Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest भाई बहन की आपस में चुदाई
#89
तब भाई सम्भल कर बैठ गये और मैं धड़ से उनके लंड पर बैठने को हुई कि उनका लंड पीछे चला गया और मेरी गांड के नीचे दब गया. भाई के मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गई – आआअह मार डाला कुतिया… सालीईई मैं पहले ही कह रहा था, तू नहीं कर पायेगी मगर तू तो आज मेरी गांड फ़ाड़ने पर अमादा है. हट जा, ज़रा सहलाने दे लंड को, बहुत ज़ोर से दबा है! एक तो तेरे चूतड़ इतने भारी हैं, ऊपर से 9 मन का बोझ!

तब भाई सम्भल कर बैठ गये और मैं धड़ से उनके लंड पर बैठने को हुई कि उनका लंड पीछे चला गया और मेरी गांड के नीचे दब गया. भाई के मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गई – आआअह मार डाला कुतिया… सालीईई मैं पहले ही कह रहा था, तू नहीं कर पायेगी मगर तू तो आज मेरी गांड फ़ाड़ने पर अमादा है. हट जा, ज़रा सहलाने दे लंड को, बहुत ज़ोर से दबा है! एक तो तेरे चूतड़ इतने भारी हैं, ऊपर से 9 मन का बोझ!

मुझे भाई की हालत देख कर हंसी आ गई और मैंने कहा – एक बार निशाना चूक गया तो गांड फ़ट गई? अरे मेरी चूत की तुम और अब्बु मिलकर कितनी बार कुटाई कर चुके हो?
तब भाई थोड़ा नोर्मल हो गये और मैं फ़िर से खड़ी हो गई, मुझे खड़ा होते देख कर भाई की गांड फ़ट गई, बोले – क्या इरादा है अब तेरा?
मैंने कहा – भाई वन्स मोर! कोशिश करो प्लीज!
तब भाई ने कहा – बहुत बड़ी निशानची बन रही है? याद रख, तुझे चांस तो दे रहा हूं, अगर इस बार निशाना चूका तो किसी कुत्ते से तेरी गांड मरवाऊँगा!
हम दोनों अपनी वासना में इतने गुम हो गये थे कि भूल ही गये थे कि यह घर मुमानी का है और हम लोग छत पे हैं, मुझे ज़रा आहट हुई तो देखा कि खाला की छोटी लड़की अफ़रोज़ दरवाज़े की आड़ लेकर खड़ी है और पता नहीं कब से हम दोनों की बातें सुन रही थी और नज़ारा देख कर मजा ले रही थी.
मैं उसे देख कर थोड़ा सकपका गई और सम्भलते हुए भाई की गोद में बैठ कर उसके कान में धीरे से कहा – भाई, अफ़रोज़ पता नहीं, कितनी देर से हम लोगों को देख रही है और हमारी बातें भी सुन ली हैं उसने!
तब तो भाई भी घबरा गया लेकिन भाई ने धीरे से कहा – अब तो देख ही लिया है, मेरे ख्याल से ये ज्यादा कुछ नहीं करेगी, बस हम लोगों की चुदाई देखेगी, इसमें हमारा ही फ़ायदा है!
मैंने कहा – भाई, अगर मुमानी से कह दिया इसने… तब क्या होगा? मामु और मुमानी क्या सोचेंगी कि हम लोग आपस में चोदा चोदी करते हैं?
तब भाई ने कहा – ऐसा कुछ नहीं होगा, अब हमें इसकी प्यास भड़कानी है, इसको इस बात का एहसास करा देना है कि चुदाई में बहुत मजा आता है. जवान तो ये भी है साली कितनी देर तक बरदाश्त करेगी चूत की प्यास को! और फ़िर जब मेरा औज़ार तुम्हारी चूत में घुसते हुए देखेगी, तब साली खुद ही उंगली करेगी अपनी बुर में और कसम से मैं तो पहले दिन से इन दोनों बहनों को चोदने के चक्कर में हूं. मगर हाथ ही नहीं धरने देती हैं साली दोनों बहनें… पर आज यकीनन इसकी चूत में चुदाई का कीड़ा रेंगने लगेगा. बस तुम इस तरह से दिखाना कि तुमको बहुत मजा आ रहा है, फ़िर देखो कैसे लाइन पर आती है.
उस दिन छत पर जब हम दोनों चुदायी लीला कर रहे थे, तब ही मेरी मुमानी की बड़ी लड़की अफ़रोज़ छत पर आ गयी थी और चुपके से छुप कर हमारी बातें सुन रही थी और देख भी रही थी.
