15-06-2022, 05:33 PM
योंकि हम दोनों के बीच में कुछ फासला था इसलिए मुझे और सिद्धार्थ को कुछ कठिनाई आ रही थी इसलिए उसने अपनी दाईं बाजू को मेरे कन्धों पर रख कर मुझे अपने निकट खींच लिया।
इस निकटता के कारण मेरा बायाँ स्तन सिद्धार्थ की छाती के दाईं भाग से छूने लगा था और जब मैं लिंग हिलाती थी तब वह हम दोनों के शरीर के बीच में होने के कारण दब जाता था।![[Image: 97450827_013_7692.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/48/97450827/97450827_013_7692.jpg)
जब मैं सही विधि से सिद्धार्थ का हस्त-मैथुन करने लगी तब उसने अपना बायाँ हाथ मेरे जघन-स्थल पर रखा और उसी हाथ की बड़ी ऊँगली को मेरी योनि की ओर बढ़ा कर मेरे भगांकुर को ढूँढने लगा।
![[Image: 35219177_058_ae37.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/122/35219177/35219177_058_ae37.jpg)
![[Image: 94767908_005_537f.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/352/94767908/94767908_005_537f.jpg)
इस निकटता के कारण मेरा बायाँ स्तन सिद्धार्थ की छाती के दाईं भाग से छूने लगा था और जब मैं लिंग हिलाती थी तब वह हम दोनों के शरीर के बीच में होने के कारण दब जाता था।
![[Image: 97450827_013_7692.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/48/97450827/97450827_013_7692.jpg)
जब मैं सही विधि से सिद्धार्थ का हस्त-मैथुन करने लगी तब उसने अपना बायाँ हाथ मेरे जघन-स्थल पर रखा और उसी हाथ की बड़ी ऊँगली को मेरी योनि की ओर बढ़ा कर मेरे भगांकुर को ढूँढने लगा।
![[Image: 35219177_058_ae37.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/122/35219177/35219177_058_ae37.jpg)
![[Image: 94767908_005_537f.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/352/94767908/94767908_005_537f.jpg)
![[Image: 48055082_063_9532.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/312/48055082/48055082_063_9532.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
