़ लेट गयी.
मैंने भाई से कहा – भाई, मैं अफ़रोज़ से बात करुंगी. हो सकता है काम बन जाये, बेचारी को तरसना ना पड़े!
और फ़िर धीरे से दरवाज़े की तरफ़ देखा तो अफ़रोज़ नीचे जा चुकी थी.
तब ही मैंने हंस कर कहा – साले बहुत मज़ेदार नाटकबाज़ हो तुम! खूब जोरदार चुदायी का नाटक करते हो.
तब भाई ने कहा – साली रण्डी, तू भी किसी कुतिया से कम नहीं है. ऐसे चिल्ला रही थी, जैसे पहली बार मरवा रही हो चूत! अच्छा ये बताओ कि अब क्या अफ़रोज़ की चूत में खलबली हुई होगी?
तब मैंने कहा – 100% खलबली हुई होगी. अरे तुम्हारा हलब्बी लंड देखकर अफ़्फ़ो क्या उसकी तो अम्मी भी अपनी चूत पसार देगी तुम्हारे आगे! ये तो अच्छा ही हुआ कि उसने हमारी चुदायी देख ली, अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. काम आसान हो गया है साली खुद ही राज़ी हो जायेगी.
तब भाई ने कहा – ये तो अच्छा हुआ कि अफ़रोज़ ही आयी थी. अगर कहीं मामु जान आय होते तो क्या होता?
मैंने कहा – तुम्हारा क्या होता? जो होता मेरा होता वो अपना बम पिलाट लंड लेकर आ जाते और मेरी खुली चूत में डाल देते. हालत मेरी खराब होती!
तब भाई ने कहा – हालत क्यूं खराब होती मेरी जान? तुम्हें तो मैं इतना एक्सपर्ट कर चुका हूँ कि तुम तो चार लंड एक साथ अपनी चूत में ले चुकी हो. फ़िर भला मामू किस खेत की मूली हैं.
मैंने कहा – साले मूली नहीं, पूरा बांस है उनका लंड मैंने देखा है कितना लम्बा है. अगर तेरी गांड में डाल दे तो बरदाश्त नहीं कर पायेगा. बातें चोद रहा है!
तब भाई ने हंसते हुए कहा – अच्छा अच्छा मेरी छिनाल बहन, अब कपड़े पहन लो क्योंकि मामू को तो तुम्हारी चूत झेल लेगी. अगर कहीं अफ़रोज़ अपनी अम्मी और बहन दोनों के साथ आ गयी, तो मेरा लंड अभी इस हालत में नहीं है कि मैं उन तीनों को एक साथ झेल जाऊँ.
मैंने कहा – सिर्फ़ तीन क्यों? मुझे नहीं गिन रहे हो? चारों को चोदना पड़ेगा तुम्हें!
और ये कह कर मैं हंसने लगी और भाई भी हंसने लगे.
और वहीं छत पर अफ़रोज़ को भी ऊपरी मजा यानि खाली चूची मसलने का मजा दिया. उसके बाद उसकी चुदाई भी की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.