15-06-2022, 06:03 PM
जैसे ही वह उठ कर खड़ा हुआ तब उसे अपनी नग्नता का एहसास हुआ और अपने तने हुए कठोर लिंग को देख कर शरमाते हुए उसे अपने हाथों से ढक लिया।
इसके बाद मैंने कम्बल से बाहर आते हुए कहा- हमें अब जल्दी से तैयार हो कर य्ल्लास के लिए चलना चाहिए। अगर देर हो गई तो हमारी वापसी फ्लाइट छूट जाएगी।”
रात की क्रिया के बाद सैम के सामने नग्न खड़े होने में मुझे कुछ संकोच होने तो निरर्थक था इसलिए मैं बिस्तर से निकल कर उसके सामने ही कुर्सी पर रखे कपड़ों को पहनने लगी।
मेरे देखा देखी सैम ने भी दूसरी कुर्सी पर रखे अपने कपड़े पहनते हुए बोला- मम्मी, मुझे बचाने के लिए आपने रात को जो भी किया उसके लिए मैं जीवन भर आपका कृतज्ञ रहूँगा। कल रात आपने मुझे पुनर्जन्म दिया है।
मैंने उसकी ओर देखते हुए कहा- बेटा, ऐसा नहीं कहते। माँ और बेटे के बीच में कोई किसी का कृतज्ञ नहीं होता। एक माँ को अगर अपनी संतान की रक्षा के लिए काल का भी सामना करना पड़े तो वह उसमे भी पीछे नहीं हटेगी। मैंने भी अपनी संतान की रक्षा के लिए सिर्फ एक माँ का कर्तव्य निभा कर तुम्हें जीवित रखा है। तुम इसे पुनर्जन्म कहना चाहो तो तुम्हारी इच्छा है।
कुछ ही मिनटों में दोनों तैयार हो कर टिम्बर शैक से बाहर निकले तो तूफ़ान एवम् बर्फ़बारी बंद हो चुकी थी और आकाश में माध्यम उजाला भी दिखने लगा था।
हम तेज़ी से पेड़ों के बीच में डेढ़ घंटे तक पैदल चलते हुए य्ल्लास पहुंचे और वहाँ से अपनी वापसी फ्लाइट ले कर शाम तक घर पहुँच गए।
अन्तर्वासना के पाठको एवम् पाठिकाओ… मुझे विश्वास है कि आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसे आपकी प्रिये लेखिका श्रीमती तृष्णा लूथरा ने मुझसे पूछा था और तब मैंने कहा था कि मैं उस प्रश्न का उत्तर फिर कभी बताऊंगी।
इसके बाद मैंने कम्बल से बाहर आते हुए कहा- हमें अब जल्दी से तैयार हो कर य्ल्लास के लिए चलना चाहिए। अगर देर हो गई तो हमारी वापसी फ्लाइट छूट जाएगी।”
रात की क्रिया के बाद सैम के सामने नग्न खड़े होने में मुझे कुछ संकोच होने तो निरर्थक था इसलिए मैं बिस्तर से निकल कर उसके सामने ही कुर्सी पर रखे कपड़ों को पहनने लगी।
मेरे देखा देखी सैम ने भी दूसरी कुर्सी पर रखे अपने कपड़े पहनते हुए बोला- मम्मी, मुझे बचाने के लिए आपने रात को जो भी किया उसके लिए मैं जीवन भर आपका कृतज्ञ रहूँगा। कल रात आपने मुझे पुनर्जन्म दिया है।
मैंने उसकी ओर देखते हुए कहा- बेटा, ऐसा नहीं कहते। माँ और बेटे के बीच में कोई किसी का कृतज्ञ नहीं होता। एक माँ को अगर अपनी संतान की रक्षा के लिए काल का भी सामना करना पड़े तो वह उसमे भी पीछे नहीं हटेगी। मैंने भी अपनी संतान की रक्षा के लिए सिर्फ एक माँ का कर्तव्य निभा कर तुम्हें जीवित रखा है। तुम इसे पुनर्जन्म कहना चाहो तो तुम्हारी इच्छा है।
कुछ ही मिनटों में दोनों तैयार हो कर टिम्बर शैक से बाहर निकले तो तूफ़ान एवम् बर्फ़बारी बंद हो चुकी थी और आकाश में माध्यम उजाला भी दिखने लगा था।
हम तेज़ी से पेड़ों के बीच में डेढ़ घंटे तक पैदल चलते हुए य्ल्लास पहुंचे और वहाँ से अपनी वापसी फ्लाइट ले कर शाम तक घर पहुँच गए।
अन्तर्वासना के पाठको एवम् पाठिकाओ… मुझे विश्वास है कि आपको उस प्रश्न का उत्तर भी मिल गया होगा जिसे आपकी प्रिये लेखिका श्रीमती तृष्णा लूथरा ने मुझसे पूछा था और तब मैंने कहा था कि मैं उस प्रश्न का उत्तर फिर कभी बताऊंगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
