15-06-2022, 10:27 PM
(This post was last modified: 21-06-2022, 10:32 PM by navisex06. Edited 6 times in total. Edited 6 times in total.)
एक कोने में जाकर मैंने उसके लोअर और पेंटी को नीचे खिसका दिया। उसकी पेंटी उसकी चूत की जगह पर गीली हो रखी थी। मैंने उस रस से भरी खुशबूदार पेंटी को सूँघा और मदहोश हो गया। फिर मैंने खड़े होकर उसके टॉप को उतारा और उसकी ब्रा भी निकाल दी। अब वह मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। उसकी पूरी काया एकदम चमक रही थी। उसका एक एक एक अंग की खूबसूरती , उसके दो बूब्स, उसकी नाभि , उसकी हल्के से बालों से ढकी चूत और उसकी गांड किसी भी मर्द के लन्ड का पानी निकाल सकती थी। वैसे तो मैंने मेघना को कई बार नंगी देखा है लेकिन किसी पराए के घर में किसी पराए देश में आज वह पहली बार मेरे सामने नंगी खड़ी थी और मेघना,मेनका सी लग रही थी। अभी मुझे समझ में आया कि उसकी सहेलियों के पति उसकी इतनी तारीफ क्यों करते हैं। मुझे पक्का यकीन है कि उन्होंने मेघना को अपने सपनों में भी जरूर चोदा होगा।
मेघना झुकी और उसने मेरे शॉट्स को उतार दिया। मेरा लंड सांप की तरह फंफनाता हुआ उसके आंखों के सामने फिर से आ गया उसकी आंखें चमक उठी। उसने मेरे लन्ड को पकड़ा और कहा शुभम तुम्हारा लन्ड क्या सोच कर इतना मोटा हो गया। मैंने उसे कहा कुछ नहीं आओ तुम्हारी चुदाई करता हूं। फिर मैंने अपनी टीशर्ट उतार कोने में जाकर मैंने उसके लोअर और पेंटी को नीचे किसका दिया। उसकी पेंटी उसकी चूत की जगह पर गीली हो रखी थी। मैंने उस रस से भरी खुशबूदार पेंटी को सुंधा और मदहोश हो गया। फिर मैंने खड़े होकर उसके टॉप को उतारा और उसकी ब्रा भी निकाल दी। अब वह मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। उसकी पूरी काया एकदम चमक रही थी। उसका एक एक अंग उसके दो बूब्स उसकी नाभि उसकी हल्के से बालों से ढकी चूत और उसकी गांड किसी भी मर्द के लन्ड का पानी निकाल सकती थी। अभी मुझे समझ में आया कि उसकी सहेलियों के पति उसकी इतनी तारीफ क्यों करते हैं। मुझे पक्का यकीन है कि उन्होंने मेघना को अपने सपनों में भी जरूर चोदा होगा। मेघना झुकी और उसने मेरे शॉट्स को उतार दिया मेरा लन्ड फन फन आता हुआ उसके आंखों के सामने फिर से आ गया उसकी आंखें चमक उठी। उसने मेरे ल को पकड़ा और कहा शुभम तुम्हारा ल क्या सोच कर इतना मोटा हो गया। मैंने उसे कहा कुछ नहीं आओ तुम्हारी चुदाई करता हूं। फिर मैंने अपनी टीशर्ट उतार दी और हम दोनों गेराज के अंधेरे में नंगे हो गए। मेघना को मैंने गैराज में पड़ी एक कालीन पर लेटाया और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया। फिर उसके दोनों सफेद कबूतरों और निपल्स को खूब देर तक चूसा। उसके निपल्स एकदम कड़े हो गए और छत की तरफ तन गए। फिर मैंने नीचे आकर उसकी नाभि के अमृत को खूब देर तक पिया और फिर वहां से मैं कश्मीर की घाटी की तरफ बढ़ गया। उसने कहा आज नहीं.. बस लन्ड डालो मैंने बोला बस एक किस। उसने मुझे परमिशन दी और मैं उस गुलाबी घाटी की खुशबू की तरह खिंचा चला गया। मैंने उसकी चूत की पंखुड़ी खोली और अपनी जीभ से उस घाटी की बहती नदी का पानी पीना शुरू किया। उसकी चूत से निकला पानी वाकई स्वर्ग का अमृत है। फिर मैंने उसे पलटा और उसकी पीठ और उसकी सुंदर और सुडौल गांड को बेतहाशा चूमना शुरू
कर दिया।
how to adjust your computer screen size
उसकी छोटे से गांड के छेद में अपनी जीभ डाली । जिससे वह एकदम से हुचक गई। उसने कहा नहीं सिर्फ लन्ड चाहिए मैं उसकी तरफ घुमा और अपना लन्ड उसके मुंह की तरफ कर दिया। अब हम दोनों 69 की पोजीशन में थे उसकी चूत मेरे मुंह में और मेरा लंड उसके मुंह में। हमारे फोरप्ले का टाइम कुछ देर तक ऐसे ही चला। मैं फिर से पलट कर उसकी चूत की तरफ आया और अपने लन्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के ऊपर रखा और उससे कहा इतनी गरम चूत की भट्टी में मेरा लोहे की रॉड जैसा लन्ड बहुत जल्दी पिघल जाएगा। मैंने अपना लन्ड एक बार में उसकी चूत में घुसा दिया और घुसते ही उसके मुंह से एक सिसकारी निकली। मैंने अपना लन्ड हल्का सा बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्का लगाया । इस बार सिसकारी पहले से ज्यादा तेज थी। हम इस बात से अनजान थे कि हम किसी और के घर में चुपके चुपके चुदाई का खेल खेल रहे थे। मैंने उसको तेज से चोदना शुरू कर दिया और हर झटके के साथ मैं और मेघना मदहोश होते चले गए । हमें यह होश ही नहीं रहा की गैराज के अंदर कोई आप भी सकता है। मेघना नीचे लेटी हुई अपनी चूत चुदाई के आनंद से भीगी हुई अपनी आंखें बंद करी हुई थी। अचानक लन्ड के एक जोरदार झटके से उसकी आंख थोड़ी देर के लिए खुली और उसने देखा कि 1 जोड़ी आंखें उसे घूर रही है।
