15-06-2022, 05:59 PM
अगली सुबह मंजू और सिद्धार्थ के जाने के बाद मैं फिर से अपने कमरे में रहने लगी और जब भी उस बाथरूम में जाती तो उस रात का दृश्य एक चलचित्र की तरह मेरी आँखों के सामने घूम जाता।
हालाँकि उस दिन के बाद इस तरह की कोई घटना मेरे साथ नहीं घटी है लेकिन आज तक मुझे अपने उस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है और शायद जीवन भर मिलेगा भी नहीं।
हालाँकि उस दिन के बाद इस तरह की कोई घटना मेरे साथ नहीं घटी है लेकिन आज तक मुझे अपने उस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है और शायद जीवन भर मिलेगा भी नहीं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.