15-06-2022, 05:54 PM
जब मैं उस वीर्य की बौछार से बचने के लिए उसके रास्ते से हटने लगी तो हट नहीं सकी क्योंकि सिद्धार्थ ने बहुत कस के अपने साथ जकड़ रखा था तथ उसने एक हाथ में मेरा स्तन भी थाम रखा था।
छह-सात बार बौछार करने के बाद जब वीर्य स्खलन बंद हो गया तब मैंने लिंग को छोड़ कर अपने को सिद्धार्थ से अलग करने की चेष्टा करी।
सिद्धार्थ ने मेरे स्तन को छोड़ दिया और अपनी पकड़ को ढीला कर दिया तथा अपनी ऊँगली को मेरी योनी से बाहर निकाल कर अपना हाथ वहाँ से हटा लिया।
उसके हाथ को देख कर मुझे हैरानी हुई क्योंकि वह बहुत गीला था और ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने मेरी योनि में से हुए रस-स्त्राव से अपना हाथ धोया हो।
सिद्धार्थ अपने उस हाथ को अपने मुंह में लगा कर चाटने लगा और बोला- दीदी, आपका रस तो अमृत है। सच में यह मंजू के रस से बहुत ज्यादा मीठा है तथा कहीं अधिक स्वादिष्ट भी है।
छह-सात बार बौछार करने के बाद जब वीर्य स्खलन बंद हो गया तब मैंने लिंग को छोड़ कर अपने को सिद्धार्थ से अलग करने की चेष्टा करी।
सिद्धार्थ ने मेरे स्तन को छोड़ दिया और अपनी पकड़ को ढीला कर दिया तथा अपनी ऊँगली को मेरी योनी से बाहर निकाल कर अपना हाथ वहाँ से हटा लिया।
उसके हाथ को देख कर मुझे हैरानी हुई क्योंकि वह बहुत गीला था और ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने मेरी योनि में से हुए रस-स्त्राव से अपना हाथ धोया हो।
सिद्धार्थ अपने उस हाथ को अपने मुंह में लगा कर चाटने लगा और बोला- दीदी, आपका रस तो अमृत है। सच में यह मंजू के रस से बहुत ज्यादा मीठा है तथा कहीं अधिक स्वादिष्ट भी है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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