भाई ने मुझे बांहों में भर लिया और अपना तना हुआ लंड मेरी चूत से रगड़ने लगे. मैं अफ़रोज़ को दिखाने के लिये मादक सिसकियां निकाल रही थी मुंह से – आआययीई … भाई जान, बहुत गुदगुदी हो रही है … आआह्हह प्लीज़ … अब घुसा दीजिये अपना लंड मेरी चूत में!
और मैंने अपने दोनों हाथ से भाई का लंड पकड़ लिया और मसलने लगी.
भाई भी अफ़रोज़ को दिखाने के लिये ज़ोर ज़ोर से कराह रहे थे, ताकि इसकी चूत में भी खुजली होने लगे और वो भाई की टांगों के नीचे खुद ब खुद चूत फ़ैला कर पसर जाये. अब उन्होंने अपने हाथ से मेरी चूत को फ़ैलाया और अपने लौड़े का मुहाना मेरी चूत पर रख कर मुझसे धीरे से बोले देखो – इस तरह की एक्टिंग करना कि अफ़रोज़ पूरी तरह से चुदासी हो जाये! पता है कि तुम्हारी चूत ढीली हो चुकी है मगर फ़िर भी नाटक करना कुंवारी होने का!
इतना कहकर भाई ने जरा सा लंड ही अंदर ठेला था कि मैं चिल्ला पड़ी – आआह्हह भाईईजान … बहुत दर्द कर रहा है प्लीज़ आहिस्ता आहिस्ता कीजिये आराम से!
भाई ने अपने होठों में मेरी चूची भर ली और चूसने लगे और एक धक्का और मारा. इस बार उनका करीब 5″ लंड अंदर समा गया. मैंने उनकी कमर जोर से पकड़ ली और अपनी दोनों टांगें उनकी पीठ से किसी कैंची की तरह फ़ंसा ली और अपने चूतड़ को ऊपर की तरफ़ उछालने लगी – आआआ आह्हह्ह ह्ह भाई … बहुत मज़ा आ रहा है. अब तो घुसा दीजिये अपना पूरा बाकी का बचा हुआ लंड भी! अययीईई आअह्हह … कसम से जवानी में चुदवाने का मज़ा ही अलग है!
ये सब मैं अफ़रोज़ को सुनाने के लिये कह रही थी, जिसे वो सुन भी रही थी और बहुत मज़े लेकर हम दोनों को देख भी रही थी. उसे नहीं पता था कि हम लोग उसे देख चुके हैं.
तब ही भाई ने अपना पूरा लंड मेरी चूत में जोरदार धक्के के साथ घुसेड़ दिया. मैं आआय यययीईई इस्सस्स इस्सस्स अम्मी माआअर्रर डालाआआअ भाईईइ बहुत दर्द हो रहा है. आप ज़रा भी तरस नहीं खाते अपनी बहन पर … पूरे जल्लाद बन जाते हैं. चोदते वक्त कहीं इतनी जोर से भी धक्का मारा जाता है?
और तब ही भाई मेरी निप्पल को दांत से दबाते हुए बहुत ही आराम से धक्के मारने लगे. अब मैं ऊऊओफ़्फ़ ऊऊओफ़्फ़ फ़्फ़फ़ कर रही थी और अब इस तरह दर्शा रही थी कि मुझे बहुत मस्ती मिल रही है.
“आअहाआ भाई … बहुत मज़ा आ रहा है. थोड़ा और जोर से धक्का मारो ना प्लीज़! तुम्हें अपनी बहन की कसम है … आज सारी ताकत झोंक देना मेरी चूत में! ज़रा भी तरस ना खाना! साली बहुत कुलबुलाती रहती है.”
फ़िर तो भाई ने धक्कों की झड़ी लगा दी, फ़चा-फ़च की आवाज़ निकल रही थी और मैं भी अपने चूतड़ को उछाल रही थी.
तब ही भाई का लंड झड़ने के करीब आया और भाई ने कहा – आरज़ू बहन, अब मैं झड़ने वाला हूँ. तुम्हारी क्या पोजिशन है?
मैंने कहा – क्या बात है, आज आप मुझसे पहले डिस्चार्ज हो रहे हैं? वरना तो मेरा पानी दो बार निकलता था, तब कहीं आप झड़ते थे?
भाई ने कहा – बहुत दिन बाद आज चुदायी कर रहा हूँ ना, इसलिये ऐसा हो रहा है. क्या बतायें, वहां घर की बात ही और थी यहां तो साला मौका ही नहीं मिलता है.
तब मैंने कहा – यहां किसका डर है?
भाई ने कहा – कहीं मुम्मानी की लड़कियां न देख लें! या मामुजान को पता न चल जाये
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: भाई बहन की आपस में चुदाई - by neerathemall - 16-06-2022, 03:13 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)