मेघना झुकी और उसने मेरे शॉट्स को उतार दिया। मेरा लंड सांप की तरह फंफनाता हुआ उसके आंखों के सामने फिर से आ गया उसकी आंखें चमक उठी। उसने मेरे लन्ड को पकड़ा और कहा शुभम तुम्हारा लन्ड क्या सोच कर इतना मोटा हो गया। मैंने उसे कहा कुछ नहीं आओ तुम्हारी चुदाई करता हूं। फिर मैंने अपनी टीशर्ट उतार कोने में जाकर मैंने उसके लोअर और पेंटी को नीचे किसका दिया। उसकी पेंटी उसकी चूत की जगह पर गीली हो रखी थी। मैंने उस रस से भरी खुशबूदार पेंटी को सुंधा और मदहोश हो गया। फिर मैंने खड़े होकर उसके टॉप को उतारा और उसकी ब्रा भी निकाल दी। अब वह मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। उसकी पूरी काया एकदम चमक रही थी। उसका एक एक अंग उसके दो बूब्स उसकी नाभि उसकी हल्के से बालों से ढकी चूत और उसकी गांड किसी भी मर्द के लन्ड का पानी निकाल सकती थी। अभी मुझे समझ में आया कि उसकी सहेलियों के पति उसकी इतनी तारीफ क्यों करते हैं। मुझे पक्का यकीन है कि उन्होंने मेघना को अपने सपनों में भी जरूर चोदा होगा। मेघना झुकी और उसने मेरे शॉट्स को उतार दिया मेरा लन्ड फन फन आता हुआ उसके आंखों के सामने फिर से आ गया उसकी आंखें चमक उठी। उसने मेरे ल को पकड़ा और कहा शुभम तुम्हारा ल क्या सोच कर इतना मोटा हो गया। मैंने उसे कहा कुछ नहीं आओ तुम्हारी चुदाई करता हूं। फिर मैंने अपनी टीशर्ट उतार दी और हम दोनों गेराज के अंधेरे में नंगे हो गए। मेघना को मैंने गैराज में पड़ी एक कालीन पर लेटाया और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया। फिर उसके दोनों सफेद कबूतरों और निपल्स को खूब देर तक चूसा। उसके निपल्स एकदम कड़े हो गए और छत की तरफ तन गए। फिर मैंने नीचे आकर उसकी नाभि के अमृत को खूब देर तक पिया और फिर वहां से मैं कश्मीर की घाटी की तरफ बढ़ गया। उसने कहा आज नहीं.. बस लन्ड डालो मैंने बोला बस एक किस। उसने मुझे परमिशन दी और मैं उस गुलाबी घाटी की खुशबू की तरह खिंचा चला गया। मैंने उसकी चूत की पंखुड़ी खोली और अपनी जीभ से उस घाटी की बहती नदी का पानी पीना शुरू किया। उसकी चूत से निकला पानी वाकई स्वर्ग का अमृत है। फिर मैंने उसे पलटा और उसकी पीठ और उसकी सुंदर और सुडौल गांड को बेतहाशा चूमना शुरू
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उसकी छोटे से गांड के छेद में अपनी जीभ डाली । जिससे वह एकदम से हुचक गई। उसने कहा नहीं सिर्फ लन्ड चाहिए मैं उसकी तरफ घुमा और अपना लन्ड उसके मुंह की तरफ कर दिया। अब हम दोनों 69 की पोजीशन में थे उसकी चूत मेरे मुंह में और मेरा लंड उसके मुंह में। हमारे फोरप्ले का टाइम कुछ देर तक ऐसे ही चला। मैं फिर से पलट कर उसकी चूत की तरफ आया और अपने लन्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के ऊपर रखा और उससे कहा इतनी गरम चूत की भट्टी में मेरा लोहे की रॉड जैसा लन्ड बहुत जल्दी पिघल जाएगा। मैंने अपना लन्ड एक बार में उसकी चूत में घुसा दिया और घुसते ही उसके मुंह से एक सिसकारी निकली। मैंने अपना लन्ड हल्का सा बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्का लगाया । इस बार सिसकारी पहले से ज्यादा तेज थी। हम इस बात से अनजान थे कि हम किसी और के घर में चुपके चुपके चुदाई का खेल खेल रहे थे। मैंने उसको तेज से चोदना शुरू कर दिया और हर झटके के साथ मैं और मेघना मदहोश होते चले गए । हमें यह होश ही नहीं रहा की गैराज के अंदर कोई आप भी सकता है। मेघना नीचे लेटी हुई अपनी चूत चुदाई के आनंद से भीगी हुई अपनी आंखें बंद करी हुई थी। अचानक लन्ड के एक जोरदार झटके से उसकी आंख थोड़ी देर के लिए खुली और उसने देखा कि 1 जोड़ी आंखें उसे घूर रही है।