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Misc. Erotica पारस्परिक हस्त मैथुन
#47
दो मिनट के अंतराल में ही मेरे और सिद्धार्थ के मुख से कुछ ऊँचे स्वर में सिस्कारिया एवम् हुंकार निकलने लगी थी।[Image: 40887228_102_484d.jpg]

उसी समय मेरे उदर के नीचे भाग की माँस-पेशियाँ एकदम से खिंच गई और मेरी योनि ने पूरी तरह से सिकुड़ कर सिद्धार्थ की ऊँगली को जकड़ लिया।[Image: 40887228_147_2a65.jpg]
मेरी दोनों टाँगें ऐंठ गई और एड़ियाँ ऊपर उठ गई जिस कारण मैं अपना संतुलन खोकर गिरने वाली थी तभी सिद्धार्थ ने मुझे अपने शरीर के साथ जकड़ कर संभाला।
उस बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण में मेरी दोनों आँखें बंद हो गई, सांसें तेज़ हो गई और योनि में अत्यधिक सिकु्ड़न होने के साथ ही उसमें से रस का स्खलन होने लगा।[Image: 40887228_266_d7a1.jpg]
तभी मेरे हाथ में पकड़े सिद्धार्थ के लिंग में मुझे स्पंदन का अनुभूति हुई और साथ ही मुझे अपनी जांघ पर कुछ गर्मी महसूस हुई।
जब मैंने चौंक कर नीचे देखा तो पाया कि सिद्धार्थ का लिंग झटकों के साथ अपने वीर्य की बौछार मेरी जांघ पर कर रहा था।
[Image: 023.jpg]

[Image: 38879589_002_de3b.jpg]



[Image: 38879589_003_dc46.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पारस्परिक हस्त मैथुन - by neerathemall - 15-06-2022, 05:46 PM



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